एशिया-प्रशान्त के महासागरों की पुनर्बहाली की उम्मीद

हाल के वर्षों में समुद्री प्रदूषण, अत्यधिक मत्स्य-पालन और तेज़ी से बढ़ते जलवायु परिवर्तन के कारण एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के महासागरों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. लेकिन एशिया और प्रशान्त के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) द्वारा बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड -19 महामारी के कारण इन्सानी गतिविधियों, मानवीय गतिशीलता और संसाधनों की माँग अस्थायी रूप से बन्द होने से समुद्री पर्यावरण को राहत मिली है.
Changing Sails: Accelerating Regional Actions for Sustainable Oceans in Asia and the Pacific नामक रिपोर्ट के अनुसार अगर देश पुनर्बहाली पर बड़े पैमाने पर निवेश करें तो कोविड-19 ख़त्म होने के बाद समुद्री स्थिरता और ज़्यादा बेहतरी की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.
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UNESCAP
इसके लिए विश्व को हरित नौपरिवहन, कार्बन उत्सर्जन कम करने और कम प्रभाव वाले मत्स्य-पालन, जलीय कृषि और पर्यटन जैसी सतत प्रणालियों की ओर रुख़ करना होगा.
संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव और ESCAP की कार्यकारी सचिव आर्मिदा सालसियाह अलिसजहबाना ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, “महासागरों के स्वास्थ्य और स्थिरता को बढ़ावा देना, एशिया और प्रशान्त क्षेत्र में सतत विकास के 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन के साथ अटूट रूप से जुड़ा हुआ है.
कोविड-19 महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में, घटते उत्सर्जन और ऊर्जा की कम माँग के कारण जो अवसर मिला है, समुद्री पर्यावरण की रक्षा के लिए उसका लाभ उठाना बहुत ज़रूरी है.”
उन्होंने कहा, “महासागरों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण व सतत उपयोग की चुनौतियाँ, समुद्री प्रबन्धन की जटिल प्रकृति और महासागरों और मानव गतिविधियों के बीच सम्पर्क की खंडित समझ में निहित हैं.”
एशिया और प्रशान्त क्षेत्र के लिए महासागर बेहद मूल्यवान हैं क्योंकि यहाँ इनका व्यापकता से उपयोग किया जाता है.
उदाहरण के लिए, मत्स्य पालन क्षेत्र 20 करोड़ से अधिक लोगों के लिए भोजन और आय का साधन है, जिसमें से 3 करोड़ 40 लाख मछली पकड़ने के व्यवसाय में लगे हुए हैं.
80 प्रतिशत से अधिक अन्तरराष्ट्रीय व्यापार जलीय जहाज़ों के ज़रिए होता है और इनमें से दो तिहाई व्यापार एशिया में केन्द्रित हैं.
फिर, एशिया-प्रशान्त के देश दुनिया के शीर्ष प्लास्टिक प्रदूषकों में शामिल हैं. दुनिया भर में महासागरों में लीक होने वाले 95 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे के लिए ज़िम्मेदार दस में से आठ नदियाँ एशिया में स्थित हैं.
इस अध्ययन में तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है - समुद्री सम्पर्क, सतत मत्स्य पालन और समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण – इन क्षेत्रों में तत्काल कार्रवाई करके महासागरों और समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों के ख़राब होते हालात को ठीक किया जाना ज़रूरी है.
रिपोर्ट में इस क्षेत्र के महासागरों के आँकड़ों में एक चौंकाने वाली कमी भी सामने आई है, इसमें सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी)14: यानि पानी के नीचे के जीवन के लिए दस में से केवल दो लक्ष्यों के लिए आंकड़ें उपलब्ध हैं.
इसके साथ ही, आँकड़ों में बहुत असमानता भी है, अक्सर उन देशों में असमानता सबसे ज़्यादा दिखाई देती है जहाँ उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है.
रिपोर्ट में महासागरों के लिए कार्रवाई में बदलाव के लिए समुद्र के आँकड़ों को अधिक पारदर्शी बनाने और अनदेखा किए गए मुद्दों पर मौजूदा राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणालियों में मजबूत निवेश किए जाने का आग्रह किया गया है.
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP), इलाक़े में स्थित देशों को वैज्ञानिक और तकनीकी विकास का लाभ उठाने व महासागरों के संरक्षण और सतत उपयोग पर अन्तरराष्ट्रीय महासागर संगठन (IMO), खाद्य और कृषि संगठन (एफ़एओ) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अन्तरराष्ट्रीय मानदन्डों और मानकों को लागू करने पर भी ज़ोर देता है.
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग इस साझा ज़िम्मेदारी के निर्वाहन के दौरान विकास के विभिन्न चरणों में, देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने के महत्व को भी रेखांकित करता है.
इसके लिए बहु-हितधारक साझेदारी आकर्षित करने के लिए ‘महासागर के एशिया-प्रशान्त दिवस’ जैसे मौजूदा मंचों के इस्तेमाल की ओर इशारा किया गया है.
क्षेत्रीय संवाद इसलिए भी ज़रूरी है ताकि प्रशान्त महासागर के छोटे विकासशील द्वीप राज्यों की सम्पर्क और डेटा ज़रूरतों के लिए समर्थन मिल सके, जो फ़िलहाल लाभकारी वैश्विक और क्षेत्रीय समुद्री व्यापार में अलग-थलग हैं.
ये रिपोर्ट एशिया और प्रशान्त के 76वें आर्थिक और सामाजिक आयोग की थीम पर आधारित है, जो 21 मई को आयोजित किया जाएगा.
ESCAP के इतिहास में पहली बार, इस आयोग का सत्र पूरी तरह से ऑनलाइन होगा, जिसमें 53 सदस्य देशों और 9 सहयोगी सदस्यों के मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और विभिन्न हितधारक हिस्सा लेंगे.
पूरी रिपोर्ट अंग्रेज़ी में यहाँ देखी जा सकती है: www.unescap.org/publications/changing-sails-accelerating-regional-actio…