कोविड-19: जवाबी कार्रवाई को गति देने वाले ‘ऐतिहासिक प्रस्ताव’ का स्वागत

विश्व स्वास्थ्य ऐसेम्बली ने अभूतपूर्व एकजुटता दिखाते हुए कोविड-19 के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबी कार्रवाई के लिए एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है. बुधवार को यूएन स्वास्थ्य एजेंसी – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि इसमें पेश स्पष्ट रोडमैप से कोरोनावायरस पर क़ाबू पाने के प्रयासों को सतत और त्वरित ढंग से आगे बढ़ाया जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन और उसके सदस्य देशों की ज़िम्मेदारी निर्धारित की गई है और सरकार व समाज के स्तर पर पूर्ण व समन्वित प्रयासों की ज़रूरत को पहचाना गया है जिसकी हम महामारी के शुरुआती दिनों से ही पुकार लगाते रहे हैं.”
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WHO
“अगर इसे लागू किया गया तो पहले से ज़्यादा सुसंगत, समन्वित और निष्पक्ष जवाबी कार्रवाई को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी जिससे ज़िन्दगियों और आजीविकी की रक्षा की जा सके.”
इस प्रस्ताव में वैश्विक महामारी से सुरक्षित और असरदार उपायों के सहारे मुक़ाबला करने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया है.
इससे प्रभावी वैक्सीनी, दवाइयों और अन्य स्वास्थ्य उत्पादों के रास्तों में आने वाले अवरोधों को भी हटाया जा सकेगा.
“हम सभी देशों से इस पहल का हिस्सा बनने का आहवान करते हैं.”
यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि इस महामारी से लड़ाई में अभी एक लम्बा रास्ता तय करना है.
पिछले 24 घण्टों में कोविड-19 के संक्रमण के एक लाख छह हज़ार से ज़्यादा संक्रमणों का पता चला है और जब से यह महामारी फैली है तब से एक दिन में पुष्टि होने वाले मामलों की यह सबसे बड़ी संख्या है. इनमें दो तिहाई मामले महज़ चार देशों में पता चले हैं.
“कम और मध्य आय वाले देशों में मामलों की संख्या लगातार बढ़ने से हम बेहद चिन्तित हैं.”
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य ऐसेम्बली में सरकारों ने कोरोनावायरस संक्रमण के फैलाव पर क़ाबू पाने, ज़िन्दगियाँ बचाने और आजीविका के साधनों को पुनर्बहाल करने को अपनी प्राथमिकता क़रार दिया था.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि स्वास्थ्य प्रणालियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बाल टीकाकरण सहित सभी अन्य ज़रूरी सेवाएँ भी महामारी के दौरान जारी रखी जा सकें.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में एक ईबोला मरीज़ को पूरी तरह ठीक होने के बाद अस्पताल से 14 मई को छुट्टी मिल गई. यह उम्मीद जताई गई है कि वो ईबोला का आख़िरी मरीज़ होगा.
“उस दिन डीआरसी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 42 दिनों की उल्टी गिनती शुरू की थी जिसके बाद बीमारी पर क़ाबू पाने की घोषणा की जाएगी.”
“अभी 36 दिन और बचे हैं लेकिन नए मामले अब भी सामने आ सकते हैं, जैसा हम पहले भी देख चुके हैं.”
संगठन के महानिदेशक के मुताबिक इस महामारी ने कई सबक़ सिखाए हैं और इनमें एक यह भी है: स्वास्थ्य कोई क़ीमत नहीं है; यह एक निवेश है.
“एक सुरक्षित दुनिया में रहने के लिए सभी के लिए गुणवत्तापरक स्वास्थ्य ना सिर्फ़ सही चयन है बल्कि स्मार्ट चयन भी है.”
विश्व स्वास्थ्य ऐसेम्बली में पारित प्रस्ताव के मुताबिक:
- कोविड-19 महामारी से मुक़ाबला करने में सभी गुणवत्तापरक और ज़रूरी स्वास्थ्य टैक्नॉलजी का न्यायसंगत रूप से वितरण वैश्विक प्राथमिकता होगा
- कोविड-19 वैक्सीन को सार्वजनिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए ज़रूरी घोषित किया जाएगा ताकि महामारी के अन्त के लिए उसे सभी तक पहुँचाया जा सके
- निजी क्षेत्र और सरकार द्वारा पोषित रीसर्च में पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा