ईद के मौक़े पर तालिबान और अफ़ग़ान सरकार में युद्धविराम का स्वागत

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अफ़ग़ानिस्तान की सरकार और तालिबान द्वारा तीन दिन के लिए लड़ाई रोके जाने की घोषणा का स्वागत किया है. ईद-उल-फ़ित्र के पर्व से कुछ ही घण्टे पहले तालिबान ने अनेपक्षित घोषणा में कहा था कि उनकी ओर से हमले सिर्फ़ तभी होंगे जब उनके ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा. इसके कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने भी सुरक्षा बलों को इसका पालन करने के आदेश जारी कर दिए.
इससे पहले वर्ष 2018 में भी ईद पर युद्धविराम की ऐसी ही घोषणा की गई थी लेकिन लड़ाई रोके जाने की अवधि को फिर नहीं बढ़ाया गया था.
तालिबान लड़ाकों ने सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों में प्रवेश ना करने की बात कही है.
हाल के कुछ हफ़्तों में शान्ति की दिशा में प्रयास कमज़ोर पड़ने की पृष्ठभूमि में तालिबान और इस्लामिक स्टेट (दाएश) सहित अन्य चरमपंथी तत्वों की ओर से हमले तेज़ हो गए थे.
UNAMA welcomes Taliban & #Afghanistan government statements of a 3-day ceasefire over Eid. The Afghan people deserve a respite from violence. The UN urges parties to respect the halt to fighting & urgently look to make it permanent. Intra-Afghan peace negotiations need to start.
UNAMAnews
रविवार को ईद की नमाज़ के बाद राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में राष्ट्रपति ग़नी ने एक क़दम आगे बढ़ाने की घोषणा करते हुए तालिबान बन्दियों की रिहाई की प्रक्रिया तेज़ करने की भी बात कही है.
अमेरिका और तालिबान के बीच फ़रवरी 2020 में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे, लेकिन उसके बाद अफ़ग़ान सरकार और तालिबान में वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बन्दियों की रिहाई एक अवरोध रहा है.
शनिवार रात यूएन प्रमुख गुटेरेश की ओर से जारी बयान मे कहा गया है कि महासचिव सभी पक्षों से इस अवसर का लाभ उठाने और अफ़ग़ानों के नेतृत्व में शान्ति वार्ता को अपनाने का अनुरोध करते हैं.
"एक शान्ति समझौता ही अफ़ग़ानिस्तान में पीड़ा का अन्त कर सकता है. संयुक्त राष्ट्र अफ़ग़ानिस्तान की जनता और सरकार को इस महत्वपूर्ण यत्न में समर्थन देने के प्रति संकल्पित है."
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन (UNAMA) ने भी इस पहल का स्वागत किया है. ट्विटर पर अपने संदेश में यूएन मिशन ने लिखा है कि, "अफ़ग़ान जनता को हिन्सा से राहत चाहिए. यूएन सभी पक्षों से लड़ाई रोके जाने का सम्मान करने और उसे स्थाई बनाने के लिए जल्द से जल्द से क़दम उठाने का आग्रह करता है."
सन्देश में अफ़ग़ानिस्तान के विभिन्न पक्षों में वार्ता को शुरू करने की ज़रूरत को रेखांकित किया गया है.
यूएन मिशन की प्रमुख और अफ़ग़ानिस्तान में महासचिव की विशेष प्रतिनिधि डेबराह ल्योन्स ने अपना पदभार पिछले महीने ही सम्भाला है. उन्होंने इस घोषणा को उम्मीद का कारण बताते हुए उसका स्वागत किया.
उन्होंने कहा कि यह यूएन महासचिव की उस पुकार के अनुरूप है जिसमें उन्होंने लड़ाई रोकने और ‘नए शत्रु’ कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ प्रयास केन्द्रित करने की बात कही थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अफ़ग़ानिस्तान में अब तक नौ हज़ार से ज़्यादा संक्रमणों की पुष्टि हो चुकी है और 211 लोगों की मौत हुई है.
संयुक्त राष्ट्र की राजनैतिक और शान्ति-निर्माण मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डिकार्लो ने भी उम्मीद जताई है कि हिन्सा पर विराम को स्थाई बनाया जा सकेगा और इससे राजनैतिक निपटारे की दिशा में निर्णायक ढंग से बढ़ना सम्भव होगा.