चिकित्सा सामग्री से भरा यूनीसेफ़ का विमान यमन पहुँचा
संयुक्त राष्ट्र बालकोष – यूनीसेफ़ ने युद्धग्रस्त देश यमन में कोविड-19 का फैलाव रोकने में मदद के लिए जीवनदाई सामग्री के साथ एक विमान भेजा है जो शनिवार को राजधानी सना पहुँच गया है.
यूएन एजेंसी ने कहा है कि इस सामान में चिकित्सा सामग्री भी है जिनमें अग्रिम मोर्चों पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ऐप्रॉन, बूट, फ़ेस मास्क और दस्ताने सहित निजी बचाव उपकरण (पीपीई) भी शामिल हैं.
यमन में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि सारा बेयसोलॉव न्यान्ति का कहना है, “इस सामग्री की बदौलत हमारे साहसिक स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 के फैलाव का सामना असरदार तरीक़े से कर पाएँगे जोकि पहले से ही रात-दिन काम कर रहे हैं.”
यूनीसेफ़ का कहना है कि कोविड-19 के फैलाव ने यमन में पहले से मौजूद संकट के हालत में एक और आपदा की स्थिति उत्पन्न कर दी है.
देश में केवल आधी स्वास्थ्य सेवाएँ ही सक्षम हैं, जबकि वहाँ लगभग हर बच्चे को, जिनकी संख्या क़रीब एक करोड़ 20 लाख है, मानवीय सहायता की ज़रूरत है.
इनमें से लगभग पाँच लाख बच्चे अत्यन्त गम्भीर कुपोषण के शिकार हैं.
यूनीसेफ़ प्रतिनिधि का कहना है कि यमन में कोविड-19 के कारण पैदा हुई अनिश्चितता के बावजूद एजेंसी देश भर में ज़रूरतमन्द परिवारों और बच्चों तक ज़रूरी चीज़ें पहुँचाने में लगी है.
“एक मज़बूत और टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला की बदौलत हम अपना काम सुचारू रूप से कर पाएँगे.”
निजी बचाव उपकरणों से देश भर में प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों, अस्पतालों और एकान्तवास इकाइयों में काम करने वाले लगभग 1600 स्वास्थ्यकर्मियों को मदद मिलेगी और वो तीन महीने की अवधि के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और पोषण सेवाएँ दे सकेंगे.
आने वाले कुछ सप्ताहों के दौरान कोविड-19 की टेस्ट किटों और कुछ अन्य सामग्री भी यमन में पहुँचाई जानी है.
ये जीवनदाई सामग्री ऑस्ट्रेलिया सरकार और अन्तरराष्ट्रीय विकास संगठन-विश्व बैंक की उदार सहायता के ज़रिये उपलब्ध कराई गई है.
यमन में मानवीय सहायता कार्यों में तेज़ी लाने के लिए दानदाताओं का एक सम्मेलन मंगलवार, 2 जून को होना है.
उससे पहले यूनीसेफ़ ने देश में कोविड-19 का मुक़ाबला करने के प्रयासों में बच्चों और समुदायों की मदद करने के वास्ते पाँच करोड़ डॉलर की रक़म जुटाने की अपील की है.