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धनी या निर्धन, हर देश के लिए बड़ा ख़तरा है कोरोनावायरस

न्यूयॉर्क में एहतियातन फ़ेस मास्क लगाने वाले लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है.
UN Photo/Loey Felipe
न्यूयॉर्क में एहतियातन फ़ेस मास्क लगाने वाले लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है.

धनी या निर्धन, हर देश के लिए बड़ा ख़तरा है कोरोनावायरस

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा है कि चाहे अमीर हो या ग़रीब, दुनिया का कोई भी देश कोरोनावायरस संक्रमण के ख़तरे से अनछुआ नहीं है. उन्होंने चिंता जताई है कि कुछ देश इस महामारी से निपटने के लिए ज़रूरी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. विश्व भर में कोरोनावायरस के अब तक 95 हज़ार 265 मामले सामने आ चुके हैं और तीन हज़ार 281 लोगों की मौत हुई है.

यूएन एजेंसी के महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि कुछ देशों का राजनैतिक संकल्प और वहां अब तक हुई कार्रवाई इस बड़े ख़तरे से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है.

उन्होंने कहा कि उच्च-आय वाले देशों को भी हैरत में पड़ने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. इस बीमारी पर नियंत्रण का एकमात्र समाधान आक्रामक रुख़ के साथ तैयारियों में जुट जाना है.

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“हम चिंतित हैं कि कुछ देशों ने या तो इसे गंभीरता से नहीं लिया है या फिर मान लिया है कि इसमें वे कुछ नहीं कर सकते. यह कोई अभ्यास नहीं है. यह हिम्मत हारने का समय नहीं है. यह बहाना बनाने का समय नहीं है. यह जी-जान झोंक देने का समय है.”

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि इस तरह के हालात के लिए ही दशकों से योजनाएं बनती रही हैं. अब समय उन योजनाओं पर काम करने का है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि ये योजनाएं शीर्ष नेतृत्व के साथ शुरू होती हैं और सिर्फ़ स्वास्थ्य मंत्रालय के बजाय सरकार के हर हिस्से – सुरक्षा, कूटनीति, वित्त, वाणिज्य, परिवहन, व्यापार, सूचना सहित अन्य क्षेत्र - के साथ समन्वय करना होगा.

“हम हर देश से जल्द, बड़े पैमाने पर और स्पष्ट संकल्प के साथ कार्रवाई करने की पुकार लगा रहे हैं.”

महानिदेशक घेबरेयेसस ने निम्न बातों को अहम बताया है:

  • आपात योजनाएँ लागू की जाएँ
  • जनता को जागरूक बनाया जाए ताकि उन्हें लक्षणों और बचाव उपायों के बारे में जानकारी हो
  • परीक्षण करने की क्षमता बढ़ाई जाए
  • अस्पतालों को तैयार रखा जाए
  • ज़रूरी चिकित्सा सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
  • स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों को आठ मुख्य क्षेत्रों में राष्ट्रीय कार्रवाई योजना विकसित करने के लिए दिशानिर्देश मुहैया कराए हैं.

यूएन एजेंसी ने उन योजनाओं को तेज़ी से अमल में लाए जाने की अपील की है और ज़रूरतमंद देशों को मदद का भरोसा दिलाया है.

विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में स्वास्थ्य प्रणालियों को सहारा देने और महामारी के आर्थिक दुष्प्रभावों के दंश को कम करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराने की घोषणा की थी.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक नई मुहिम “Be Ready for COVID-19”  शुरू की है जिसका उद्देश्य लोगों से बचाव के उपाय अपनाने, स्मार्ट बनने और जानकार बनने की अपील करने से है.

नए मामले

पिछले 24 घंटों में चीन में 143 नए मामलों की जानकारी मिली है जिनमें अधिकतर हुबे प्रांत से हैं. पिछले 14 दिनों में आठ प्रांतों से किसी नए मामले की पुष्टि नहीं हुई है.

चीन से बाहर 33 देशों से दो हज़ार 55 मामलों की पुष्टि हुई है और 80 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले तीन देशों से हैं.

यूएन एजेंसी के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बताया, “कोरिया गणराज्य से हमें उत्साहवर्धक संकेत मिल रहे हैं. नए मामलों की संख्या में गिरावट आ रही है और जिन मामलों की जानकारी मिल भी रही है वे उन जगहों से हैं जो पहले से निगरानी में हैं.”

कई देशों में अब भी बड़ी संख्या में मामलों का पता चल रहा है लेकिन 115 देशों में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है. 21 ऐसे देश हैं जहां केवल एक-एक मामलों की पुष्टि हुई है.

पांच देश ऐसे हैं जहां पहले संक्रमण के मामलों की जानकारी मिली थी लेकिन पिछले 14 दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि चीन और इन देशों का अनुभव दर्शाता है कि इस महामारी को सामूहिक, समन्वित और व्यापक कार्रवाई के ज़रिए पीछे धकेला जा सकता है.

इसके लिए पूरी सरकारी मशीनरी का सक्रिय होना अहम है.

कोरोनावायरस के ख़तरे के मद्देनज़र 13 देशों में अब तक स्कूल बंद किए जा चुके हैं जिससे 19 करोड़ छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

यूनेस्को द्वारा जारी ऑंकड़ों के मुताबिक स्कूली छात्रों पर सबसे ज़्यादा असर चीन में पड़ा है जहां 23 करोड़ से ज़्यादा बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. जापान और ईरान में क़रीब डेढ़-डेढ़ करोड़ छात्रों की शिक्षा प्रभावित हुई है.