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कोरोनावायरस (कोविड-19) 'विश्वव्यापी महामारी' परिभाषित

अमेरिका में कोरोनावायरस के पहले मामले में संक्रमण को दर्शाती माइक्रोस्कोपिक तस्वीर.
CDC/Hannah A Bullock/Azaibi Tami
अमेरिका में कोरोनावायरस के पहले मामले में संक्रमण को दर्शाती माइक्रोस्कोपिक तस्वीर.

कोरोनावायरस (कोविड-19) 'विश्वव्यापी महामारी' परिभाषित

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में विश्व भर में लगातार बढ़ोत्तरी को देखते हुए कोविड-19 को 'विश्वव्यापी महामारी' परिभाषित कर दिया है. चीन के बाद हाल के दिनों में इटली, ईरान और कोरिया गणराज्य में बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज़ों की पुष्टि हुई है और अन्य देशों में भी मामले सामने आ रहे हैं.  यूएन एजेंसी ने दोहराते हुए कहा है कि इस महामारी को क़ाबू में करना संभव है लेकिन इसके लिए देशों को पुरज़ोर प्रयास करने होंगे. 

पिछले दो हफ़्तों में चीन के बाहर अन्य देशों में कोविड-19 से संक्रमण के मामलों की संख्या में 13 गुना बढ़ोत्तरी हुई है और इससे प्रभावित देशों की संख्या बढ़कर तीन गुनी हो गई है.

अब तक 114 देशों में संक्रमण के एक लाख 18 हज़ार मामलों की पुष्टि हो चुकी है और चार हज़ार 291 लोगों की मौत हुई है.

बताया गया है कि इसे विश्वव्यापी महामारी परिभाषित किए जाने का अर्थ यह नहीं है कि इस बीमारी की घातकता में बदलाव आया है, बल्कि यह इसके भौगोलिक विस्तार को दर्शाता है. 

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उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब कोरोनावायरस के कारण विश्वव्यापी महामारी (pandemic) के हालात पैदा हुए हैं और इसके मद्देनज़र स्वास्थ्य संगठन ने ख़तरे की घंटी स्पष्टता से बजा दी है.. लेकिन इसे एक ऐसा वायरस बताया है जिस पर क़ाबू पाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में इन पांच बातों पर ख़ास ध्यान रखना होगा:

- रोकथाम (prevention)

- तैयारी (preparedness)

- सार्वजनिक स्वास्थ्य (public health)

- राजनैतिक नेतृत्व (political leadership)

- लोग (people)

उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस महामारी की निगरानी  दिन-रात कर रहा है और इस बीमारी के तेज़ी से फैलाव व उसकी गंभीरता पर चिंतित है. लेकिन कुछ देशों में पर्याप्त स्तर पर कार्रवाई का ना होना भी चिंता का सबब है.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि हज़ारों लोग अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती हैं. “आने वाले दिनों और हफ़्तों में इन मामलों, मौतों और प्रभावित देशों की संख्या में और ज़्यादा बढ़ोत्तरी होने की आशंका है.”

इन्हीं कारणों से यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी घोषित करने का फ़ैसला लिया है.

कोविड-19 की चपेट में दुनिया

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि यह सिर्फ़ सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट नहीं है - यह एक ऐसा संकट है जो हर सैक्टर को प्रभावित करता है और इसीलिए इसमें हर सैक्टर और व्यक्ति की भूमिका है.

यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने बताया कि विश्वव्यापी महामारी (Pandemic) एक ऐसा शब्द नहीं है जिसे लापरवाही से या हल्के में इस्तेमाल किया जाए.

“यह एक ऐसा शब्द है जिसके ग़लत इस्तेमाल से बेवजह का डर पैदा हो सकता है, या यह इस बात की स्वीकारोक्ति समझी जा सकती है कि लड़ाई का विकल्प ख़त्म हो गया और अब कुछ नहीं हो सकता, जो न्यायोचित नहीं है. इससे व्यर्थ में पीड़ा होगी और मौतें होंगी.”

उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वव्यापी महामारी की घोषणा से वायरस के ख़तरे के प्रति यूएन एजेंसी की समझ में कोई बदलाव नहीं आया है, ना ही इससे एजेंसी द्वारा किए जा रहे प्रयासों या देशों की कार्रवाई में बदलाव आएगा. 

अब तक 114 देशों में कोरोनावायरस के संक्रमण के कुल एक लाख 18 हज़ार मामलों का पता चल चुका है जिनमें 90 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले सिर्फ़ चार देशों में हैं. इनमें भी दो देश – चीन और कोरिया गणराज्य – ऐसे हैं जहां अब संक्रमणों में गिरावट देखी जा रही है.

81 देशों में नए मामलों का पता नहीं चला है और 57 देशों ने ताज़ा अपडेट में 10 या उससे कम मामलों की पुष्टि की है.

“हम स्पष्टता से बार-बार यह कहना चाहते हैं कि सभी देश इस महामारी की डगर को अब भी बदल सकते हैं.”

कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुख़ार, सूखी खाँसी, साँस फूलने और साँस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण सामने आते हैं जो बिगड़ने पर न्यूमोनिया का रूप ले सकते हैं.  

कोविड-19 के कारण न्यूयॉर्क में मेट्रो में सफ़र करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है.
UN Photo/Loey Felipe
कोविड-19 के कारण न्यूयॉर्क में मेट्रो में सफ़र करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है.

स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने ईरान, इटली और कोरिया गणराज्य द्वारा वायरस संक्रमणों पर क़ाबू पाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है.

लेकिन उन्होंने कहा कि कुछ देशों में इस वायरस से निपटने की क्षमता का अभाव है. कुछ देश संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं जबकि कुछ देशों में ज़रूरी संकल्प का अभाव नजर आ रहा है.

“हम जानते हैं कि इन प्रयासों से समाजों और अर्थव्यवस्थाओं पर भारी असर पड़ रहा है, जैसाकि चीन में हुआ था. हर देश को स्वास्थ्य की रक्षा करने, आर्थिक व सामाजिक व्यवधान को कम से कम करने और मानवाधिकारों की रक्षा करने में संतुलन बनाना होगा.”

संक्रमण से बचने के उपाय:

  • अपने हाथ बार-बार साबुन से धोएँ, विशेषकर मरीज़ों से सीधे संपर्क करने के बाद

  • साँस संबंधी संक्रमण के लक्षणों वाले लोगों से सीधे तौर पर संपर्क ना रखें 
  • रसोई और कार्यस्थल पर डेस्क को साफ़ करने के लिए कीटाणुनाशकों का उपयोग करें
  • कोविड-19 के ख़तरे और लक्षणों को समझने के लिए विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी हासिल करें
  • बुख़ार या खाँसी होने पर यात्रा करने से बचें और यात्रा के दौरान तबीयत बिगड़ने पर तत्काल चालक दल को जानकारी दें
  • खाँसते व छींकते समय टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें या मुंह और नाक को कोहनी से ढंक ले. इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को तत्काल फेंक दें और हाथ धो लें
  • 60 वर्ष से ज़्यादा उम्र वाले या पहले से बीमार चल रहे लोग भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
  • तबीयत ठीक महसूस ना होने पर घर पर ही रहें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें
  • बीमार होने पर घर पर रुकें, परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रहें व अलग सोएँ, अलग भोजन करें, और अलग बर्तनों का इस्तेमाल करें
  • बुख़ार, खाँसी या साँस लेने में मुश्किल महसूस होने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाएँ 
  • कोरोनावायरस से लोगों को, विशेषकर प्रभावित देशों में, घबराहट होना स्वाभाविक है. अपने कार्यस्थल, स्कूल या उपासना स्थल पर सुरक्षा उपायों के बारे में ज़्यादा जानकारी प्राप्त करें