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अफ़ग़ानिस्तान: 2020 की पहली तिमाही में 500 से ज़्यादा लोगों की मौत

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) कार्यालय.
UNAMA/Fardin Waezi
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) कार्यालय.

अफ़ग़ानिस्तान: 2020 की पहली तिमाही में 500 से ज़्यादा लोगों की मौत

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा के कारण वर्ष 2020 के पहले तीन महीनों के दौरान 500 से ज़्यादा आम नागरिकों की मौत हुई जिनमें 150 से ज़्यादा बच्चे थे. रिपोर्ट में देश में कोविड-19 महामारी के बढ़ते ख़तरे के बीच सभी पक्षों से आम लोगों को हिंसा के दंश से बचाने के लिए ज़्यादा प्रयास करने की ज़रूरत पर बल दिया गया है.

संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) की ताज़ा रिपोर्ट में अफ़ग़ानिस्तान में साल 2020 के पहले तीन महीनों में एक हज़ार 293 आम लोगों के हताहत (533 मौतें, 760 घायल) होने की जानकारी दी गई है.

रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि लंबे समय से जारी हिंसा अब भी आम नागरिकों के लिए गहरी पीड़ा का सबब बनी हुई है. 

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रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2020 में हिंसा के स्तर में बढ़ोत्तरी परेशान कर देने वाली है क्योंकि उसी दौरान अफ़ग़ान सरकार और तालिबान में शांति वार्ता की आशा जताई गई थी.

साथ ही यह उम्मीद बंधी थी कि हिंसक संघर्ष के कारणों को दूर करने के साथ-साथ सभी अफ़ग़ान नागरिकों को कोविड-19 के प्रकोप से बचाने के प्रयासों को प्राथमिकता दी जाएगी. 

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि और यूएन मिशन की प्रमुख डेबराह लियोन्स ने कहा, “महासचिव ने साझा दुश्मन कोविड-19 से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वैश्विक युद्धविराम की पुकार लगाई है और मैं सभी पक्षों से इस अवसर का उपयोग करने की अपील करती हैं.”

“अफ़ग़ानिस्तान में अनगिनत आम लोगों की जान की रक्षा के लिए और देश को एक बेहतर भविष्य की आशा देने के लिए, यह ज़रूरी है कि युद्धविराम के साथ हिंसा रोकी जाए और शांति वार्ता शुरू की जाए.”

यूएन मिशन मार्च महीने में हिंसा में बढ़ोत्तरी होने और आम नागरिकों के निशाना बनने पर  ज़्यादा चिंतित है.

यह रुझान इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि इससे ठीक पहले 22 से 28 फ़रवरी तक सरकार समर्थित सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच हिंसा में गिरावट आई थी और फिर 29 फ़रवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे. 

पहली तिमाही में आम नागरिकों के हताहत होने के लिए 710 मामलों (282 मौतें, 428 घायल) के लिए सरकार विरोधी तत्वों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है.

सरकार समर्थित सुरक्षा बलों के कारण 412 लोग (198 मौतें, 214 घायल) हताहत हुए जबकि शेष मामलों के लिए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बलों व अन्य हथियारबंद गुटों को ज़िम्मेदार बताया गया है. 

हिंसा से महिलाएँ और बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं और इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. यूएन मिशन के मुताबिक 1 जनवरी से 31 मार्च 2020 तक 417 बच्चे हताहत हुए (152 मौतें, 265 घायल) और 168 महिलाएँ (60 मौतें, 108 घायल) हताहत हुईं.

मार्च 2020 में हिंसा का स्तर बढ़ने के बावजूद इस वर्ष की पहली तिमाही में हताहत होने वाले आम नागरिकों की कुल संख्या में वर्ष 2019 की पहली तिमाही के मुक़ाबले 29 फ़ीसदी की कमी आई है.

वर्ष 2012 के बाद यह पहली बार है किसी साल की पहली तिमाही में हताहतों का ऑंकड़ा सबसे कम है.