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कोविड-19: 'अफ्रीकी प्रगति को बचाने के लिए एकजुटता की दरकार'

कैमेरून में एक खाद्य राशन वितरण की क़तार में सामाजिक दूरी बरतती महिलाएँ, कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में ऐहतियात बरती जा रही है.
WFP/Glory Ndaka
कैमेरून में एक खाद्य राशन वितरण की क़तार में सामाजिक दूरी बरतती महिलाएँ, कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में ऐहतियात बरती जा रही है.

कोविड-19: 'अफ्रीकी प्रगति को बचाने के लिए एकजुटता की दरकार'

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने अफ्रीकी महाद्वीप में अभी तक हासिल की गई प्रगति के खो जाने का जोखिम पैदा कर दिया है. उन्होंने बुधवार को तमाम दुनिया से अफ्रीकी लोगों के साथ मज़बूती से खड़े होने का आग्रह किया है – अभी और महामारी से बेहतर तरीक़े से उबरने के प्रयासों के दौरान.

यूएन महासचिव ने अफ्रीका पर कोविड-19 के प्रभावों के बारे में एक ब्रीफ़िंग दस्तावेज़ वर्चुअली जारी करते हुए ध्यान दिलाया कि पूरे अफ्रीका महाद्वीप में लोगों ने अपने हालात बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है.

मलावी में कुसून्गू ज़िले के ग्रामीण एक ड्रोन विमान की उड़ान देखते हुए.
©UNICEF/Andrew Brown
मलावी में कुसून्गू ज़िले के ग्रामीण एक ड्रोन विमान की उड़ान देखते हुए.

दस्तावेज़ में मज़बूत आर्थिक प्रगति, फ़िलहाल जारी डिजिटल क्रान्ति, और साहसिक मुक्त व्यापार एरिया समझौते का भी ज़िक्र किया गया है.

लेकिन महासचिव ने साथ ही ये भी कहा कि “महामारी ने अफ्रीकियों की प्रगति को जोखिम में डाल दिया है.”

यूएन प्रमुख ने कोविड-19 के कारण पहले से ही मौजूद विषमताओं के और ज़्यादा व्यापक होने, भुखमरी बढ़ने, कुपोषण और बीमारियाँ फैलने की आशंकाएँ और ज़्यादा गम्भीर होने पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि “अभी बहुत कुछ समय और भविष्य के गर्त में छुपा है.”

उन्होंने बताया कि अफ्रीका में ज़रूरी सामान की माँग में कमी के साथ-साथ पर्यटन व विदेशों से आने वाले धन में बड़ी गिरावट देखी गई है. “व्यापार ज़ोन को खोलने की योजनाओं को पीछे धकेल दिया गया है – और लाखों लोगों के अत्यन्त ग़रीबी के गर्त में धकेल दिए जाने का ख़तरा पैदा हो गया है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि इससे भी ज़्यादा गम्भीर बात ये है कि कोविड-19 के कारण अफ्रीका में ढाई हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है: “सतर्कता और तैयारी बहुत अहम है“.

तत्काल चुनौतियों का दायरा

यूएन महासचिव ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि यूएन एजेंसियाँ, देशों में टीमें, शान्तिरक्षा अभियान और मानवीय सहायताकर्मी सहायता मुहैया कराने में लगे हुए हैं, फिर भी तत्काल चुनौतियों के बड़े दायरे को देखते हुए और ज़्यादा तत्काल सहायता की ज़रूरत है.

दक्षिण अफ्रीका में स्कूली बच्चे परेड में भाग लेते हुए.
Trevor Samson/World Bank
दक्षिण अफ्रीका में स्कूली बच्चे परेड में भाग लेते हुए.

यूएन प्रमुख ने कहा, “हम अफ्रीका में स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करने, खाद्य आपूर्ति बरक़रार रखने, वित्तीय संकट को टालने, शिक्षा क्षेत्र में सहायता करने, कामकाज व रोज़गार बचाने, पारिवारिक व कारोबारी जीवन को जारी रखने और अफ्रीका में आय व निर्यात से होने वाली आमदनी की भरपाई करने में अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई का आहवान करते हैं.”

यूएन महासचिव ने अपनी वह अपील फिर दोहराई जिसमें कहा गया था कि विश्व स्तर पर कोविड-19 महामारी से उबरने के प्रयासों में विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा निर्धारित किया जाए. उन्होंने क़र्ज़ वसूली पर विश्व स्तर पर रोक लगाने का आहवान भी किया जिसके बाद लक्षित तौर पर क़र्ज़ अदायगी में राहत दी जाए.

“अफ्रीकी देशों के लिये ये भी बहुत महत्वपूर्ण होगा कि बन्दूकों को ख़ामोश करने की उनके प्रयास टिकाऊ रूप से जारी रहें और साथ ही हिंसक अतिवाद से भी निपटा जाए. निकट भविष्य में होने वाले चुनावों में स्थिरता व शान्ति के लिए बड़ी सम्भावनाएँ छुपी हुई हैं.”

महिलाएँ व युवा

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि महामारी से निपटने के सभी प्रयासों में महिलाओं पर मुख्य ध्यान केन्द्रित करना होगा, जिनमें राहत पैकेज भी शामिल हैं, और इन सभी में सामाजिक संरक्षा व महिलाओं के हाथों तक नक़दी पहुँचाने के भी इन्तज़ाम किए जाएँ.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “महामारी के फैलाव के दायरे को देखते हुए बहुत कठिन फ़ैसले लेने की ज़रूरत होगी, और ऐसे माहौल में ये बहुत ज़रूरी है कि सभी का विश्वास बरक़रार रखा जाए”, अफ्रीकी युवाओं को ज़रूरी तौर पर सशक्त बनाना होगा और मानवाधिकारों का सम्मान करना होगा.

समापन टिप्पणी में उन्होंने कहा कि अन्य महाद्वीपों की तुलना में अफ्रीका अभी कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने के शुरुआती दौर में है, लेकिन उन्होंने आगाह भी किया कि व्यवधान बहुत तेज़ी से फैलने शुरू भी हो सकते हैं.

महासचिव ने निष्कर्ष के रूप में कहा, “दुनिया भर में महामारी का ख़ात्मा करने के प्रयासों के बहुत ज़रूरी है इस महामारी को अफ्रीका में भी समाप्त किया जाए.”