कोविड-19 के वायरस के पशु स्रोत का पता लगाने की सिफ़ारिश
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को कोविड-19 महामारी फैलने का कारण बने वायरस के पशु स्रोत का पता लगाने और यह जॉंच-पड़ताल करने के लिए कहा है कि ये संक्रमण मनुष्यों में कैसे फैला. शुक्रवार को यूएन एजेंसी की आपात समिति ने सर्वसहमति जताई कि कोविड-19 अब भी एक अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी है.
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिनियम के तहत गठित आपात समिति की गुरुवार को बैठक हुई थी जिसमें यह सिफ़ारिश जारी की गई है.
यूएन एजेंसी प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा से वर्चुअल प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, “हम कमेटी की सलाह स्वीकार करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक व सहयोगपूर्ण मिशनों के ज़रिए यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को खाद्य एवं कृषि संगठन और पशु स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन के साथ मिलकर वायरस के पशु स्रोत का पता लगाने का काम करे.”
आपात समिति के एक बयान में साझीदार संगठनों से वायरस के मानवीय आबादी तक पहुँचने के रास्ते की शिनाख्त करने की सलाह दी गई है.
उन उपायों से रोकथाम के लिए लक्षित उपाय तैयार करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की आशंका को कम करने के लिए रिसर्च एजेंडा को पुख़्ता बनाना संभव हो सकेगा.
कमेटी ने यूएन एजेंसी के लिए 20 सिफ़ारिशें जारी की हैं जिनमें कमज़ोर देशों के लिए समर्थन का स्तर बढ़ाने, वैश्विक फ़ूड सप्लाई चेन को मज़बूत करने और अंतरराष्ट्रीय यात्राएँ फिर शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने जैसे विषय शामिल हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की 15 सदस्यों वाली समिति के चेयरमैन दिदियर हुसैन ने कहा किअभी इस वायरस के फैलाव पर बहुत कम जानकारी है और रोकथाम के लिए ना तो वैक्सीन है और ना ही कोई उपचार उपलब्ध है. इस स्थिति को बदला जाना होगा.
कोविड-19 पर क़ाबू पाने के प्रयासों के तहत योरोपीय आयोग द्वारा सोमवार को एक संकल्प सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जिसके ज़रिए कोविड-19 वैक्सीन पर शोध के लिए धनराशि एकत्र की जाएगी.
महामारी के लिए वैक्सीन विकसित करने व असरदार दवाई की शिनाख़्त की रफ़्तार तेज़ करने के लिए हाल ही में ‘Access to COVID-19 Tools (ACT)’ एक्सीलरेटर पहल शुरू हुई है.
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हमारे पाठक नॉवल कोरोनावायरस के बारे में संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन व अन्य यूएन एजेंसियों द्वारा उपलब्ध जानकारी व दिशा-निर्देश यहाँ देख सकते हैं. कोविड-19 के बारे में यूएन न्यूज़ हिंदी के दैनिक अपडेट के लिए यहाँ क्लिक करें.कोरोनावायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने को गुरुवार 30 अप्रैल को तीन महीने पूरे हुए और इसी सिलसिले में विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने गुरुवार को आपात समिति की बैठक बुलाई थी.
ग़ौरतलब है कि 30 जनवरी 2020 को आपात समिति की दूसरी बैठक के बाद कोरोनावायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किया गया था.
स्वास्थ्य मामलों में आपात हालात के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह उच्चतम स्तर का अलार्म है.
उस समय चीन से बाहर किसी संक्रमित व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी और संक्रमण के 100 से भी कम मामले थे. 11 मार्च को कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी के रूप में परिभाषित किया गया था.
दुनिया भर में अब तक कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 30 लाख को पार कर गई है और दो लाख 24 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
आपात समिति की अगली बैठक90 दिनों के भीतर बुलाई जाएगी.