कोविड-19: युवाओं के पास डिजिटल समाधान पेश करने का अवसर

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने कोविड-19 महामारी का मुक़ाबले की मुहिम में युवा डेटा विज्ञानियों, डिज़ाइनरों और नवोन्मेषकों (इनोवेटर) को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. इस सिलसिले में एक महीने तक चलने वाले हैकाथॉन की शुरुआत हुई है जिसके ज़रिए विश्वव्यापी महामारी की चुनौती से निपटने के लिए डिजिटल समाधानों तैयार किए जाएंगे.
कोविड-19 के कारण लाखों लोगों के स्वास्थ्य पर भयावह असर के साथ-साथ रोज़मर्रा के जीवन पर भी अभूतपूर्व प्रभाव हुआ है. तालाबंदी के दौरान स्कूल बंद होने के कारण विश्व भर में डेढ़ अरब से ज़्यादा बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.
यूनेस्को की ‘कोडदकर्व’ (CodeTheCurve) नामक इस मुहिम को दो हिस्सों में बॉंटा गया है जिसकी शुरुआत सोमवार को हुई है.
पहले चरण के तहत चार दिनों के लिए एक वीडियो प्रतिस्पर्था शुरू हुई है जिसमें नव-विचार (आइडियाज़) पेश किए जाएंगे.
Let's use the potential of digital solutions to help countering the #COVID19 pandemic!Today we launch #CodeTheCurve, a hackathon to support young innovators, scientists & designers in the fight against #coronavirus.Join here 👉 https://t.co/oAGy1P525xpic.twitter.com/n1s1O7f6Wx
UNESCO
इसके लिए आवेदन प्रक्रिया सोमवार से शुरू होकर 9 अप्रैल तक चलेगी और 40 टीमों के चयन की घोषणा 15 अप्रैल को की जाएगी.
इसके बाद दूसरे चरण में चयनित टीमें हैकाथॉन में हिस्सा लेते हुए तीन बड़ी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेंगी: दूरस्थ शिक्षा (distance learning) की सुलभता; सूचना और डेटा प्रबंधन; सामाजिक और मानसिक मुद्दों का निपटारा.
दूसरा चरण 30 अप्रैल को पूरा होगा.
यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ोले ने बताया, “हम जानते हैं कि दुनिया भर में ऐसी युवा महिलाएँ व पुरुष हैं जिनके पास नए और अभिनव विचार हैं कि टैक्नॉलॉजी किस तरह महामारी का मुक़ाबला कर सकती है. लेकिन उन विचारों को फलीभूत करने के लिए उन्हें सहारे की आवश्यकता है.”
उन्होंने कहा कि इस हैकाथॉन के ज़रिए हम अपने साझीदारों (IBM और SAP) के साथ इन विचारों को वास्तविकता में बदलने की आशा करते हैं.
यूनेस्को ने बताया कि इस प्रतिस्पर्धा में चयनित टीमों को वेबिनार और अन्य गतिविधियों के ज़रिए आईबीएम, एसएपी, आईहैकऑनलाइन सहित उन कंपनियों से मदद का अवसर होगा जो ‘कोडदकर्व’ (CodeTheCurve) पहल में हिस्सा ले रही हैं.
आईबीएम में ग्लोबल स्टूडेंट हब की प्रमुख मलीसा सस्सी ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में युवा व बच्चे स्कूल बंद होने के कारण ख़ुद को घर में महदूद पा रहे हैं. ऐसे में ‘कोडदकर्व’ मुहिम व्यवहारिक, मनोरंजक और वर्चुअल शिक्षा का ही हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि युवाओं को तकनीकी कौशल के साथ सशक्त बनाना, उद्मशीलता को बढ़ावा देना, पेशेवर विकास और परामर्श सुनिश्चित करना बेहद अहम है.
इनके ज़रिए ही दुनिया को लोगों को टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करने से कहीं आगे जाकर उसका सृजन करने और तकनीकी सशक्तिकरण से कुछ ठोस हासिल करना संभव बनाया जा सकता है.
मलीसा सस्सी ने आईबीएम कंपनी की ‘कोडदकर्व’ वेबसाइट का ज़िक्र करते हुए बताया कि हैकाथॉन में वे सभी लोग भाग ले सकते हैं जिनकी उम्र कम से कम 16 वर्ष है.
एक टीम में अधिकतम छह डिवेलपर, डेटा साइंटिस्ट और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय लोग शामिल हो सकते हैं.
हर ग्रुप में एक व्यक्ति की आयु 25 वर्ष से कम होना और टीम में कम से कम एक महिला और एक पुरुष सदस्य का होना आवश्यक है.
हैकाथॉन के लिए 40 टीमों का चयन किया जाएगा लेकिन अन्य टीमों के पास भी अपना हुनर दिखाने का अवसर होगा.
प्रतिभागियों को ‘IBM LinuxONE Community Cloud’ सेवा निशुल्क उपलब्ध होगी जिससे उन्हें सॉफ़्टवेयर डिवेलपमेंट के लिए ज़रूरी तकनीकी औज़ारों की मदद मिलेगी.
यूनेस्को के एक वक्तव्य में कहा गया है कि यह पहल लंबे समय से जारी उन प्रयासों का हिस्सा है जिनका लक्ष्य युवाओं में डिजिटल कौशलों और पेशेवर विकास को बढ़ावा देना है.
इसमें ख़ासतौर पर युवा महिला सॉफ़्टवेयर डिजाइनर और डिवेलपर पर ध्यान केंद्रित किया जाता है.