'मैं अपने भाई का रखवाला हूँ': मानवाधिकार परिषद में नस्लीय न्याय की भावपूर्ण पुकार

जिनीवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र को सम्बोधित करते हुए जियॉर्ज फ़्लॉयड के भाई फ़्लॉनेस फ़्लॉयड ने समाज में गहरी जड़ जमाए नस्लवाद को उखाड़ फेंकने की पुकार लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र से कार्रवाई करने का आग्रह किया है. अमेरिका के मिनियापॉलिस शहर में 25 मई को एक पुलिस अधिकारी ने एक काले अफ़्रीकी व्यक्ति जियॉर्ज फ़्लॉयड की गर्दन पर कई मिनटों तक अपना घुटना टिकाए रखा था और हालत बिगड़ने पर बाद में पुलिस हिरासत में ही जियॉर्ज फ़्लॉयड की मौत हो गई थी. इस घटना के विरोध में नस्लीय न्याय की माँग के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं.
मानवाधिकार परिषद के नाम पहले से रिकॉर्ड किए गए अपने सन्देश में फ़्लॉनेस फ़्लॉयड ने अमेरिका में काले लोगों की मौतों और विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ हिंसा की अन्तराष्ट्रीय जाँच कराए जाने की अपील की है.
"What is at stake is the lives & lived experiences of human beings who should not be denied these rights on the basis of the color of their skin"− Tendayi Achiume @UN_SPExperts on #racism calls for Commission of Inquiry on systemic #racism & law enforcement in the US.#HRC43 pic.twitter.com/YveJZv1LT1
UNGeneva
संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव आमिना जे मोहम्मद ने इस सन्देश को और मज़बूती देते हुए कहा, “आज लोग बुलन्द आवाज़ में और भावपूर्ण ढँग से कह रहे हैं: बस, बहुत हुआ.
संयुक्त राष्ट्र का दायित्व है कि अनेक लोगों द्वारा महसूस की गई इस पीड़ा का जवाब दिया जाए.”
“यह ध्येय हमारे संगठन की पहचान के केन्द्र में है. हमारे मूल चार्टर में समान अधिकारों को प्रतिष्ठापित किया गया था. जिस तरह हमने बरसों पहले रंगभेदी नीतियों से लड़ाई लड़ी थी, वैसे ही नफ़रत, दमन और अवमानना से लड़ा जाना होगा.”
मानवाधिकार परिषद ने वर्ष 2006 में अपना कामकाज शुरू किया था और यह महज़ पाँचवी बार है जब अविलम्ब बहस (Urgent debate) आयोजित की गई है.
अफ्रीकी समूह के देशों के अनुरोध पर मानवाधिकार परिषद के सत्र में बुधवार को नस्लवाद के मुद्दे पर पहली बार अविलम्ब चर्चा का आयोजन किया गया.
फ़्लॉनेस फ़्लॉयड ने प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कथित पुलिस क्रूरता और उन प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ हिंसा का ज़िक्र किया जो जियॉर्ज फ़्लॉयड के साथ हुए बर्ताव और उनकी मौत का विरोध करने के लिए हज़ारों-लाखों की संख्या में सड़कों पर उतरे थे.
अपने रिकॉर्डेड सन्देश में फ़्लॉनेस फ़्लॉयड ने कहा, “आपने मेरे भाई को मरते हुए देखा. वो मैं भी हो सकता था. मैं अपने भाई का रखवाला हूँ.”
“संयुक्त राष्ट्र में आप अमेरिका में अपने भाई और बहनों के रखवाले हैं और आपके पास मेरे भाई जियॉर्ज फ़्लॉयड को न्याय दिलाने में मदद करने की ताक़त है. मैं आपसे अपने लिए मदद माँग रहा हूँ. मैं आपसे अमेरिका में हम काले लोगों के लिए मदद माँग रहा हूँ.”
इससे पहले बहस की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने मामले की गम्भीरता और तत्काल कार्रवाई की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि सँयम का बाँध टूट रहा है.
“काले लोगों की ज़िन्दगियाँ मायने रखती हैं. आदिवासियों की ज़िन्दगियाँ मायने रखती हैं. अश्वेत (काले, भूरे) लोगों की ज़िन्दगियाँ मायने रखती हैं.”
उन्होंने कहा कि सभी लोगों के पास जन्म से ही समान गरिमा और अधिकार हैं और यह परिषद इसी भाव का मज़बूती से समर्थन करती है.
फ़्लॉनेस फ़्लॉयड ने मानवाधिकार परिषद के प्रतिनिधियों को ध्यान दिलाया कि उनके 46 वर्षीय भाई जियॉर्ज फ़्लॉयड की 25 मई को किन हालात में अमेरिका के मिनियापॉलिस शहर में मौत हुई थी.
“उनके बेहोश हो जाने, हरकत ना करने और साँस रुक जाने के बाद भी अधिकारी ने अपना घुटना मेरे भाई की गर्दन पर चार और मिनटों तक टिकाए रखा जबकि कई चश्मदीद उनसे गुहार कर रहे थे कि वो गर्दन से घुटना हटा लें ताकि मेरे भाई की ज़िन्दगी बच जाए.”
फ़्लॉनेस फ़्लॉयड ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने कोई दया भाव या मानवता नहीं दिखाई और उनके भाई को मिनियापॉलिस शहर में सड़क के बीचो-बीच यातनापूर्ण ढँग से मार दिया गया.
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों की आवाज़ों को अनसुना कर हम काले लोगों को एक बार फिर वही सबक़ सिखाने की कोशिश हो रही थी: अमेरिका में काले लोगों की ज़िन्दगियों की कोई क़ीमत नहीं है.
मानवाधिकार मामलों की प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने अपने सम्बोधन में दुनिया भर में चुनिन्दा संस्थाओं और क़ानून लागू करने वाली एजेंसियों में सुधार का आहवान किया है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गहरी पैठ जमा चुके नस्लवाद से सरकारी संस्थानों का क्षरण हो रहा है, असमानता और ज़्यादा गहरी हो रही है और मानवाधिकारों का हनन हो रहा है.
जियॉर्ज फ़्लॉयड की कथित पुलिस हिंसा में मौत के बाद 600 से ज़्यादा मानवाधिकार संगठनों द्वारा अपील जारी की गई थी, जिसके बाद मानवाधिकार परिषद में अफ्रीकी देशों के समूह ने नस्लवाद के मुद्दे पर चर्चा का आग्रह किया था.
अफ़्रीकी समूह के प्रतिनिधि और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य के प्रतिनिधि लियोपॉल्ड इस्माएल साम्बा ने दुनिया के कुछ हिस्सों में अफ्रीकी मूल के लोगों के ख़िलाफ़ नस्लीय हत्या, पुलिस क्रूरता और मानवाधिकारों के बार-बार उल्लंघन की घटनाओं पर गहरी चिन्ता जताते हुए कड़ी निन्दा की है.
वर्ष 2002 में नस्लवाद के ख़िलाफ़ ‘डरबन वर्ल्ड कान्फ्रेन्स’ में नस्लवाद, नस्लीय भेदभाव, विदेशियों के प्रति नापसन्दगी व डर, और असहिष्णुता के ख़िलाफ़ लड़ाई के लिए ली गई प्रतिज्ञाओं को फिर से असरदार ढँग से लागू करने का संकल्प लिया गया है.
जियॉर्ज फ़्लायड के परिवार के प्रति सहानुभूति का इज़हार करने के लिए हुए इस सत्र में विरोध प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ हिंसा के मुद्दे पर भी चर्चा की.
उपमहासचिव आमिना जो मोहम्मद ने प्रतिनिधियों को बताया कि यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश नस्लवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में उनके साथ हैं और हर औज़ार के साथ इसका मुक़ाबला करने के लिए संकल्पित हैं.
इस दिशा में यूएन महासचिव ने एक-वर्षीय प्रक्रिया आरम्भ की है जिसके तहत यूएन कर्मचारियों की चिन्ताएँ सुनी जा रही हैं.