कोविड-19: आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का जारी रहना अहम
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित इटली, स्पेन और अमेरिका सहित कई अन्य देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों और सेवाओं पर भारी बोझ पड़ा है. लेकिन संकट की इस घड़ी में अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुनिश्चित करना होगा ताकि ऐसी मौतों को टाला जा सके जिनकी उपचार के ज़रिए रोकथाम हो सकती है.
विश्व भर में कोरोनावायरस के अब तक क़रीब सात लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 33 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है. स्वास्थ्य केंद्रों व स्वास्थ्यकर्मियों पर भार बढ़ने से अक्सर उन्हें असरदार ढंग से कामकाज जारी रखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने आगाह किया कि महामारी फैलने के अतीत के अनुभव दर्शाते हैं कि जब स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ बढ़ता है तो ऐसी मौतों की संख्या बढ़ जाती है जिनकी रोकथाम वैक्सीन या अन्य उपचार के ज़रिए की जा सकती है.
“हम इस समय एक संकट का सामना कर रहे हैं, लेकिन ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखना होगा. बच्चे अब भी पैदा हो रहे हैं, टीकाकरण अब भी किया जाना होगा, और अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को जीवनरक्षक उपचार की अब भी ज़रूरत है.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 से प्रभावित देशों की मदद के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं ताकि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज़ों के साथ-साथ अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को भी जारी रखा जा सके.
इन सेवाओं में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं, नियमित टीकाकरण, गर्भावस्था व प्रसव के दौरान देखभाल, संक्रामक व ग़ैर-संचारी रोगों के लिए उपचार, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, रक्तदान और अन्य सेवाएं शामिल हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने बताया कि उन्होंने जी-20 समूह के नेताओं से निजी बचाव सामग्री और अन्य मेडिकल उपकरणों की किल्लत को दूर करने के लिए बात की है.
देशों से कंपनियों के साथ मिलकर काम करने की अपील की गई है ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके, आवश्यक स्वास्थ्य उत्पादों को बेरोकटोक एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सके और ज़रूरत के अनुरूप उनका वितरण किया जा सके.
इस संबंध में अफ़्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में निम्न और मध्य आय वाले देशों पर ख़ास तौर पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध किया गया है.
इसके अलावा यूएन एजेंसी कई साझीदार संगठनों के साथ जीवनरक्षक सामग्री, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर सहित अन्य उपकरणों की व्यवस्था में जुटी है.
यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र कई देशों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है और तालाबंदी हुई है.
लेकिन इन क़दमों को लागू करते समय सभी व्यक्तियों की गरिमा व कल्याण का ख़याल रखा जाना ज़रूरी होगा. साथ ही सरकारों से आग्रह किया गया है कि ऐसे उपायों की अवधि के बारे में लोगों को नियमित रूप से सूचित किया जाना होगा और वृद्धजनों, शरणार्थियों और अन्य ज़रूरतमंदों को मदद मुहैया करानी होगी.