मानव जीवन को पोषित करते महासागरों की स्वास्थ्य-रक्षा का आहवान
महासागरों और मानवता के स्वास्थ्य के बीच बहुत गहरा सम्बन्ध है और रोज़मर्रा के जीवन में अनेक अमूल्य ज़रूरतों जैसे भोजन, आजीविका, परिवहन और व्यापार को पूरा करने में महासागरों का अहम योगदान है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार, 8 जून, को ‘विश्व महासागर दिवस’ के अवसर पर ध्यान दिलाया है कि प्लास्टिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से महासागरों की रक्षा करने के लिए अभिनव समाधान तलाश करने होंगे.
महासागरों का पृथ्वी की सतह के तीन चौथाई हिस्से तक विस्तार है और पृथ्वी पर उपलब्ध कुल जल में 97 फ़ीसदी महासागरों में ही समाया है.
Sea levels are rising due to climate change.Oceans are becoming more acidic & teeming with plastic.As we work to end the #COVID19 pandemic & build back better, we have an unprecedented opportunity to protect the ocean on which millions of lives and livelihoods depend. pic.twitter.com/EMIsWXEy6B
antonioguterres
यूएन प्रमुख ने कहा कि पृथ्वी के फेफड़ों की तरह काम करते हुए महासागर कार्बन डाय ऑक्साइड को भी सोख़ते हैं जिससे वैश्विक जलवायु को नियन्त्रित करने में मदद मिलती है.
लेकिन महासागरों में अम्ल की मात्रा बढ़ रही है और प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण अब महासागरों को बुरी तरह अपनी चपेट में ले चुका है. इससे समुद्री जैवविविधिता और जीवन के लिए बेहद आवश्यक भोजन श्रृंखलाओं (फ़ूड चेन्स) के लिए जोखिम और ज़्यादा गहरा हो गया है.
महासचिव गुटेरेश ने साथ ही चिन्ता जताई कि, “जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री जलस्तर बढ़ रहा है, निचले तटीय इलाक़ों वाले देशों में शहरों व समुदायों में लोगों की ज़िन्दगियों और आजीविका पर ख़तरा मँडरा रहा है.”
टिकाऊ उपयोग
इस वर्ष की थीम “टिकाऊ महासागरों के लिए नवाचार (Innovation)” रखी गई है.
इसके अन्तर्गत अनेक वर्चुअल कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिनके ज़रिये दुनिया भर में लागू किए जा रहे अभिनव समाधनों पर नज़र डाली जाएगी.
यूएन प्रमुख ने इस दिवस पर अपने सन्देश में कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद पुनर्निर्माण प्रक्रिया एक पीढ़ी में मिलने वाला एक ऐसा अवसर है जिसकी मदद से दुनिया प्रकृति के साथ अपने सम्बन्ध को फिर से सही मायनों में स्थापित कर सकती है.
ग़ौरतलब है कि महासागरों की रक्षा के लक्ष्य से संयुक्त राष्ट्र ने ‘टिकाऊ विकास के लिए महासागर विज्ञान का दशक 2021-2030’ (Decade of Ocean Science for Sustainable Development) की घोषणा की है.
इस पहल का उद्देश्य महासागरों के बिगड़ते स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उनके टिकाऊ विकास के लिए परिस्थितियों का निर्माण करने में देशों को सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया गया है.
महासागरों के प्रति बेहतर समझ और नवाचार के ज़रिये मछलियों, समुद्री जीवन और अन्य संसाधनों को संरक्षित किया जा सकता है और नए उत्पादों व दवाइयों की खोज में भी मदद मिल सकती है.
पृथ्वी पर जीवन में महासागरों की भूमिका को रेखांकित करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसम्बर 2008 में एक प्रस्ताव पारित कर हर साल 8 जून को ‘विश्व महासागर दिवस’ बनाने की घोषणा की थी.