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कोविड-19: प्राथमिकताएँ: वैश्विक युद्धविराम, निर्बलों की मदद, पुनर्बहाली की योजना

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश वर्चुअल प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश वर्चुअल प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए.

कोविड-19: प्राथमिकताएँ: वैश्विक युद्धविराम, निर्बलों की मदद, पुनर्बहाली की योजना

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरुवार को एक वर्चुअल प्रैस वार्ता के दौरान कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई को जीतने का संकल्प दोहराया है. उन्होंने कहा कि इस विकराल चुनौती से निपटने के लिए यूएन प्रणाली तीन मुख्य आयामों पर ध्यान केंद्रित कर रही है: वैश्विक युद्धविराम को लागू करना; सबसे नाज़ुक हालात में रह रहे लोगों की मदद सुनिश्चित करना; और आर्थिक व सामाजिक पुनर्बहाली की योजना तैयार करना.

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के कारण 30 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और दो लाख 17 हज़ार से अधिक की मौत हुई है. 

महासचिव ने कोविड-19 के कारण बदहाल हालात और बड़ी संख्या में लोगों की मौतें होने पर शोक जताते हुए कहा कि विकासशील देशों के साथ पर्याप्त एकजुटता नहीं दिखाई जा रही है जो चिंता का सबब है.

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"कोविड-19 महामारी इन देशों में जंगल में आग की तरह फैल सकती है और इसके लिए उन्हें तैयार रहने और संभावित आर्थिक व सामाजिक प्रभावों से निपटने की ज़रूरत होगी."

"एकजुटता, एकता और आशा की पुकार लगाती हमारी आवाज़ स्पष्ट रही है."

यूएन प्रमुख ने कहा कि इस साझा दुश्मन से लड़ाई के लिए वैश्विक युद्धविराम की अपील की गई है. साथ ही दो अरब डॉलर की वैश्विक मानवीय राहत योजना शुरू हुई है जिसके ज़रिए सबसे निर्बलों, शरणार्थियों व घरेलू विस्थापितों की मदद की जाएगी.

इसके लिए दानदाताओं ने प्रस्तावित योजना की आधी धनराशि का संकल्प ले लिया है.

महासचिव ने संयुक्त राष्ट्र प्रणाली द्वारा किए जा रहे प्रयासों में तीन मुख्य आयाम रेखांकित किए: वैश्विक युद्धविराम को हासिल करना; विकट आर्थिक हालात में फँसे लोगों की तात्कालिक ज़रूरतों को पूरा करना; और हालात में बेहतरी के लिए योजना पर तत्काल काम शुरू करना.

वैश्विक युद्धविराम को हासिल करना

युद्धविराम की अपील को व्यापक समर्थन मिला है – 114 सरकारों, क्षेत्रीय संगठनों, धार्मिक नेताओं और सभी क्षेत्रों के 200 से ज़्यादा नागरिक समाज समूहों ने इसका समर्थन किया है और इनमें 16 हथियारबंद संगठन भी हैं. 

लेकिन उन्होंने माना कि अविश्वास अब भी क़ायम है और युद्धविराम को प्रभावी ढंग से लागू कर पाने की दिशा में आगे बढ़ना कठिन है. इस दिशा में प्रगति के लिए यूएन के विशेष प्रतिनिधि और दूत अथक प्रयास कर रहे हैं ताकि मंशा को वास्तविकता के धरातल पर उतारा जा सके.

महासचिव ने कहा कि सीरिया के इदलिब प्रांत में युद्धविराम अब भी क़ायम है और इसे देशव्यापी स्तर पर लागू किए जाने की आशाएँ हैं. अफ़ग़ानिस्तान में भी सरकार और तालिबान के बीच मानवीय आधार पर युद्धविराम के प्रयास हो रहे हैं. 

साथ ही उन्होंने यमन में शांति के अवसर के लिए उम्मीद जताई है लेकिन लीबिया में तमाम कोशिशों के बावजूद हिंसा में तेज़ी आने को खेदजनक क़रार दिया है.

उन्होंने मज़बूत राजनैतिक समर्थन को शांति प्रयासों को असरदार बनाने के लिए कुंजी बताया है. उन्होंने आशा जताई कि सुरक्षा परिषद में इस मुद्दे पर देश एकता दर्शाते हुए ऐसे निर्णय लेंगे जिससे युद्धविराम अर्थपूर्ण व वास्तविक हो सकें. 

आर्थिक व सामाजिक चुनौतियाँ झेल रहे लोगों की मदद

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने इसी हफ़्ते जानकारी दी है कि महामारी की वजह से कामकाजी घंटों में भारी गिरावट जारी है जिससे कामकाजी लोगों की आधी आबादी के रोज़गार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

लाखों बच्चों को जीवनरक्षक वैक्सीन नहीं मिल पाने का ख़तरा मंडरा रहा है. 50 करोड़ अतिरिक्त लोग निर्धनता के चक्र में फँस सकते हैं और तीन दशकों में पहली बार यह बढ़ोत्तरी होगी.

“मैंने विश्व अर्थव्यवस्था के दो अंकों में प्रतिशत के बराबर एक वैश्विक राहत पैकेज की पैरवी करना जारी रखा है जो कम से कम 10 फ़ीसदी होगा.”

उन्होंने कहा कि अनेक विकसित देशों के पास इन चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन हैं लेकिन विकासशील देशों को व्यापक सहारे की आवश्यकता होगी. 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 36 विकासशील देशों के पहले समूह के लिए 12 अरब डॉलर से ज़्यादा आपात वित्तीय मदद को मंज़ूरी दे दी है. 100 से ज़्यादा देशों ने इसका अनुरोध किया है.  

विश्व बैंक ने संकेत दिया है कि नए और मौजूदा संसाधनों के साथ अगले 15 महीनों में 160 अरब डॉलर की वित्तीय मदद मुहैया कराई जा सकती है. वहीं जी-20 समूह ने निर्धनतम देशों के लिए क़र्ज़ अदायगी पर फ़िलहाल रोक लगा दी है. लेकिन इसे अपर्याप्त बताते हुए अन्य उपायों की अपील की गई है.

इस क्रम में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को नए 'स्पेशल ड्राइंग राइट्स' जारी करने होंगे जिससे कोष द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और ज़्यादा पुख़्ता बनाया जा सके. साथ ही क़र्ज़ वापसी पर छूट सभी विकासशील देशों के लिए उपलब्ध होनी चाहिए.

हालात से उबरने की तैयारी

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि कोविड-19 से उपजे हालात से उबरने की योजना का ख़ाका अभी से तैयार किया जाना होगा. इस कार्ययोजना के मूल में सुरक्षित, स्वस्थ, ज़्यादा टिकाऊ व समावेशी दुनिया का रास्ता रखना होगा. 

उन्होंने कहा कि बेहतर भविष्य के लिए कमज़ोरियों, असमानताओं और सामाजिक संरक्षण की योजनाओं की ख़ामियों को दूर करना होगा और भावी ख़तरों से निपटने के लिए महिला सशक्तिकरण व लैंगिक समानता सुनिश्चित करनी होगी. 

इसके समानांतर जलवायु कार्रवाई की योजना को भी जारी रखना अहम होगा ताकि विश्व अर्थव्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन पर निर्भरता को कम किया जा सके और रोज़गार के हरित साधनों का सृजन हो.

उन्होंने कहा कि यह समय अंध आशावाद या पंगु कर देने वाले निराशावाद का नहीं है. यह समय कोविड-19 को हराने और इस संकट पर पार पाकर सभी के लिए एक बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए दृढ़ संकल्पी होने का है.