भारत में चक्रवाती तूफ़ान की रफ़्तार धीमी, जान-माल का नुक़सान
विश्व मौसम विज्ञान संगठन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि डॉक्टर मृत्युन्जय मोहापात्रा ने यूएन न्यूज़ हिन्दी के साथ बातचीत में बताया है कि गुरुवार को चक्रवाती तूफ़ान ‘अम्फन‘ की रफ़्तार धीमी पड़ गई थी. बुधवार को सुपर सायक्लोन अम्फन पश्चिम बंगाल और ओडिशा में हवा के तेज़ झोंके और भारी बारिश लाया जिससे जान-माल का भारी नुक़सान हुआ है.
तूफ़ान आने से पहले ही लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया गया था. मीडिया रिपोर्टों अनुसार 70 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है, अनेक घरों को नुक़सान हुआ है और पेड़ गिरने से बिजली और इन्टरनेट सेवाओं पर भी असर हुआ है.
डॉक्टर मृत्युन्जय मोहापात्रा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक भी हैं. उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में आए इस तूफ़ान की रफ़्तार 230 से 240 किलोमीटर प्रति घण्टा थी.
बुधवार को पश्चिम बंगाल के तटीय इलाक़ों से टकराते समय यह एक बेहद गम्भीर चक्रवाती तूफ़ान बन गया था.
तटीय इलाक़ों से टकराते समय इसकी हवा की गति 155-165 किलोमीटर प्रति घण्टा थी, भारी बारिश हुई और समुद्र में कई मीटर ऊँची लहरें उठी.
पश्चिम बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, हुगली, पूर्वी मेदिनिपुर सहित अन्य इलाक़े प्रभावित हुए हैं और नॉर्थ और साउथ परगना के निचले इलाक़ों में जलभराव हो गया है.
कोलकाता, हावडा और हुगली अन्य ज़िलों में 110 से 130 किलोमीटर की रफ़्तार से हवाएँ चली लेकिन बाद में हवा की गति कम होकर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घण्टा रह गई.
मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने बताया कि चक्रवाती तूफ़ानों जैसे ‘हुदूद’, ‘तितली’ और ‘बुलबुल’ और अब ‘अम्फन’ पर जुटाई गई सटीक जानकारी दर्शाती है कि संगठन के पास वो औज़ार, मानवीय विशेषज्ञता और टैक्नॉलजी हैं जिससे पहले से ही पर्याप्त तैयारियाँ की जा सकती हैं.
भारत में मौसम विज्ञान के क्षेत्र में आधुनिकीकरण कार्यक्रम की बदौलत हाल के सालों में यह तस्वीर बदली है.
समय से पूर्व चेतावनी प्रणाली इन प्रयासों का एक अहम हिस्सा है.
क्षेत्र में स्थित देशों को भारत समय रहते चेतावनी व जानकारी उपलब्ध कराता रहा है और अम्फन के दौरान भी बांग्लादेश सहित अन्य देशों को हर तीन घण्टे पर एक अपडेट भेजा गया.