रवाण्डा जनसंहार के मुख्य सन्दिग्ध की गिरफ़्तारी का स्वागत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिया के सबसे वान्छित भगोड़ों की सूची में शामिल फ़ेलिसियाँ काबुगा की गिरफ़्तारी का स्वागत किया है. फ़ेलिसियाँ काबुगा पर वर्ष 1994 में रवाण्डा जनसंहार में शामिल होने का आरोप है जिसमें केवल 100 दिनों के भीतर दस लाख से ज़्यादा अल्पसंख्यक तुत्सियों और उदारवादी हुतु लोगों की हत्या कर दी गई थी.
फ़्रेंच एजेंसियों और यूएन द्वारा गठित न्यायिक प्रक्रिया ‘International Residual Mechanism for Criminal Tribunals’ (IRMCT) द्वारा एक साझा जाँच अभियान के फलस्वरूप फ़ेलिसियाँ काबुगा को शनिवार को पेरिस में गिरफ़्तार किया गया.
रवाण्डा के लिए गठित संयुक्त राष्ट्र अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक ट्राइब्यूनल ने वर्ष 1997 में फ़ेलसियाँ काबुगा पर जनसंहार और मानवता के विरुद्ध अपराध सहित सात मामलों में आरोप तय किए थे.
यूएन महासचिव के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान के मुताबिक यह गिरफ़्तारी एक तगड़ा सन्देश है कि जिन लोगों पर ऐसे अपराधों के आरोप हैं वे न्याय प्रक्रिया से नहीं बच सकते और अन्तत: उनकी जवाबदेही तय होगी, 25 वर्ष से ज़्यादा समय के बाद भी.
काबुगा पर रवान्डा में ‘नेशनल डिफ़ेन्स फ़ण्ड’ की प्रोविज़नल समिति के प्रमुख के तौर पर 25 अप्रैल 1994 से जुलाई 1994 में कथित रूप से जनसंहार के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराने का आरोप है.
उन्होंने Radio Television Libre des Milles Collines नामक प्रसारक की भी मदद की जिसके रेडियो प्रसारणों में हुतु चरमपंथियों में तुत्सी समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाई गई और हिंसा के लिए भड़काया गया.
बयान में कहा गया है कि महासचिव की संवेदनाएँ फ़ेलिसियाँ काबुगा के कथित अपराध के पीड़ितों, अन्य गम्भीर अन्तरराष्ट्रीय अपराधों के पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ हैं. उन्होंने शान्ति, सुरक्षा व न्याय के लिए दण्डमुक्ति का अन्त होना बेहद आवश्यक बताया है.
समन्वित कार्रवाई
फ़ेलिसियाँ काबुगा को शनिवार को पेरिस के एक इलाक़े में योजनाबद्ध कार्रवाई के ज़रिए गिरफ़्तार किया गया और इस दौरान कई स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया.
उन्हें अब IRMCT भेजे जाने की योजना है जहाँ उन पर मुक़दमा चलेगा.
यूएन न्यायिक प्रक्रिया में मुख्य अभियोजक सर्गे ब्रैमर्ट्ज़ ने बताया, “अन्तरराष्ट्रीय न्याय के लिए काबुगा की गिरफ़्तारी दर्शाती है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन होने पर हम सफल हो सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि यह गिरफ़्तारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अडिग संकल्प का ही नतीजा है जिसने इस न्यायिक प्रक्रिया की स्थापना की थी ताकि रवाण्डा और पूर्व यूगोस्लाविया में जवाबदेही तय करने के प्रयास जारी रखे जा सकें.
IRMCT को फ़ेलिसियाँ काबुगा की तलाश वर्ष 2013 से थी. दिसम्बर 2015 में ‘इन्टरनेशल ट्राइब्यूनल फ़ॉर रवाण्डा‘ को बन्द कर दिया गया था और उसकी ज़िम्मेदारियों की देखरेख अब यही न्यायिक प्रक्रिया पूरा करती है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने यूएन तन्त्र और फ़्रांसीसी प्रशासन में सहयोग की सराहना की है जिसके फलस्वरूप यह गिरफ़्तारी सम्भव हो पाई है.