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कोविड-19 पर नियंत्रण करने में धार्मिक एकजुटता की अपील

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में धार्मिक नेताओं के साथ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश.
UN Photo/Mark Garten
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में धार्मिक नेताओं के साथ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश.

कोविड-19 पर नियंत्रण करने में धार्मिक एकजुटता की अपील

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिया भर में सभी धर्मों के नेताओं से एकजुट होने का आग्रह करते हुए कहा है कि वो विश्व भर में शांति की ख़ातिर काम करें और कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ साझा लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करें.

महासचिव ने ये संदेश शनिवार को एक विशेष अपील जारी करके ऐसे समय में दिया है जब ईसाई ईस्टर मना रहे हैं, यहूदी पासओवर मना रहे हैं और मुसलमान जल्द ही पवित्र महीना रमज़ान शुरू करने वाले हैं. 

यूएन प्रमुख ने अपनी अपील में कहा, “हमने इन मौक़ों को हमेशा से ही सामुदायिक समारोहों के रूप में देखा है.

इनमें परिवार आपस में मिलते-जुलते हैं, लोग एक दूसरे से गले मिलते हैं, हाथ मिलाते हैं और इन्हें इंसानियत के मेले के रूप में देखा जाता है. लेकिन इस समय ऐसा दौर है जैसा पहले कभी नहीं देखा गया.”

स्वास्थ्य संगठन के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोविड-19 के संक्रमण के लगभग 16 लाख मामले सामने आ चुके हैं और लगभग एक लाख लोगों की मौत हो चुकी है. 

इस नई कोरोनावायरस बीमारी ने विश्व को, यूएन प्रमुख के शब्दों में – “एक अजीबो-ग़रीब दुनिया” में तब्दील कर दिया है. रास्ते ख़ामोश और सूने हैं, दुकानों के दरवाज़े बंद हैं और आस्था के स्थान भी ख़ाली पड़े हैं और ये सब महामारी के फैलाव को रोकने के लिए किया जा रहा है.

इस समय ये दुनिया एक ऐसा स्थान बन गई है जहाँ “हम सभी अपने प्रियजनों के लिए चिंतित हैं और उसी तरह से हमारे प्रियजन भी हमारे लिए चिंतित हैं”, ऐसे में ये सवाल ज़रूर उठता है कि ऐसे नाज़ुक दौर में हम समारोह मनाएँ तो भला कैसे?

महासचिव ने विभिन्न धर्मों व आस्थाओं की इस पवित्र अवधि में दुनिया भर के लोगों को प्रोत्साहित करते हुए कहा है कि वो इन दिनों में प्रार्थनाएँ करने व इंसानियत को और ज़्यादा मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करें. 

यूएन प्रमुख ने कहा, “आइए, अपनी प्रार्थनाओं के दौरान कुछ लम्हे हम उन साहसिक स्वास्थ्यकर्मियों का अभिवादन करने पर भी ख़र्च करें जो इस जानलेवा वायरस का मुक़ाबला करने में  अग्रिम मोर्चों पर अपनी अहम सेवाएँ दे रहे हैं, साथ ही उन्हें भी याद करें जो हमारे शहरों और क़स्बों को गतिमान रखने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं.”

ये समय दुनिया भर में कमज़ोर से कमज़ोर लोगों को भी अपने ध्यान में रखने का दौर है, ऐसे लोग जो युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फँसे हैं, शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर हैं, झुग्गी-झोंपड़ियों में  और ऐसे स्थानों में रहते हैं जहाँ इस वायरस का मुक़ाबला करने के लिए पर्याप्त साधन ही नहीं हैं.

महासचिव ने कहा, “और आइए, हम सभी एक दूसरे में अपना भरोसा बहाल करें और अच्छाई से ताक़त हासिल करते हुए इस कठिनाई भरे दौर का सामना करें. विभिन्न आस्थाओं और नैतिक परंपराओं वाले समुदाय एक दूसरे का ख़याल करने के लिए कंधे से कंधा मिला रहे हैं.”

“एकजुट होकर हम इस वायरस को हरा सकते हैं, और हराएंगे भी – सहयोग, एकजुटता और आम इंसानियत में हमारे विश्वास के बल पर”.