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कोरोनावायरस: चीन से बाहर अन्य देशों में संक्रमण के मामलों में तेज़ बढ़ोत्तरी

डॉक्टरों की टीम एक एक्सरे का अध्ययन करते हुए.
WHO
डॉक्टरों की टीम एक एक्सरे का अध्ययन करते हुए.

कोरोनावायरस: चीन से बाहर अन्य देशों में संक्रमण के मामलों में तेज़ बढ़ोत्तरी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है जब कोरोनावायरस (COVID-19) संक्रमण के नए मामले चीन से ज़्यादा अन्य देशों में सामने आए हैं. यूएन एजेंसी ने भरोसा जताया है कि इस वायरस को अब भी रोका जा सकता है लेकिन संभावित विश्वव्यापी महामारी जैसे हालात के मद्देनज़र सभी देशों से अपनी तैयारियों में कोई कसर ना छोड़ने की भी अपील की गई है.

चीन से बाहर 37 देशों में अब तक दो हज़ार 790 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 44 लोगों की मौत हुई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने इटली, ईरान और दक्षिण कोरिया में संक्रमण के मामलों में तेज़ बढ़ोत्तरी पर गहरी चिंता ज़ाहिर की है. इसके अलावा बहरेन, इराक़, कुवैत और ओमान में भी नए मामले सामने आए हैं जो ईरान से जुड़े हैं.

वहीं इटली से जुड़े मामलों का अल्जीरिया, ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया, जर्मनी, स्पेन और स्विट्ज़रलैंड में पता चला है.

चीन में अब तक कुल 78 हज़ार 190 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और दो हज़ार 718 लोगों की मौत हुई है. मंगलवार को चीन में हुबेई प्रांत के अलावा अन्य हिस्सों से महज़ 10 मामलों का पता चला है. लेकिन यूएन एजेंसी प्रमुख ने सचेत किया है कि यह संतुष्ट होकर बैठने का नहीं बल्कि लगातार सतर्कता बरतने का है.

विश्वव्यापी महामारी की आशंका

स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक का कहना है कि चीन के बाहर अन्य देशों में वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ने के कारण मीडिया और नेता इस वायरस को विश्वव्यापी महामारी घोषित करने का ज़ोर डाल रहे हैं.

चीन में एहतियात के तौर पर डाक से आने वाले पैकेजों को इमारत से बाहर ही रखा जा रहा है.
Man Yi
चीन में एहतियात के तौर पर डाक से आने वाले पैकेजों को इमारत से बाहर ही रखा जा रहा है.

 

“लेकिन हमें अति-उत्साह में आकर बिना सोचे-समझे और तथ्यों के स्पष्ट विश्लेषण के अभाव में इसे विश्वव्यापी महामारी घोषित नहीं करना चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही इसे अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित कर चुका है – यह हमारा उच्चतम स्तर का अलार्म है.”

उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी महामारी शब्दों के लापरवाही से इस्तेमाल का कोई ठोस लाभ नहीं है लेकिन इसमें ग़ैरज़रूरी और अनुचित डर और कलंक का जोखिम निहित है जो पूरी प्रणाली को ठप कर सकता है.

“इससे संकेत मिलेगा कि हम वायरस पर क़ाबू नहीं पा सकते जो सच नहीं है. हम एक ऐसी लड़ाई में हैं जो सही क़दम उठा कर जीती जा सकती है. निसंदेह हम विश्वव्यापी महामारी का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकेंगे बशर्ते के यह हालात को सटीकता से बयां करे.”

1.4 अरब की आबादी वाले चीन में क़रीब 80 हज़ार मामलों का पता चला है जबकि शेष दुनिया की आबादी 6.3 अरब है और अब तक दो हज़ार 790 मामले सामने आए हैं.

यूएन एजेंसी के मुताबिक संक्रमण के मामलों पर दिन के 24 घंटे नज़र रखी जा रही है लेकिन फ़िलहाल वायरस के सतत और सघन ढंग से समुदायों में फैलने या बड़े स्तर पर गंभीर बीमारियों या मौतें नहीं देखी जा रही हैं.

वायरस पर क़ाबू पाने के प्रयास

यूएन एजेंसी प्रमुख के टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस के मुताबिक यूएन एजेंसी और चीन की साझा टीम द्वारा जारी नई रिपोर्ट का अहम संदेश यह है कि इस वायरस को रोका जा सकता है.

उन्होंने कहा कि बहुत से देश इसी समझ के साथ आगे बढ़ रहे हैं. 14 ऐसे देश हैं जहां कोरोनावायरस के मामलों का पहले पता चला था लेकिन पिछले एक हफ़्ते से वहां कोई नया केस सामने नहीं आया है. 9 देश ऐसे हैं जहां दो हफ़्तों से किसी नए मामले का पता नहीं चला है: बेल्जियम, कंबोडिया, फ़िनलैंड, भारत, नेपाल, फ़िलिपींस, रूस, श्रीलंका और स्वीडन.

“लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इन देशों में मामले फिर सामने नहीं आएंगे. लेकिन जिन मामलों का पहले पता चला था उन पर क़ाबू पा लिया गया है.”

योरोप में नए मामलों के मद्देनज़र सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उठाए जा रहे क़दमों की समीक्षा और तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन और बीमारियों की रोकथाम व नियंत्रण के लिए योरोपीय केंद्र की एक साझा टीम रोम पहुंची है. यूएन एजेंस की एक अन्य टीम ईरान जाने की तैयारी कर रही है.

म्यांमार के एक शॉपिंग मॉल में ग्राहक का तापमान जांचा जा रहा है.
Man Yi
म्यांमार के एक शॉपिंग मॉल में ग्राहक का तापमान जांचा जा रहा है.

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वायरस के ख़तरे या स्थिति की गंभीरता को कम करके नहीं आंक कर रहे हैं क्योंकि यह वायरस विश्वव्यापी महामारी में अब भी तब्दील हो सकता है.

इसलिए सभी देशों को हर तरीक़े से तैयार रहने की ज़रूरत पर बल दिया गया है. इसमें संक्रमण का जल्द से जल्द पता लगाना, संक्रमित मरीज़ों को अलग रखना और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना और अस्पतालों व समुदायों में इसके फैलने की रोकथाम करना है.

इस संबंध में देशों को तैयारी पूरी करने में मदद के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने समुचित कार्रवाई व तकनीकी दिशानिर्देश जारी किए हैं और छह विशेष दूतों को नियुक्त किया है.

संयुक्त रिपोर्ट

इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन की साझा टीम ने सोमवार को अपनी ताज़ा रिपोर्ट को सौंप दिया जिसे वूहान सहित विभिन्न प्रांतों में हालात की समीक्षा के बाद तैयार किया गया था.

रिपोर्ट दर्शाती है कि 23 जनवरी से 2 फ़रवरी के बीच में वायरस संक्रमण के मामले उच्चतम स्तर पर पहुंचे जिसके बाद उनमें ठहराव आया और उसके बाद से मामलों में गिरावट आ रही है. 

टीम ने अपनी जांच में पाया है कि अब तक कोरोनावायरस के डीएनए में कोई ख़ास बदलाव देखने को नहीं मिला है.

वूहान में कुल संक्रमित मरीज़ों में से 2 से 4 प्रतिशत की मौत हुई है जबकि वूहान से बाहर यह दर घटकर 0.7 प्रतिशत है. 

रिपोर्ट बताती है कि हल्के लक्षणों से पीड़ित मरीज़ों को ठीक होने में आमतौर पर दो हफ़्तों का समय लग रहा है जबकि गंभीर और बेहद गंभीर मामलों में यह अवधि बढ़कर तीन से छह हफ़्ते हो गई. 

यूएन एजेंसी के मुताबिक वूहान में उठाए गए क़दमों से कोरोनावायरस के मामलों में तेज़ उछाल को रोकने में मदद मिली है.