कोविड-19: योरोप में 'तूफ़ान के बादल अब भी क़ायम', सख़्ती पर ज़ोर 

यूक्रेन में आवाजाही और खाली समय बिताने के लिए लोग सायकिलों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
UN Ukraine/Shuvaev
यूक्रेन में आवाजाही और खाली समय बिताने के लिए लोग सायकिलों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

कोविड-19: योरोप में 'तूफ़ान के बादल अब भी क़ायम', सख़्ती पर ज़ोर 

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा है कि योरोप में अब भी तूफ़ान के बादल मंडरा रहे हैं. विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के संक्रमण के मामलों की संख्या पिछले 10 दिनों में दोगुनी होकर 10 लाख का ऑंकड़ा पार कर गई है. योरोप में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या वैश्विक मामलों की कुल संख्या की 10 फ़ीसदी है. 

योरोपीय क्षेत्र के लिए यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के क्षेत्रीय निदेशक हैन्स क्लुगे ने डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन से जानकारी देते हुए बताया, “यह दुखद है कि योरोप में इस वायरस के कारण 84 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है.” 

योरोपीय क्षेत्र में संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामलों वाले 10 देशों में हालात में बेहतरी होने की कुछ उम्मीद जागी है. स्पेन, इटली, फ़्रांस, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में हाल के दिनों में संक्रमण और मौत के नए मामलों में कमी आई है.

लेकिन ब्रिटेन, तुर्की, यूक्रेन, बेलारूस और रूस में नए मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी के कारण चिंता बरक़रार है.

यूएन विशेषज्ञ ने कहा कि योरोप के लिए अगले कुछ हफ़्ते बेहद अहम हैं.

Tweet URL

“यह समझने में ग़लती नहीं करनी चाहिए कि वसंत के मौसम के बावजूद हम अब भी एक तूफ़ान का सामना कर रहे हैं. यह बेहद ज़रूरी है कि लोग सतर्कता बनाए रखें.”

ऐहतियात के लिए शारीरिक दूरी बरते जाने और तालाबंदी के कारण जीवन और आजीविका के साधनों पर व्यापक असर हुआ है.

उन्होंने सरकारों व स्वास्थ्य प्रशासनों से अपील की है कि अब इस बात पर विचार किया जाना होगा कि किन परिस्थितियों में और किस तरह चरणबद्ध ढंग से इन उपायों में सुरक्षा बरतते हुए ढील दी जा सकती है. 

बढ़ते मामलों की संख्या त्रासदीपूर्ण 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने वैश्विक स्तर पर हालात की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक कोविड-19 के 20 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हुई है. इस महामारी से लगभग एक लाख 23 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है.

उन्होंने पिछले सप्ताह से अब तक मृतकों की संख्या में इस बढ़ोत्तरी को त्रासदीपूर्ण और ख़तरनाक क़रार दिया है. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की नई रणनीति का ख़ाका पेश करते हुए उन्होंने बताया कि सामाजिक व आर्थिक पाबंदियों को हटाते समय देशों को किन बातों का ख़याल रखना होगा.

उन्होंने कहा कि बेहद चौकन्ना रहना होगा, “अगर जल्दबाज़ी में क़दम उठाए गए तो मामलों के फिर तेज़ी से उभरने का जोखिम है जो मौजूदा स्थिति से कहीं ज़्यादा ख़राब हो सकता है.”

उन्होंने सचेत किया कि सबसे पहले संक्रमण के फैलाव पर नियंत्रण करना होगा. नए मामलों का पता लगाने, परीक्षण करने, संक्रमितों को एकांतवास में रखने और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमताओं को मज़बूत बनाना होगा.

ये भी पढ़ें: पाबंदियां हटाने के लिए छह कसौटियों पर होगा निर्णय

यूएन एजेंसी प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि स्वास्थ्य केंद्रों, नर्सिंग होम्स और इसी तरह केअन्य स्थानों पर महामारी के फैलने की रोकथाम करनी होगी और कार्यस्थलों, स्कूलों व अन्य ज़रूरी सेवाओं वाले स्थानो पर ऐहतियात बरती जानी होगी. 

उन्होंने स्पष्ट किया है कि बाहर से आने वाले लोगों में संक्रमण के जोखिम का सामना करने के लिए इंतज़ाम करने होंगे और समुदायों को नए हालात में जीवन जीने के लिए तैयार होने के लिए पूर्ण रूप से जानकारी उपलब्ध करानी होगी. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने पिछले सप्ताह यूएन एजेंसी ने ‘सप्लाई चेन टास्क फ़ोर्स’ शुरू की है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम और अन्य साझीदार संगठनों के साथ शुरू हुई यह एक आपात सप्लाई चेन है जिसके ज़रिए महामारी के गंभीर रूप से फैलने के दौरान विश्व के 30 फ़ीसदी हिस्से की ज़रूरतों का ख़याल रखा जाएगा. 

इसके तहत आठ देशों में हब बनाए गए हैं और 16 बोइंग 747, मध्यम आकार वाले कार्गो और यात्री विमान तैनात किए गए हैं.

इन उड़ानों के ज़रिए हर महीने ज़रूरी सामग्री – बचाव सामग्री व उपकरण, ऑक्सीजन, लैब उपकरण - की खेप को ज़रूरतमंद देशों तक पहुंचाया जाएगा. इस क्रम में 14 अप्रैल को पहली खेप रवाना की जा चुकी है. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम का अनुमान है कि सामग्री के भंडारण और भेजे जाने में 28 करोड़ डॉलर की धनराशि की ज़रूरत होगी.

सामग्री की ख़रीद के लिए इससे कहीं ज़्यादा रक़म की आवश्यकता है जिसे संभव बनाने के लिए दानदाताओं से मदद का आहवान किया गया है. 

उन्होंने मीडिया की उन रिपोर्टों को ख़ारिज किया है जिसमें चीन में समुद्री वन्यजीवों के बाज़ारों (Wet markets) के फिर खुलने पर यूएन एजेंसी की राय को ग़लत ढंग से पेश किया गया.

उन्होंने दोहराया है कि खाद्य सहित कोविड-19 से प्रभावित सभी सैक्टरों में मज़बूत नियम लागू करने होंगे और स्वच्छता, साफ़-सफ़ाई व सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी ताकि जीवन सामान्य हो सके. 

स्वच्छ बाज़ार, स्वच्छ भोजन 

साथ ही उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वन्यजीवों की ख़रीद-फ़रोख़्त पर सरकारों को सख़्त पाबंदी लगानी होगी और ऐसे उपाय करने होंगे ताकि बाज़ारों में बिकने वाले भोज्य पदार्थों स्वच्छ व सुरक्षित हों.

भावी चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने चिंता जताई कि शारीरिक दूरी बरते जाने के लिए लागू पाबंदियों के कारण हिंसक घटनाओं में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.

कोविड-19 संक्रमण से निपटने के लिए लगाई गईं सख़्त पाबंदियों से क़रीब डेढ़ अरब बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है. 

इसके अलावा कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 10 अप्रैल से अब तक इबोला के संक्रमण के चार नए मामलों का पता चला है जबकि उससे पहले 54 दिनों तक इस घातक बीमारी के किसी नए मामले की पुष्टि नहीं हुई थी. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दोहराया है कि महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सभी देशों के साथ स्थानीय हालात के अनुरूप उपायों के लिए संगठन कटिबद्ध है. ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाएँ जारी रखने के समानांतर विश्वव्यापी महामारी के सामाजिक व आर्थिक नतीजों के दंश में कमी लाना भी सुनिश्चित करना होगा. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एक साथ मिलकर ही इस बीमारी पर क़ाबू पाया जा सकता है.