'केवल वेनेज़ुएला के लोग ही संकट का हल निकाल सकते हैं'
विश्व में राजनैतिक व शान्तिरक्षा मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि वेनेज़ुएला में मौजूदा राजनैतिक गतिरोध को दगूर करने का एक मात्र रास्ता बातचीत ही बचा है, विशेषकर कोविड-19 महामारी के मौजूदा प्रकोप के दौर में. राजनैतिक और शान्तिरक्षा मामलों की प्रभारी और अवर महासचिव रोज़मैरी डी कार्लो ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को लैटिन अमेरिकी देश वेनेज़ुएला की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए ये बात कही.
उन्होंने कहा, “वेनेज़ुएला एक ऐसे लम्बे और गहराते संकट में फँसा हुआ है जिसे केवल वेनेज़ुएला के लोग ही हल कर सकते हैं.”
रोज़मैरी डी कार्लो ने सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों को स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि समाधान तलाश करने के अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद बातचीत के ज़रिये कोई समाधान निकालने की कोशिशें अभी तक नाकाम रही हैं.
In a @UN Security Council briefing on #Venezuela today, Under-Secretary-General @DicarloRosemary called on all main political actors in the country to resume serious negotiations. Full statement: https://t.co/PqqogqJzuj pic.twitter.com/UxxVyJ3kRV
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उन्होंने कोई टिकाऊ समाधान निकालने के लिए वेनेज़ुएला के ही लोगों के बीच बातचीत का आहवान करने वाली संयुक्त राष्ट्र महासचिव की अक्सर दोहराई गई अपील का ज़िक्र करते हुए कहा कि देश की मुख्य राजनैतिक हस्तियों के बीच बातचीत ही आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता बचा है, जिसके लिए अगर अनुरोध किया गया तो संयुक्त राष्ट्र भी मदद कर सकता है.
रोज़मैरी डी कार्लो ने कहा, “कोविड-19 महामारी के माहौल में एक ऐसे समझौते की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है जिससे लोकतांत्रिक प्रशासन मज़बूत हो और जिसमें मानवाधिकारों और क़ानून के शासन का पूर्ण सम्मान हो.” उन्होंने तमाम देशों से इस ज़रूरत को समर्थन देने का भी आग्रह किया.
वेनेज़ुएला में राष्ट्रपति निकोलास मदूरो और विपक्षी नेता जुआन गुआइडो के बीच जारी खींचतान से उपजे राजनैतिक गतिरोध के कारण आर्थिक संकट पैदा हो गया है जिसने गम्भीर मानवीय संकट भी खड़ा कर दिया है. इसके फलस्वरूप लगभग 51 लाख वेनेज़ुएलावासियों को बेहतर ज़िन्दगी के लिये विदेशों में जाना पड़ा है.
इनमें ज़्यादातर अन्य लैटिन अमेरिकी व कैरीबियाई देश हैं जहाँ वो शरणार्थी और प्रवासी बनकर रहने को मजबूर हैं.
सुरक्षा परिषद की बुधवार को हुई इस बैठक के लिए अनुरोध रूसी महासंघ ने किया था और 22 अप्रैल 2020 के बाद से वेनेज़ुएला की स्थिति पर सुरक्षा परिषद की ये तीसरी बैठक थी. कोविड-19 के कारण यूएन मुख्यालय में उठाए गए क़दमों के कारण ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेन्सिन्ग के ज़रिए की गई.
सुश्री डी कार्लो ने कहा कि कोविड-19 शुरू होने से पहले राष्ट्रीय एसेम्बली की ऐपलीकेशन कमेटी को इस वर्ष के अन्त में विधायिका चुनाव कराने के लिए परिस्थितियाँ तैयार करनी थी. ये कमेटी ही एक मात्र ऐसा औपचारिक मंच था जहाँ सरकारी और विपक्षी सदस्य एक साथ आए थे.
विपक्षी सदस्यों की माँग है कि विधायिका चुनावों के साथ ही राष्ट्रपति पद के लिए भी चुनाव कराए जाएँ. डी कार्लो ने इस सन्दर्भ में मुख्य राजनैतिक हस्तियों का आहवान किया है कि वो एक विश्वस्नीय, समावेशी और सब की भागीदारी वाला चुनाव सम्भव बनाने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाएँ.
कोरोनावायरस का घेराव
राजनैतिक मामलों की प्रभारी रोज़मैरी डी कार्लो ने कहा कि वेनेज़ुएला में कोविड-19 महामारी से प्रभावि बेहद कमज़ोर हालात वाले लोगों की मदद करने के लिए अभी और ज़्यादा धन की जरूरत है. इसके लिए यूएन कोविड-19 वैश्विक मानवीय सहायता योजना में वेनेज़ुएला के लिए 75 करोड़ डॉलर की रक़म की ज़रूरत बताई गई है.
उन्होंने ये ध्यान दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय को वेनेज़ुएला में राजनैतिक नेताओं व पत्रकारों को बन्दी बनाए जाने की ख़बरें मिली हैं जबकि पत्रकार महामारी पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं.
साथ ही चिकित्सा सामग्री व उपकरणों की समुचित आपूर्ति नहीं होने की स्थिति पर आवाज़ उठाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों या या संक्रमण के मामलों की संख्या पर बात करने वाले को भी धमकियाँ मिली हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में वेनेज़ुएला में कोविड-19 संक्रमण के 618 मामलों की पुष्टि की है जबकि दस लोगों की मौत हुई है.
अवर महासचिव रोज़मैरी डी कार्लो ने कहा कि मानवीय सहायता का राजनीतिकरण किया जाना भी एक बड़ी चिन्ता का मुद्दा है.
देश भर में ईंधन की कमी होने के कारण मानवीय सहायता संगठनों को कोविड-19 का मुक़ाबला करने के प्रयासों में अपने काम करने में मुश्किलें हो रही हैं. दूसरी तरफ़ सरकार का कहना है कि देश के ख़िलाफ़ इकतरफ़ा प्रतिबन्धों के कारण ईंधन की ये कमी हुई है.
राजनैतिक मामलों की प्रभारी रोज़मैरी डी कार्लो का कहना था कि आगे बढ़ने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए संयुक्त राष्ट्र देश में मानवाधिकारों और मानवीय सहायता सम्बन्धी अपनी गतिविधियाँ जारी रखेगा, साथ ही देश के बाहर पहुँचे वेनेज़ुएला के शरणार्थियों व प्रवासियों को ज़रूरी सहायता उपलब्ध कराना जारी रखेगा.
सुश्री डी कार्लो ने ये भी बताया कि वेनेज़ुएला की सरकार ने मई के आरम्भ में सुरक्षा परिषद को एक पत्र भेजा था जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति मदुरो और अन्य उच्च स्तरीय अधिकारियों की हत्या करने के इरादे से कुछ “कुछ अपराधियों व आतंकवादियों के गुट” 3 और 4 मई को देश में अवैध रूप से दाख़िल हुए हैं.
अवर महासचिव ने कहा कि कोलम्बिया, अमेरिका और विपक्षी नेता जुआन गुआइडो ने इसमें किसी भी तरह से अपना हाथ होने के सरकारी आरोपों का खण्डन किया है.
संयुक्त राष्ट्र के तीन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने 6 मई को जारी एक संयुक्त वक्तव्य में राष्ट्रपति मदूरो की सरकार से पूछा था कि वो वेनेज़ुएला के लोगों की मदद किस तरह करने का इरादा रखते हैं, जिनमें से बहुत से लोग पहले ही जीवित रहने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.