सीरिया में हिंसा और पीड़ा के दुष्चक्र पर तुरंत विराम ज़रूरी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़ों में भीषण हिंसा में फंसे लाखों आम लोगों के हालात पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा है कि दुस्वपन बन चुकी इस हिंसा को तत्काल रोकना होगा. उधर मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय के मुताबिक सर्दी से बचाव के लिए विस्थापन का शिकार लोग अपने कपड़े और सामान जलाने को मजबूर हैं, और जल्दही संघर्षविराम नहीं हुआ तो बड़े पैमाने पर ख़ूनख़राबा होने की भी आशंका है.
पश्चिमोत्तर इलाक़ों में हिंसा के कारण दिसंबर 2019 से अब तक 9 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं जिनमें महिलाएं और पॉंच लाख से ज़्यादा बच्चे भी हैं.
सैकड़ों लोगों की मौत हुई है और अनेक परिवारों को कई बार विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा है.
यूएन प्रमुख ने बताया कि अब घनी आबादी वाले इलाक़ों में लड़ाई बढ़ रही है और मानवीय राहत पहुंचाने की संभावनाओं को क्षीण कर रही है. अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का पालन करने और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपीलें अनसुनी की जा रही हैं.
The crisis in northwest Syria is taking a terrible toll on civilians.Hundreds have been killed. Young children are freezing to death.This man-made humanitarian nightmare for the long-suffering people of Syria must stop.It must stop now.https://t.co/qIMzCHwvSj pic.twitter.com/j2mrCFCSYF
antonioguterres
उन्होंने गहरा दुख ज़ाहिर करते हुए कहा कि सीरिया में लोगों को इस भीषण तक़लीफ़ में डालने के लिए इंसान ही ज़िम्मेदार हैं और इस दुस्वपन को तत्काल रोकना होगा.
"सुरक्षा के लिए जैसे-जैसे ज़मीन सिकुड़ रही है, उसके साथ ही मानवीय पीड़ा बढ़ने की आशंका गहरा रही है."
"हमने एक साल से देखा है कि सीरियाई सरकार के ज़मीनी सैन्य अभियान को रूस की हवाई बमबारी से मदद मिल रही है. इस महीने तुर्की और सीरियाई सुरक्षा बलों में कई झड़पें हुई हैं."
"इसका अर्थ यह है कि नाटकीय ढंग से ख़राब होते मानवीय हालात के अलावा हम एक गंभीर टकराव के जोखिम का सामना कर रहे हैं जिसके नतीजों का अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता."
यूएन प्रमुख ने इदलिब में लड़ाई तत्काल रोके जाने की अपील करते हुए कहा कि मानवीय तबाही और स्थिति को नियंत्रण से बाहर ना जाने देने के लिए हिंसा का अंत करना ज़रूरी है.
इदलिब प्रांत सीरिया के उन अंतिम इलाक़ों में शामिल है जो विद्रोहियों का गढ़ है और सीरिया सरकार वहाँ फिर से अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अभियान चला रही है.
"संदेश स्पष्ट है: सीरिया में संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है. एकमात्र संभव समाधान राजनैतिक ही है."
महासचिव गुटेरेश ने बताया कि सीरिया में 28 लाख लोगों को मानवीय राहत की आवश्यकता है. ज़रूरतमंदों की बढ़ती तादात को ध्यान में रखते हुए 50 करोड़ डॉलर की रक़म जुटाने की अपील जारी की गई है.
इस रक़म के ज़रिए हाल ही में विस्थापित हुए लोगों को अगले छह महीनों तक मदद पहुंचाई जाएगी.
सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पेडरसन सभी पक्षों से वार्ता करने में जुटे हैं.
कंपकंपा देने वाली सर्दी में लाखों लोगों को भारी बमबारी के बीच बदहाल हालात में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
हिंसा से बचने के लिए सुरक्षित इलाक़ों में शरण लेने वाले परिवार कंपकपाती सर्दी से बचने के लिए अपने कपड़े भी जला रहे हैं.
मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने कहा है कि अगर जल्द संघर्षविराम नहीं हुआ तो ख़ूनख़राबा होने की भी आशंका है.
यूएन एजेंसी के प्रवक्ता येन्स लार्क ने बताया, “कई लोग आग तापने के लिए अपने बचे-खुचे कपड़े, फ़र्नीचर और ऐसा सामान भी जला रहे हैं जिनसे ज़हरीला धुँआ निकलता है.”
हिंसा का दायरा लगातार बढ़ रहा है और विस्थापित लोग भी उसके दायरे में आ रहे हैं. बमबारी होने से विस्थापितों के लिए बनाए गए शिविर प्रभावित हो रहे हैं.
पश्चिमोत्तर में फ़रवरी में ज़मीनी और हवाई हमलों में कम से कम 100 आम नागरिक मारे गए हैं जिनमें 35 बच्चे हैं.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को तत्काल संघर्षविराम की अपील की थी जिसे सीरिया में यूएन के विशेष दूत गेयर पेडरसन ने सुरक्षा परिषद को स्थिति से अवगत कराते हुए दोहराया था.