कोविड-19: तालाबंदी से करोड़ों बच्चों का टीकाकरण ख़तरे में

संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि जहां दुनिया भर के देश, कोविड-19 महामारी से निपटने में लगे हैं, 11 करोड़ 70 लाख से ज़्यादा बच्चों के ख़सरे के टीके से वंचित होने का ख़तरा पैदा हो गया है.
24 देशों में ख़सरा टीकाकरण अभियान स्थगित होने और अन्य 13 देशों में रद्द कर दिए जाने की आशंका को देखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन -WHO और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष UNICEF ने अन्य स्वास्थ्य भागीदारों के साथ मिलकर ख़सरा और रूबेला पहल (M & R I) का समर्थन किया है.
The world’s response to #COVID19 is as strong as the weakest health system. As health services are stretched by coronavirus, it’s more important than ever to invest in and protect life-saving maternal, newborn and child health services. #ForEveryChild
UNICEF
एम एंड आर आई की स्थापना, विश्व स्वास्थ्य संगठन और युनीसेफ़ के अलावा अमेरिकन रेड क्रॉस, यूएस सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रोटेक्शन और यूएन फाउंडेशन ने मिलकर की थी.
इन दोनों एजेंसियों द्वारा जारी वक्तव्य में चिन्ता जताई गई है कि इससे 37 देशों के करोड़ों बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाएंगे.
बयान में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के नए दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया जिनसे सभी देशों को महामारी के दौरान, टीकाकरण अभियानों में देरी होने के जोखिमों का अनुमान लगाकर, टीकाकरण गतिविधियाँ जारी रखने में मदद मिल सके.
वक्तव्य में कहा गया है, “अगर कोविड-19 के प्रसार के कारण टीकाकरण को रोकने का कठिन निर्णय लेना भी पड़े, तो हम नेताओं से आग्रह करते हैं कि वो टीके से वंचित बच्चों को खोज निकालने की कोशिशें तेज़ करें, ताकि जब भी दोबारा संभव हो सके, सबसे कमज़ोर आबादी को ख़सरे के टीके की सुविधा तुरंत प्रदान की जा सके.
कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य प्रणालियों और सबसे आगे मोर्चे पर डटे स्वास्थ्यकर्मियों पर बढ़ते दबाव को स्वीकारते हुए एजेंसियों ने कहा है, "ख़सरे के टीके सहित सभी टीकाकरण सेवाएँ, ज़िन्दगियाँ बचाने के लिए आवश्यक हैं जो टीकाकरण न होने की वजह से ज़िन्दगियाँ छिन सकती हैं."
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जहाँ कोरोनावायरस का जोखिम ज़्यादा है, वहाँ समुदायों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की रक्षा करने का “मतलब ये नहीं होना चाहिए कि बच्चे स्थाई रूप से पीछे छूट जाएँ."
50 से अधिक वर्षों से एक सुरक्षित, प्रभावी टीका होने के बावजूद, 2018 में ख़सरा फैलने से 1 लाख 40 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी - जिनमें ज़्यादातर नवजात शिशु और बच्चे थे.
वहीं, कोविड-19 के कारण शिशुओं को नियमित टीकाकरण सेवाओं से वंचित रहना पड़ा है.
वक्तव्य के मुताबिक, 12 महीने से कम उम्र के बच्चों में ख़सरा की जटिलताओं से मौत होने की संभावना अधिक होती है, और यदि ख़सरा को फैलने से नहीं रोका जाता है, तो हर रोज़ उन बच्चों के संक्रमित होने का जोखिम बढ़ता जाएगा.
एम एंड आर आई ने "दुनिया भर में स्वास्थ्य और आपातकालीन श्रमिकों के साहस " को अभिवादन किया और स्पष्ट, विश्वसनीय जानकारी देने और अपने समुदायों के भीतर निवारक और सहायक देखभाल प्रदान करने में उनकी "महत्वपूर्ण भूमिका" की सराहना की.
एजेंसियों ने स्वास्थ्य कर्मियों को "वैश्विक महामारी के ख़िलाफ़ रक्षा की पहली पंक्ति" के रूप में पहचान देते हुए, उनपर और उनकी सुरक्षा पर निवेश करने की अहमियत पर ज़ोर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र की इन दोनों एजेंसियों ने माता-पिता और देखभाल करने वालों की भूमिका को प्राथमिकता देते हुए कहा कि उन्हें अपने बच्चों को सामाजिक दूरी के राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन करते हुए टीके लगवाना सुनिश्चित करना चाहिए.
वक्तव्य के अंत में, देशों और स्थानीय नेताओं से आहवान किया गया है कि वो "समुदायों को एकता की डोर में बाँधे रखने के लिए प्रभावी संचार रणनीतियां लागू करें, सुनिश्चित करें कि टीकाकरण की आपूर्ति और मांग मज़बूती से जारी रहे, और विशेष रूप से इस चुनौतीपूर्ण समय में हर बच्चे के लिए एक स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने में मदद करें.”
वर्ष 2001 में ख़सरा मुक्त दुनिया का लक्ष्य लेकर एम एंड आर आई की स्थापना की गई थी.
इस अभियान के तहत अब तक 2 अरब 90 करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण करने में मदद मिली है.
और टीकाकरण का दायरा बढ़ने, बीमारी की प्रतिक्रिया में सुधार करने, निगरानी और मूल्यांकन में सुधार और सार्वजनिक विश्वास व मांग बढ़ने से 2 करोड़ 10 लाख से अधिक जिन्दगियां बचाने में मदद की है.
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एम एंड आर आई, वैक्सीन अलायंस गैवी के साथ मिलकर काम करता है.