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कोविड-19: यात्रा पाबन्दियों के कारण पर्यटन में पसरा सन्नाटा

इटली के ऐतिहासिक फ़्लोरेंस शहर का मुख्य इलाक़ा वीरान है.
© UNICEF/Francesco Spighi / The Florentine
इटली के ऐतिहासिक फ़्लोरेंस शहर का मुख्य इलाक़ा वीरान है.

कोविड-19: यात्रा पाबन्दियों के कारण पर्यटन में पसरा सन्नाटा

एसडीजी

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण दुनिया के अनेक देशों में तालाबन्दी और अन्य सख़्त पाबन्दियाँ लागू हैं. विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) का नया विश्लेषण दर्शाता है कि विश्व भर में हर पर्यटक स्थल पर यात्रा सम्बन्धी पाबन्दियाँ बरक़रार हैं जबकि 72 फ़ीसदी पर्यटक स्थलों ने अपनी सीमाएँ अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए पूरी तरह बन्द कर दी हैं. 

यूएन की पर्यटन मामलों की विशेषीकृत एजेंसी – विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) कोविड-19 महामारी के फैलने के शुरुआती दिनों से ही इस बीमारी के कारण पर्यटन सैक्टर पर होने वाले असर पर नज़र रखे हुए है.

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ताज़ा विश्लेषण के मुताबिक सख़्त पाबंदियाँ हटाने के लिए प्रक्रिया पर चर्चा शुरू हुई है लेकिन 100 फ़ीसदी पर्यटन स्थलों पर अन्तरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए यात्रा सम्बन्धी पाबंदियाँ अब भी लागू हैं. 

यूएन एजेंसी के महासचिव ज़ुराब पोलोलिकाश्विली ने का कहना है, “देशों में तालाबंदी होने और लोगों के घरों तक सीमित रहने से सभी बड़े सैक्टरों में पर्यटन पर सबसे ज़्यादा असर हुआ है.

UNWTO सरकारों से साथ मिलकर काम करने और पाबन्दियों में समय रहते और ज़िम्मेदार ढंग से ढील देने और हटाने की अपील करता है, जब भी ऐसा करना सुरक्षित हो.”

पाबन्दियाँ और लाइफ़-लाइन

27 अप्रैल 2020 तक एकत्र आँकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में 217 पर्यटक स्थलों में 156 (72 फ़ीसदी) अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए पूरी तरह बन्द हैं.

25 फ़ीसदी स्थलों पर कम से कम तीन महीनों से पाबन्दियाँ लागू हैं जबकि 40 प्रतिशत जगहों पर पिछले दो महीनों में पाबन्दियाँ लागू की गई हैं.

रीसर्च दर्शाती है कि अभी तक किसी भी प्रभावित पर्यटन स्थल पर यात्रा सम्बन्धी ढील या अनुमति नहीं दी गई है. 

पर्यटन लाखों लोगों के लिए, विशेषकर विकासशील देशों में, एक जीवन रेखा की तरह है. दुनिया को फिर से पर्यटन के लिए खोलने से लोगों के रोज़गारों और आजीविका की रक्षा होगी जो टिकाऊ विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उठाया गया एक अहम क़दम होगा. 

यूएन एजेंसी ने यह आकलन 30 जनवरी 2020 के बाद उठाए गए उपायों के आधार किया है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेन्सी घोषित किया था.   

इससे पहले अन्तरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) ने अपनी ताज़ा आकलन में बताया था कि कोविड-19 के कारण विमान कम्पनियों को अन्तरराष्ट्रीय उड़ानों से मिलने वाले राजस्व में 198 से लेकर 273 अरब डॉलर तक का नुक़सान उठाना पड़ सकता है.

सामान्य हालात में विश्व भर की एयरलाइन्स उड़ानों में वर्ष 2020 में दो अरब से ज़्यादा अन्तरराष्ट्रीय यात्री सफ़र करते – यानि प्रतिदिन 57 लाख यात्री. लेकिन महामारी की वजह से हवाई यातायात पर अभूतपूर्व असर पड़ा है और वर्ष 2020 में विमान कम्पनियों को अन्तरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में  डेढ़ अरब तक की गिरावट का सामना करना पड़ सकता है. 

साथ ही विमान कम्पनियों को अपनी उपलब्ध सीटों की संख्या में 49 से 72 फ़ीसदी तक की कटौती करनी पड़ सकती है.