यमन में एकतरफ़ा युद्धविराम की घोषणा का स्वागत 

यूनीसेफ़ स्थानीय जनता को हाथ धोने के फ़ायदों के प्रति जागरूक बना रही है.
©UNICEF/Gabreez
यूनीसेफ़ स्थानीय जनता को हाथ धोने के फ़ायदों के प्रति जागरूक बना रही है.

यमन में एकतरफ़ा युद्धविराम की घोषणा का स्वागत 

शांति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने युद्ध से त्रस्त यमन में सऊदी अरब की ओर से संघर्षविराम की घोषणा का स्वागत किया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस एकतरफ़ा घोषणा से यमन में शांति स्थापना के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद मिलने के साथ-साथ कोविड-19 महामारी का फैलाव भी रोका जा सकेगा.  

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने दो हफ़्ते पहले ही विश्व में सभी युद्धरत पक्षों के नाम वैश्विक युद्धविराम की एक अपील जारी की थी.

उन्होंने कहा था कि यह समय अपने हथियार डाल कर कोरोनावायरस से लड़ाई करने का है. 

अभी तक कोविड-19 वायरस यमन नहीं पहुंचा है लेकिन सऊदी अरब में इसके संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है. 

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बुधवार शाम को जारी एक बयान में यूएन प्रमुख ने सऊदी अरब द्वारा घोषित दो हफ़्ते के एकतरफ़ा युद्धविराम पर सकारात्मक प्रक्रिया ज़ाहिर की है.

सऊदी अरब ने यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की ओर से की है जो यमन सरकार का समर्थन कर रहा है. 

शांति को बढ़ावा

महासचिव ने उम्मीद जताई है कि इस क़दम से शांति की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और देश बेहतर ढंग से महामारी से निपट सकेगा.

उन्होंने अन्य युद्धरत पक्षों से भी इसी प्रकार सदभावना बढ़ाने वाले क़दम उठाने का आग्रह किया है.

“मैं अब यमन सरकार और अंसार अल्लाह से अपील करूंगा कि वो दुश्मनी को तत्काल रोकने के लिए अपने संकल्प का पालन करें.”

उनका मंतव्य राष्ट्रपति अब्दरुबुह मंसूर हादी और मुख्य विरोधी गुट हूती लड़ाकों से था जिन्होंने राजधानी सना पर क़ब्ज़ा किया हुआ है.  

यूएन प्रमुख ने अपनी एक और अपील में दक्षिणी बंदरगाह शहर अदन में स्थित सरकार से कहा है कि हूती लड़ाको के साथ संवाद स्थापित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि ऐसा सदभावना के तहत और बिना किसी पूर्व शर्त के किया जाना चाहिए. 

“सिर्फ़ संवाद के ज़रिए ही सभी पक्ष एक ऐसी प्रक्रिया पर सहमत हो सकेंगे जिससे राष्ट्रव्यापी युद्धविराम को टिकाऊ बनाया जा सके, यमन के लोगों की पीड़ा को दूर करने के लिए मानवीय व आर्थिक दृष्टि से भरोसा बढ़ाने वाले क़दम उठाया जा सकें, और राजनैतिक प्रक्रिया फिर शुरू की जा सके ताकि इस हिंसक संघर्ष के निपटारे के लिए व्यापक सहमति बन सके.”

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यमन में लड़ाई के दौरान पिछले 10 दिनों में अब तक 270 लोगों की मौत हो चुकी है.

यह लड़ाई सीमावर्ती प्रांतों जाफ़ और प्रचुर तेल संसाधन वाले प्रांत मारिब में हुई है जहां सऊदी अरब द्वारा घोषणा के कुछ ही घंटों बाद शहर के केंद्र में स्थित एक इमारत मिसाइल हमले की चपेट में आ गई.  

संकट के पॉंच साल

यमन में हिंसा पिछले पॉंच सालों से भी ज़्यादा समय से जारी है.  वर्ष 2014 में हूती विरोधी गुटों ने राजधानी सना पर क़ब्ज़ा जमाया था जिसके बाद पड़ोसी देश सऊदी अरब के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ने जवाबी कार्रवाई में राष्ट्रपति हादी का मार्च 2015 से समर्थन किया है. 

यमन पहले से विश्व के निर्धनतम देशों में शामिल है और वहाँ हिंसा के कारण अब तक हज़ारों लोगों की मौत हो चुकी है और देश दुनिया के सबसे बदहाल मानवीय संकटों में तब्दील हो गया है. 

मानवीय राहत एजेंसियों ने बार-आर चेतावनी जारी कर देश की ख़स्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है.

यमन में आधे से ज़्यादा स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हैं और भोजन, ईंधन व दवाइयों की भारी क़िल्लत है. 

मौजूदा हालात दर्शाते हैं कि देश बाहरी मदद पर कितना निर्भर है. 

यमन में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा है कि 9 अप्रैल से शुरू हुआ 14 दिन का एकतरफ़ा युद्धविराम देश में सभी ज़मीनी, समुद्री और हवाई कार्रवाईयों पर लागू होगा. 

“यमन के लिए इस अहम लम्हे की शिनाख़्त करने और उसके अनुरूप कार्रवाई करने के लिए मैं सऊदी अरब गणराज्य और अरब गठबंधन का आभारी हूं. अब सम्बन्धित पक्षों को इस अवसर का लाभ उठाना होगा, अपनी लड़ाई को तत्काल ढंग से रोक देना होगा और व्यापक व टिकाऊ शांति की दिशा में प्रगति हासिल करनी होगी.”

यूएन के विशेष दूत युद्धरत पक्षों के बीच मध्यस्थता प्रयासों में जुटे हैं ताकि राष्ट्रव्यापी युद्धविराम के लिए सहमति बनाई जा सके.

उन्होंने उम्मीद जताई है कि गठबंधन द्वारा युद्धविराम की घोषणा से एक सहयोगपूर्ण माहौल के निर्माण में मदद मिलेगी जिससे सभी पक्ष निकट भविष्य में समझौतों पर राज़ी हो सकेंगे.