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चीन से बाहर अनेक देशों में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ने से चिंता बढ़ी

जापान के टोक्यो नेशनल म्यूज़ियम में एक व्यक्ति ने एहतियात के तौर पर मास्क लगाया हुआ है.
Unsplash/Lucrezia Carnelos
जापान के टोक्यो नेशनल म्यूज़ियम में एक व्यक्ति ने एहतियात के तौर पर मास्क लगाया हुआ है.

चीन से बाहर अनेक देशों में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ने से चिंता बढ़ी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन में कोरोनावायरस (COVID-19) संक्रमण के मामलों में गिरावट के बीच कोरिया गणराज्य, इटली, ईरान और जापान में वायरस फैलने पर गहरी चिंता जताई है. विश्व भर में वायरस संक्रमण से मौत के मुँह में जाने वाले लोगों की संख्या तीन हज़ार को पार कर गई है. यूएन एजेंसी ने कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर इस बीमारी को विश्वव्यापी महामारी घोषित करने से नहीं हिचकिचाया जाएगा.

रविवार को चीन में कोरोनावायरस के संक्रमण के 206 मामलों की पुष्टि हुई है जो 22 जनवरी के बाद सामने आए मामलों की सबसे कम संख्या है. कोविड-19 से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुबे प्रांत से बाहर चीन के अन्य हिस्सों से केवल 8 मामलों का ही पता चला है.

चीन के बाहर संक्रमण के कुल 61 देशों से अब तक आठ हज़ार 739 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 127 मौतें हुई हैं.

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कोरिया गणराज्य में चार हज़ार 200 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 22 मौतें हुई हैं, यानि चीन के अलावा अन्य देशों में कुल संक्रमणों की लगभग आधी संख्या कोरिया में है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “पिछले 24 घंटों में चीन की तुलना में अन्य देशों से कोविड-19 के 9 गुना ज़्यादा नए मामले सामने आए हैं. कोरिया गणराज्य, इटली, ईरान और जापान में बीमारी फैलना हमारी सबसे बड़ी चिंता है.”

लेकिन दक्षिण कोरिया में अधिकतर संदिग्ध मामले व्यापक स्तर पर सामुदायिक संक्रमण के बजाय पांच स्थानों से ही देखने को मिले हैं.

“यह महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पता चलता है कि निगरानी के प्रयास कारगर साबित हो रहे हैं और महामारी पर क़ाबू किया जा सकता है. कोरिया गणराज्य की स्थिति दर्शाती है कि यह एक अनूठा वायरस है जिसके अनूठे लक्षण हैं. यह वायरस इन्फ़्लुएंजा नहीं है.”

'अनूठा' वायरस

यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि श्वसन तंत्र पर हमला करने वाला ऐसा वायरस पहले कभी नहीं देखा गया जिसमें समुदायों में फैलने की क्षमता है, लेकिन जिसे समुचित प्रयासों के ज़रिए रोका भी जा सकता है.

“अगर यह इन्फ़्लुएंजा महामारी होती तो अब तक दुनिया भर में व्यापक रूप से समुदायों में यह फैल चुका होती और उसकी गति धीमी करने या रोकने के प्रयास संभव नहीं होते. लेकिन कोविड-19 पर क़ाबू पाना संभव है और यही सभी देशों में प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए.”

उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द आक्रामक ढंग से प्रयासों के ज़रिए इसे फैलने से रोका जा सकता है और जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं.

स्वास्थ्य संगठन के महासचिव के अनुसार कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी घोषित किए जाने पर क़यासबाज़ी हो रही है. ऐसे में स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और आंकड़ों का विश्लेषण हो रहा है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे विश्वव्यापी महामारी का नाम देने से नहीं हिचकिचाएगा.

“लेकिन हमें इसे परिप्रेक्ष्य में देखने की आवश्यकता है. कोविड-19 के 88 हज़ार 913 मामलों में अब तक 90 फ़ीसदी से ज़्यादा चीन के एक प्रांत में हैं. हम जानते हैं कि लोग डरे हुए हैं. हमें पता है कि बहुत से सवाल और चिंताएं हैं.“

यूएन एजेंसी के प्रमुख ने लोगों व समुदायों में व्याप्त चिंताओं के मद्देनज़र स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह का पालन करने का अनुरोध किया है.

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सदस्य देशों को तथ्यों पर आधारित परामर्श उपलब्ध करा रहा है ताकि वे जोखिम की समीक्षा व प्रबंधन कर सकें और ज़रूरी फ़ैसलों को ले सकें.

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम ईरान सरकार को मदद प्रदान करने के प्रयासों के तहत सोमवार दोपहर वहाँ पहुंची है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के ईरान स्थित कार्यालय में एक कर्मचारी के कोविड-19 से संक्रमित होने का पता चला है. संक्रमित कर्मचारी में फ़िलहाल मामूली लक्षण ही देखने को मिले हैं.