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अफ़्रीकी देशों में कोरोनावायरस फैलने की आशंका चिंता का सबब

चीन में कोरोनावायरस का सबसे पहला मामला वूहान में सामने आया था.
Man Yi
चीन में कोरोनावायरस का सबसे पहला मामला वूहान में सामने आया था.

अफ़्रीकी देशों में कोरोनावायरस फैलने की आशंका चिंता का सबब

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि उनकी चिंता की सबसे बड़ी वजह अफ़्रीका में कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देशों में कोरोनावायरस (COVID-19) के फैलने की आशंका है. इस चुनौती के मद्देनज़र यूएन एजेंसी स्थानीय स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ मिलकर क्षमता विकसित करने के काम में जुटे हैं. अभी तक मिस्र में संक्रमण के एक मामले की पुष्टि हुई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख ने ईरान में हालात को विशेष रूप से चिंता का सबब बताया हैं जहां अब तक 18 मामले सामने आ चुके हैं और पिछले दो दिनों में चार मौतें हो चुकी हैं. चीन से बाहर 26 अन्य देशों में मामलों की संख्या बढ़कर 1,200 हो चुकी है और 8 लोगों की मौत हुई है. 

दक्षिण कोरिया और इटली में मामलों के बढ़ने पर ख़ास तौर पर चिंता जताई गई है. 

यूएन एजेंसी के मुताबिक चीन में 75 हज़ार 569 संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है और दो हज़ार 239 की मौत हुई है.  

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अफ़्रीकी महाद्वीप पर पहले मामले की पुष्टि मिस्र में हुई है. कई अन्य अफ़्रीकी देशों में वायरस के संदिग्ध मामले सामने आए लेकिन परीक्षण में उनकी पुष्टि नहीं हुई.

महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने अफ़्रीकी देशों से अनरोध किया है कि कोरोनावायरस के ख़तरे का सामना करने के लिए उन्हें समन्वित ढंग से विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों के साथ काम करने की ज़रूरत है. 

स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने बताया कि कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देशों को मदद की ज़्यादा ज़रूरत है क्योंकि COVID-19 के वहां भी फैलने का ख़तरा है.

अफ़्रीका में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का क्षेत्रीय कार्यालय अफ़्रीका में बीमारियों पर नियंत्रण व उनकी रोकथाम के लिए एजेंसी के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि आने वाले दिनों में कोरोनावायरस के संभावित मामलों से निपटने की तैयारी हो सके.

“मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन संक्रमण को रोकने, जल्द पता लगाने और उपचार के लिए सभी अफ़्रीकी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है.” इस सिलसिले में 11 हज़ार से ज़्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है. 

लेकिन चीन से बाहर अब अन्य देशों में तेज़ी से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ने के कारण उन्होंने आशंका जताई है कि समय हाथ से निकला जा रहा है. इसके मद्देनज़र उन्होंने सभी देशों से तैयारियों में निवेश की अपील की है. 

“हम देशों को स्क्रीनिंग, परीक्षण, मरीज़े के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और COVID-19 के उपचार के लकए परामर्श दे रहे हैं.” अब तक अफ़्रीका के 6 देशों में निजी सुरक्षा सामग्री के 30 हज़ार से ज़्यादा किट पहुंचाई जा चुकी हैं और आने वाले हफ़्तों में 19 देशों को 60 हज़ार किट उपलब्ध कराई जाएंगी. 

80 फ़ीसदी से ज़्यादा मरीज़ों में आरंभिक लक्षण ही देखने को मिले हैं और उनके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद है.

14 प्रतिशत मामलों में लक्षण गंभीर साबित हुए हैं और मरीज़ों को न्यूमोनिया व साँस लेने में तकलीफ़ का सामना करना पड़ा है. क़रीब पाँच फ़ीसदी मामले बेहद गंभीर हैं जिनमें मरीज़ों के श्वसन तंत्र या शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया.

दो प्रतिशत मामलों में यह संक्रमण घातक है और उम्र बढ़ने के साथ मरीज़ की जान पर जोखिम भी बढ़ जाता है.