डीआरसी: यूनीसेफ़ द्वारा बाल हत्याओं की कड़ी निन्दा

देश का उत्तरपूर्वी हिस्सा ईबोला और खसरा की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है.
UNICEF/MADJIANGAR
देश का उत्तरपूर्वी हिस्सा ईबोला और खसरा की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है.

डीआरसी: यूनीसेफ़ द्वारा बाल हत्याओं की कड़ी निन्दा

शांति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य (डीआरसी) के पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुए एक हमले की कड़ी निन्दा की है जिसमें 16 लोग मारे गए हैं, इनमें 15 वर्ष से कम उम्र की पाँच लड़कियाँ भी हैं.

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डीआरसी में यूनीसेफ़ प्रतिनिधि एडुआर्ड बीबेडेर ने शनिवार को कहा, “मासूम बच्चों पर इस हमले की हम यथा सम्भव कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं.”

संयुक्त राष्ट्र द्वारा पुष्ट ख़बरों में कहा गया है कि ये हमला मौउसा के एक गाँव में 3 जून को हुआ. ये इलाक़ा इतूरी प्रान्त की राजधानी बूनिया के उत्तर में स्थित है.

इस हमले का शिकार हुए सभी मृतक लोग अतीत के विस्थापित लोग थे जो निकट अतीत में गाँव में वापिस लौट आए थे.

अनेक ग्रामीणों ने जब बन्दूकों की गोलियाँ चलने की आवाज़ें सुनीं और चाकुओं से हमला होते देखा तो वो भागकर पास के गाँवों में पहँच गए.

इतूरी प्रान्त रक्तरंजित

वर्ष 2020 के शुरू से ही इतूरी प्रान्त में हिंसा जारी है जिसने 300 से भी ज़्यादा लोगों की ज़िन्दगी लील ली है. प्रान्त के अनेक इलाक़ों में हो रही हिंसा के कारण दो लाख से ज़्यादा लोगों को वहाँ से भागना पड़ा है, जिनमें ज़्यादातर बच्चे हैं. 

इन लोगों को राजधानी बूनिया में और उसके आसपास शरण लेनी पड़ी है, कुछ लोग स्थानीय समुदायों के साथ ठहर पाए हैं, जबकि बहुत से लोगों को भीड़ भरे इलाक़ों में रहना पड़ा है.  

इतना ही नहीं, यूनीसेफ़ को बालाधिकारों के गम्भीर उल्लंघन वाले 100 से भी ज़्यादा आरोप हासिल हुए हैं, मसलन, बलात्कार, हत्याएँ और अपंग बनाया जाना, इनके अलावा अप्रैल और मई महीनों के दौरान स्कूलों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी हमले हुए हैं.

यूएन बाल एजेंसी ने मई में वहाँ तेज़ी से बिगड़ती स्थिति के बारे में आगाह किया था और डीआरसी सरकार व अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से इस संकट को टालने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया या था, जिसके कारण और भी ज़्यादा बच्चों के विस्थापित होने और ख़तरे में पड़ने की आशंका है.

यूनीसेफ़ प्रतिनिधि ने कहा, “हम सभी पक्षों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का सम्मान करने का आहवान करते हैं.”