वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कोविड-19: दुनिया भर में लड़ाई ख़त्म करके महामारी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने की अपील

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश का कोविड-19 महामारी के संदर्भ में डिजिटल माध्यमों से प्रेस को संबोधन व वैश्विक युद्धविराम की अपील
UN Photo/Eskinder Debebe
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश का कोविड-19 महामारी के संदर्भ में डिजिटल माध्यमों से प्रेस को संबोधन व वैश्विक युद्धविराम की अपील

कोविड-19: दुनिया भर में लड़ाई ख़त्म करके महामारी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने की अपील

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने दुनिया भर में किसी भी स्थान पर जारी संघर्ष या युद्ध में शामिल पक्षों से अपील की है कि वो अपने हथियार डाल दें ताकि विश्व के सामने दरपेश एक ज़्यादा बड़ी चुनौती कोविड-19 का मुक़ाबला करने में उनका सहयोग काम आ सके. सोमवार को जारी इस अपील में उन्होंने कहा कि कोविड-19 एक ऐसा दुश्मन है जिसने पूरी मानवता के लिए ख़तरा पैदा कर दिया है. 

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “इस वायरस की भीषणता ने युद्ध की बेवकूफ़ी को बेमानी बना दिया है. इसलिए मैं आज दुनिया के सभी स्थानों पर तत्काल रूप से वैश्विक युद्धविराम का आहवान कर रहा हूँ. अब समय है कि सशस्त्र संघर्ष को ताले में बंद कर दिया जाए और सभी को अपने जीवन की सबसे असल लड़ाई पर एकजुट होकर ध्यान केंद्रित किया जाए.”

Tweet URL

युद्धिराम होने से मानवीय सहायताकर्मियों को ऐसी आबादी के पास ज़रूरी सहायता पहुँचाने का मौक़ा मिल सकेगा जो कोविड-19 फैलने के कारण मुसीबत में फँस गई है.

ध्यान रहे कि कोरोनावायरस सबसे पहले दिसंबर 2019 में चीन के वुहान प्रांत में पाया गया था और उसके बाद चंद महीनों के दौरान ये वायरस महामारी के रूप में 180 से ज़्यादा देशों में फैल गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में अभी तक कोरोनावायरस के संक्रमण के लगभग तीन लाख मामले सामने आ चुके हैं और 12 हज़ार 700 लोगों की मौत हो चुकी है.

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि कोविड-19 को किसी राष्ट्रीयता या नस्लीय पृष्ठभूमि से कोई लेना-देना नहीं है या फिर लोगों के बीच किसी भी अन्य तरह के अंतर का.

ये वायरस सभी को बिना किसी भेदभाव के निशाना बनाता है, यहाँ तक कि युद्धकाल में भी किसी को नहीं बख़्शता.

महासचिव एंतोनियो गुटरेश ने कहा कि किसी भी तरह के संघर्ष या युद्ध में सबसे ज़्यादा मुसीबत का सामना करने वालों में महिलाएँ, बच्चे, विकलांग लोग, हाशिए पर रहने वाले लोग, विस्थापित और शरणार्थी ज़्यादा होते हैं. और यही आबादी ऐसी है जो कोविड-19 महामारी के सबसे ज़्यादा भीषण प्रभाव का सामना करने को मजबूर है.

इससे भी ज़्यादा चिंता की बात ये है कि युद्धग्रस्त स्थानों व देशों में स्वास्थ्य सेवाओं का ढाँचा पहले ही पूरी तरह तबाह होने के नज़दीक पहुँच चुका है, जहाँ कुछ स्वास्थ्यकर्मी मौजूद भी हैं, उन्हें भी युद्धक गतिविधियों के निशाने के रूप में देखा जाता है. 

यूएन प्रमुख ने तमाम युद्धरत पक्षों का आहवान किया कि वो अदावत व लड़ाई छोड़कर दें, अविश्वास और दुश्मनी को दरकिनार करते हुए “बंदूकें शांत कर दें, गोलाबारी रोक दें और हवाई हमले भी बंद कर दें”.

उन्होंने कहा कि जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिए सुरक्षित रास्ता बनाने के वास्ते, कूटनीति के लिए बेशक़ीमती खिड़की खोलने और कोविड-19 के क़हर से बेतहाशा प्रभावित स्थानों में उम्मीद की मशाल जगाने के लिए ऐसा करना बहुत अहम है. 

महासचिव ने वैश्विक महामारी का मुक़ाबला करने के एकजुट प्रयासों को संभव बनाने के लिए कुछ स्थानों पर लड़ाकों के बीच वार्ता और नया रुख़ अपनाए जाने से प्रेरित महसूस करते हुए कहा कि इससे भी ज़्यादा बहुत कुछ करने की ज़रूरत है.

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपील करते हुए कहा, “युद्ध की बीमारी को रोककर इस महामारी का मुक़ाबला करें जिसने पूरे विश्व को तबाही की तरफ़ धकेल दिया है.”

“ये किसी भी स्थान पर लड़ाई तुरंत रोकने के साथ शुरू होता है. इसी की हमारे मानव परिवार को तुरंत ज़रूरत है, अभूतपूर्व रूप में.”