कोविड-19: संक्रमितों की संख्या पहुँची दो लाख से ऊपर
कोविड-19 संक्रमण के पहले एक लाख मामलों की पुष्टि होने में क़रीब तीन महीने का समय लगा था, लेकिन उस संख्या के दोगुने होने में महज़ 12 दिन लगे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि कोविड-19 हर दिन एक नए और त्रासदीपूर्ण पड़ाव पर पहुंच रहा है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक अब तक दो लाख 10 हज़ार लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है और 9 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हर जीवन को खोना एक त्रासदी है, लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि वायरस के फैलाव को रोकने व ज़िंदगियाँ बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएँ.
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WHO
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि वैसे तो उम्रदराज़ लोग इस बीमारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं लेकिन यह मानना सही नहीं है कि युवा इससे बच पा रहे हैं.
कई देशों से मिला ऑंकड़ा दर्शाता है कि 50 वर्ष से कम आयु के लोगों को भी संक्रमण के कारण जटिलताओं की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है.
“युवाओं के लिए मेरा संदेश है कि आप अजेय नहीं हैं. यह वायरस आपको अस्पतालों में हफ़्तों तक रख सकता है, आपकी जान भी ले सकता है.”
“अगर आप बीमार नहीं भी पड़ते तो भी कहीं जाने या ना जाने के बारे में आपका निर्णय अन्य लोगों के लिए जीवन और मौत का अंतर हो सकता है.”
महामारी पर क़ाबू पाने की ताक़त
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर चिंता जताई है कि अगर कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देशों में कोविड-19 ने अपने पैर पसारे तो इससे बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने और जान जाने का ख़तरा है.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि लेकिन इसे टाला भी जा सकता है. “इतिहास में किसी अन्य विश्वव्यापी महामारी की तुलना में हमारे पास इसकी दिशा बदलने की ताक़त है.”
इस बीमारी का केंद्र रहे वूहान शहर का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी फैलने के पहली बार वहां से कोई नया मामला सामने नहीं आया है. इससे शेष दुनिया में लोगों को उम्मीद मिली है कि बेहद गंभीर हालात को भी बदला जा सकता है.
स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ज़रूरी निजी सुरक्षा सामग्री व उपकरणों की उपलब्धता को बरक़रार रखने के लिए यूएन एजेंसी कई देशों के साथ मिलकर काम कर रही है.
बचाव सामग्री के अभाव के कारण स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अपने काम को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से करने में मुश्किलें पेश आने की आशंका गहरा रही है.
चीन में उपकरण निर्माताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को ऐसी सामग्री की आपूर्ति करने की हामी भर दी है. “हम परीक्षण किटों की वैश्विक आपूर्ति को बढ़ाने के लिए भी जी-जान से जुटे हैं.”
नई वास्तविकता
कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनके ज़रिए स्वास्थ्यकर्मियों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को ख़तरे में डाले बिना जीवनरक्षक उपचार सुनिश्चित किया जा सकता है.
साथ ही इन दिशा-निर्देशों में स्क्रीनिंग करने, देखरेख के मानकों का ख़याल रखने, मरीज़ों के उपचार को वरीयता दिए जाने संबंधी जानकारी भी है.
“दुनिया भर में लोगों के लिए भी हमारे पास सलाह है, ख़ासकर उनके लिए जो एक नई वास्तविकता का सामना कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा और ना सिर्फ़ यह दीर्घकाल में मददगार साबित होगा बल्कि कोविड-19 संक्रमण की स्थिति में रोग से लड़ने में भी मदद मिलेगी.
यूएन स्वास्थ्य संगठन ने विश्वसनीय जानकारी को सुलभ बनाने के लिए व्हॉट्सएप और फ़ेसबुक पर एक नई एलर्ट मैसेजिंग सेवा की शुरुआत की है ताकि कोविड-19 से जुड़ी ताज़ा ख़बरें और जानकारी गों तक पहुंचाई जा सके.
इसमें कोविड-19 संक्रमण के लक्षणों और बचाव के उपायों पर भी जानकारी शामिल है.
यह फ़िलहाल अंग्रेज़ी में उपलब्ध है लेकिन आने वाले दिनों में इसे अन्य भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा. इस सेवा तक पहुंचने के लिए व्हॉट्सएप पर +41 798 931 892 डायल करें और ‘hi’ संदेश भेजें.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 हमसे बहुत कुछ छीन रहा है लेकिन यह हमें कुछ विशेष भी दे रहा है – मानवता के लिए एक साथ आने का अवसर, साथ मिलकर काम करने, सीखने और आगे बढ़ने का अवसर.
इस तरह रखें अपना ख़्याल:
- स्वस्थ व पोषक आहार लें, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाया जा सके
- अल्कोहॉल कम मात्रा में पीएं और शर्करा युक्त पेय पदार्थों से परहेज़ करें
- धूम्रपान ना करें क्योंकि इससे कोविड-19 से संक्रमण गंभीर रूप धारण कर सकता है
- वयस्क हर दिन 30 मिनट और बच्चे एक घंटे के लिए व्यायाम करें
- लंबे समय तक बैठकर काम करने के बजाय हर आधे घंटे में तीन-चार मिनट का विश्राम लें
- अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए संगीत सुनें, किताब पढ़ें या गेम खेलें
- अपने दोस्तों व प्रियजनों से नियमित रूप से बात करें
- चिंता और बेचैनी से बचने के लिए ज़्यादा समय तक समाचार ना देखें
- भरोसेमंद स्रोतों से दिन में एक या दो बार जानकारी प्राप्त करें