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माली स्थिति पर सुरक्षा परिषद की वर्चुअल मीटिंग

माली की स्थिति पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की ऑनलाइन मीटिंग (7 अप्रैल 2020)
UN Photo/Mark Garten
माली की स्थिति पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की ऑनलाइन मीटिंग (7 अप्रैल 2020)

माली स्थिति पर सुरक्षा परिषद की वर्चुअल मीटिंग

शान्ति और सुरक्षा

वैश्विक महामारी कोविड-19 ने जैसे-जैसे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया, ऐसे में माली में संयक्त राष्ट्र शांतिरक्षा मिशन के अध्यक्ष ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि मिशन अपना शासनादेश पूरा करने के साथ-साथ देश में महामारी का फैलाव रोकने के लिए भी यथासंभव प्रयास कर रहा है.

माली में अभी तक कोविड-19 के संक्रमण के 46 मामले सामने आए हैं, जिनमें एक व्यक्ति का मामला यूएन मिशन का है. साथ ही 46 मरीज़ों की मौत भी हुई है.

माली में शांतिरक्षा मिशन की ताज़ा स्थिति पर विचार करने के लिए वीडियो कान्फ्रेंसिंग के ज़रिए सुरक्षा परिषद की एक बैठक मंगलवार को हुई.

माली में संयुक्त राष्ट्र के स्थिरता मिशन के मुखिया महमत सालेह अन्नादीफ़ ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के ज़रिए सुरक्षा परिषद को बताया, “इन असाधारण परिस्थितियों के बावजूद स्थिरता मिशन अपने दायित्व पूरे करने के लिए लगातार काम कर रहा है, जो उसे सौंपा गया है.” 

उन्होंने दो प्राथमिकताओं की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया – शांति व सुलह-सफ़ाई के लिए हुए समझौते को लागू करना और देश के संघर्षग्रस्त केंद्रीय इलाक़े में संकट का प्रबंधन करने के लिए बनाए गए राजनैतिक ढाँडे को समर्थन देना.

प्राथमिकताओं पर ज़ोर

माली मिशन प्रमुख ने बताया कि इस समझौते के लागू करने में फ़रवरी 2002 के बाद से गाओ, टिम्बकटू, किदाल और मीनका में 1000 तत्व तैनात किए गए हैं. ये माली के रक्षा व सुरक्षा बलों की पहली पुनर्गठित इकाइयों के हिस्से के रूप में उत्तर में तैनात किए गए हैं.

उन्होंने ये भी हा कि पूर्व राष्ट्रपति व विपक्षी नेता सौमालिया किस्से का मतदान से तीन दिन पहले अपहरण किए जाने बावजूद विधायिका चुनाव का पहला दौर शांतिपूर्ण तरीक़े से संपन्न हो गया. साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत कोटा भी हासिल कर लिया गया.

मध्यवर्ती इलाक़े का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यूएन मिशन वहाँ संक्रमणकालीन योजना को लाग करने के लिए काम कर रह है. 
यूएन मिशन प्रमुख ने बताया, “मोप्ती इलाक़े में कुल मिलाकर 19 अतिरिक्त सिविलियन स्टाफ़ की पुनर्तैनाती की गई है.”

साथ ही पहले की चेतावनियों पर ग़ौर करते हुए मोप्ती में सिविलियन आबादी की सेवा के लिए एक हॉटलाइन शुरू की गई है.

इसके अलावा मिशन के सहयोग से माली के अधिकारीगण बातचीत व सुलह-सफ़ाई की गतिविधियाँ जारी रखे हुए हैं.

जैसे-जैसे विस्थापितों की संख्या बढ़ रही है – जोकि मार्च में बढ़कर दो लाख 18 हज़ार हो गई है, यूएन दूत ने उम्मीद जताई कि क़ानूनी कार्रवाई के लिए निडरता के माहौल का मुक़ाबला करने के लिए ठोस कार्रवाई की जाएगी.

नवबंर 2019 में विस्थापितों की संख्या एक लाख 99 हज़ार 385 थी.

इस बीच यूएन माली स्थिरता मिशन क्षेत्रीय स्तर पर सुरक्षा में सहायता मुहैया करा रहा है, और बमाको में एक संयुक्त सैन्य बल मुख्यालय का निर्माण कार्य भी शुरू किया गया है.

वायरस का एकजुट मुक़ाबला

यूएन मिशन प्रमुख ने बताया कि कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने के लिए यूएन और माली सरकार के बीच “असाधारण सहयोग” क़ायम किया गया है. 

“19 मार्च के बाद से माली पहुँचने वाली व्यावसायिक विमानों की उड़ानें रद्द हैं, सामूहिक सभाएँ प्रतिबंधित हैं, और रात के 9 बजे से लेकर प्रातः 5 बजे तक करफ़्यू लागू रहता है.”

उन्होंने बताया कि इस दौरान यूएन स्थिरता मिशन और देश टीम अपना शासनादेश पूरा करने और सरकारी निर्देशों पर अमल करने का काम जारी रखे हुए है.

उनका कहना था कि चिकित्सा स्थितियों वाले स्टाफ़ या ऐसे कर्मचारी जो अपने परिवारों के पास जाना चाहते थे, उन्होंने सरकार द्वारा विशेष रूप से प्राधिकृत हवाई उड़ानों का सहारा लिया है, जिनके लिए कुछ दूतावासों ने भी गुज़ारिश की थी.  

विशेष प्रतिनिधि का कहना था, “जैसाकि आप देख सकते हैं कि हमारे सामने ढेर सारी चुनौतियाँ हैं, इनमें माली में पूरे यूएन परिवार की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना भी शामिल है...”

परिषद के रुख़

सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र अपनी तरफ़ से माली मिशन के प्रति एकजुटता जताई और संयुक्त राष्ट्र माली सरकार से वायरस का एकजुट मुक़ाबला जारी रखने का अहवान किया. ऐसा करना मिशन के शासनादेश पर अमल करने और यूएन स्टाफ़ का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी है. 

सुरक्षा परिषद ने माली की सरकार और शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले सशस्त्र गुटों का भी आहवान किया कि वो समझौते को लागू करने के प्रयासों में तेज़ी लाएँ.