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सीरिया में 'टाइम बम' जैसे हालात, 'और उपेक्षा ना करे दुनिया'

कोविड-19 महामारी के दौरान संयुक्त राष्ट्र निर्बल समुदायों को राहत प्रदान कर रहा है.
UNDP Syria
कोविड-19 महामारी के दौरान संयुक्त राष्ट्र निर्बल समुदायों को राहत प्रदान कर रहा है.

सीरिया में 'टाइम बम' जैसे हालात, 'और उपेक्षा ना करे दुनिया'

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) मिशेल बाशेलेट ने शुक्रवार को चिंता जताई है इस्लामिक स्टेट (दाएश) सहित हिंसा में शामिल कुछ पक्ष कोविड-19 महामारी का इस्तेमाल फिर से संगठित होने और आम आबादी को निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं. सीरिया में हिंसा में हताहत होने वाले आम लोगों की बढ़ती संख्या और मानवाधिकार हनन के मामल निर्बाध गति से जारी रहने के बीच उन्होंने यह बात कही है.    

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने सीरिया में बदहाल हालात को एक ऐसे टाइम बम की तरह बताया है जिसकी अब और उपेक्षा नहीं की जा सकती.

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“हमें हर दिन ऐसी रिपोर्टें मिल रही हैं जिनके मुताबिक देश के एक कोने से दूसरे कोने तक लोगों को निशाना बनाकर मारा जा रहा है और बमबारी हो रही है, और इस तरह के अनेक हमले आबादी वाले इलाक़ों में हुए हैं.” 

यूएन कार्यालय ने बताया कि पिछले महीने आईईडी विस्फोटों में 35 आम नागरिकों की मौत हुई थी जबकि मार्च में ऐसी घटनाओं में मृतकों का आँकड़ा सात था. 

मार्च महीने की शुरुआत से ही आबादी भरे इलाक़ों और बाज़ारों को निशाना बनाया गया है. लगभग सभी हमले देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में हुए हैं जो तुर्की के सैन्य बलों और सहयोगी हथियारबंद गुटों या फिर कुर्दों के नेतृत्व वाले विरोधी गुटों के नियंत्रण में हैं. 

मानवाधिकार कार्यालय ने 28 अप्रैल को हुई एक घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि पश्चिमोत्तर क्षेत्र में स्थित अफ़रीन शहर के एक बाज़ार में ईंधन भरे ट्रक में विस्फोट हुआ जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई. इनमें 29 आम नागरिक थे. 

अधिकांश मामलों में किसी भी गुट ने हमलों की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.

हताहतों की बढ़ती संख्या

मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कहा, “एक दशक से सीरिया हिंसा से दहला हुआ है जिसके नतीजे में हज़ारों लोगों की मौत और लाखों विस्थापित हुए हैं.”

“अनगिनत परिवारों को सदमा पहुँचा है, और अनेक शहर, क़स्बे, गाँव और घर तबाह हो गए हैं.” 

संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया के दक्षिणी हिस्से में मार्च 2020 के शुरु से निशाना बनाकर की गई हत्याओं के 52 मामले दर्ज किए हैं. इन घटनाओं में सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों में 17 आम नागरिकों की भी मौत हुई है.  

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने बारूदी सुरंगों और अन्य विस्फोटक सामग्रियों से लोगों की जान जाने और घायल होने की संख्या पर चिंता जताई है. मार्च से ऐसी 41 घटनाओं में 29 आम लोगों की मौत हुई है.

उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटनाएँ ऐसे ही बढ़ती रहीं तो देश के फिर व्यापक हिंसा में झुलसने का ख़तरा पैदा हो जाएगा जिसे सभी पक्ष दंड के भय के बग़ैर अंजाम देते हैं.  

इस बीच पश्चिमोत्तर प्रांत इदलिब में तुर्की और रूस की मदद से लागू हुए युद्धविराम पर फ़िलहाल अमल किया जा रहा है. तुर्की और रूस हिंसक संघर्ष में अलग-अलग पक्षों को समर्थन देते हैं.  

लेकिन सरकार का समर्थन करने वाले गुटों और विरोधी सशस्त्र गुटों में अलेप्पो के ग्रामीण इलाक़ों और इदलिब में रुक-रुक कर ज़मीनी झड़पें होने की रिपोर्टे हैं. 

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने महासचिव गुटेरेश की अपील को दोहराते हुए वैश्विक एकजुटता की पुकार लगाई है ताकि कोविड-19 रूपी साझा दुश्मन का सामना किया जा सके.

उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के जीवन की रक्षा सर्वोपरि है और उनकी सुरक्षा को दरकिनार किया जाना अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों और मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है.