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कोविड-19: बन्दियों की सुरक्षा के लिए पुख़्ता स्वास्थ्य उपायों की पुकार

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य के बांगी में एक जेल में क़ैदी अपने परिजनों से मिल रहे हैं.
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मध्य अफ़्रीकी गणराज्य के बांगी में एक जेल में क़ैदी अपने परिजनों से मिल रहे हैं.

कोविड-19: बन्दियों की सुरक्षा के लिए पुख़्ता स्वास्थ्य उपायों की पुकार

क़ानून और अपराध रोकथाम

संयुक्त राष्ट्र की कई एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने वैश्विक महामारी से उपजे हालात में हिरासत कन्द्रों और अन्य बन्दीगृहों में रह रहे क़ैदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति गहरी चिन्ता जताई है. बुधवार को जारी एक साझा बयान में उन्होंने देशों से इस घातक वायरस से बन्दियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय अपनाने की पुकार लगाई है.

ये संयुक्त बयान मादक पदार्थों एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) की प्रमुख ग़ाडा फाती वॉली, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) मिशेल बाशेलेट और एचआईवी/एड्स मामलों के लिए यूएन संस्था (UNAIDS) की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यानयिमा की ओर से जारी किया गया है. 

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“हहम ऐसे स्थानों पर इस बीमारी के फैलाव को न्यूनतम करने की ज़रूरत और रोकथाम के पर्याप्त उपायों की गारंटी पर बल देना चाहते हैं ताकि कोविड-19 के और ज़्यादा बड़े पैमाने पर फैलने की रोकथाम हो सके और जवाबी कार्रवाई में लैंगिक ज़रूरतों का भी ख़याल रखा जा सके.”

यूएन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक समन्वय प्रणाली में ज़रूरत के अनुरूप बदलाव करते हुए स्वास्थ्य और न्यायिक सैक्टरों को साथ लाना होगा, बन्दीगृह कर्मचारियों को निरन्तर जानकारी मुहैया करानी होगी और मानवाधिकारों का सम्मान किया जाना होगा. 

बहुत से हिरासत केन्द्रों पर बन्दियों को भीड़-भाड़ वाले हालात में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है जिससे स्वच्छता, स्वास्थ्य सुरक्षा और मानवीय गरिमा पर असर पड़ता है.

इससे कोविड-19 महामारी की रोकथाम करने या उससे निपटने के उपाय करने के रास्ते में बड़ी अड़चनें पैदा हो जाती हैं. 

यूएन अधिकारियों ने ऐसे बन्दियों की रिहाई की अपील की है जो हिंसक गतिविधियों के दोषी नहीं है या फिर जिनके स्वास्थ्य को ज़्यादा ख़तरा है.

इससे तात्पर्य बुज़ुर्ग बन्दियों, बीमार चल रहे या पहले से स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे क़ैदियों से है. बन्दीगृहों पर साफ़-सफ़ाई की समुचित व्यवस्था करने को भी अहम बताया गया है ताकि कोरोनावायरस के फैलाव की रोकथाम हो सके. 

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और सुरक्षित ढंग से हिरासत में रखे जाने के लिए एक त्वरित और मज़बूत कार्रवाई सुनिश्चित की जानी होगी, और ऐसा करते समय भीड़भाड़ घटाने के प्रयास करने होंगे ताकि कोविड-19 वायरस के इन स्थानों पर प्रवेश करने और फैलने की रोकथाम हो सके.

सभी के लिए सुरक्षा

यूएन के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी अपील में कहा है कि हर देश को आपात हालात के बावजूद हिरासत केन्द्रों में कार्यरत लोगों और आज़ादी से वंचित लोगों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और मानवीय गरिमा सुनिश्चित करनी होगी.  

“बन्दीगृहों में रोकथाम और क़ाबू पाने के उपायों के साथ-साथ गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता बढ़ाने और एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस और नशीली दवाओं पर निर्भरता का इलाज निर्बाध रूप से जारी रखना होगा.”

उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों का भी सम्मान किया जाना होगा और पाबन्दियों को ज़रूरत और तथ्यों के आधार पर सुसंगत और सुनियोजित ढंग से लागू करना अहम है.

“हम राजनैतिक नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि बन्दीगृहों में कोविड-19 की तैयारी और जवाबी कार्रवाई की शिनाख़्त की जाए और उन्हें बुनियादी मानवाधिकारों के अनुरूप लागू किया जाए.”

आवश्यक क़दम विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुरूप अमल में लाने होंगे और क्रूर, अमानवीय व अपमानजनक बर्ताव या दण्ड से बचा जाना होगा.

इस बीच, मादक पदार्थों एवं अपराध पर यूएन कार्यालय ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि कोविड-19 के कारण घरों तक सीमित करने वाली पाबन्दियों से हत्या दर पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ा है.

यूएन कार्यालय का मानना है कि संगठित अपराध और युवाओं के गैंग का हिंसक गतिविधियों में शामिल होना नहीं रुका है. 

मार्च से 15 अप्रैल 2020 तक के आँकड़े दर्शाते हैं कि कुछ देशों में लिंग आधारित हत्याओं में कमी आई है लेकिन घरेलू हिंसा के मामलों में मदद के लिए सेवा केन्द्रों पर सम्पर्क करने के मामलों की संख्या बढ़ी है.