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सीरिया: राजनैतिक समाधान के लिए सुरक्षा परिषद से पूर्ण समर्थन की पुरज़ोर अपील

12 फ़रवरी 2020 को एक विस्थापित परिवार अनौपचारिक शिविर में शरण लेते हुए. दक्षिणी इलाक़े इदलिब और ग्रामीण अलेप्पो से बहुत से विस्थापित परिवार यहाँ पहुँचने को मजबूर थे.
© UNICEF/Baker Kasem
12 फ़रवरी 2020 को एक विस्थापित परिवार अनौपचारिक शिविर में शरण लेते हुए. दक्षिणी इलाक़े इदलिब और ग्रामीण अलेप्पो से बहुत से विस्थापित परिवार यहाँ पहुँचने को मजबूर थे.

सीरिया: राजनैतिक समाधान के लिए सुरक्षा परिषद से पूर्ण समर्थन की पुरज़ोर अपील

शान्ति और सुरक्षा

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पेडरसन ने कहा है कि देश में शांति और राजनैतिक मोर्चों पर प्रगति ठप हो गई है. उन्होंने बुधवार को सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को सीरिया के हालात की जानकारी देते हुए दोहराया कि सीरिया में 9 साल से चले आ रहे हिंसक संघर्ष का अंत करने और राजनैतिक समाधान की तलाश करने के प्रयासों को पूर्ण समर्थन मिलना चाहिए.

उन्होंने यह अपील सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़ों में तेज़ी से बदतर होते हालात की पृष्ठभूमि में जारी की है जहां मौजूदा सैन्य हमलों के कारण दिसंबर 2019 से अब तक 9 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को कहा था कि कँपकपा देने वाली सर्दी में परिवारों को बारी बमबारी के बीच विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और इन हालात के मद्देनज़र तत्काल युद्धविराम की ज़रूरत है.

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इसी संदेश को दोहराते हुए यूएन दूत पेडरसन ने कहा, “मैं अंतरराष्ट्रीय मानवीय राहत क़ानूनों और इदलिब में तत्काल युद्धविराम के प्रति पूर्ण सम्मान की पुन: अपील करता हूँ, जिससे अंतत: राष्ट्रव्यापी युद्धविराम हो सके.” साथ ही उन्होंने शांति क़ायम करने के लिए अन्य पक्षों से भी प्रयास जारी रखने की बात कही है.

“मैं इस परिषद के सभी सदस्यों से आगे का राजनैतिक रास्ता तलाश करने के प्रयासों को पूरी तरह समर्थन देने का आग्रह करता हूं. जैसे कल महासचिव ने हमें ध्यान दिलाया, इसी रास्ते पर हम सर्वोत्तम ढंग से सीरियाई लोगों के हितों का ख़याल रख सकते हैं.”

इदलिब प्रांत सीरिया के उन अंतिम इलाक़ों में शामिल है जो विद्रोहियों का गढ़ है और सीरिया सरकार फिर से वहां नियंत्रण स्थापित करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अभियान चला रही है.

गेयर पेडरसन ने बताया कि इदलिब में तनाव कम करने के लिए इंतज़ामों को रूस और तुर्की से समर्थन मिला है और उन्हें हालात में बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी.

“हाल के दिनों में रूसी और तुर्की के प्रतिनिधिमंडलों ने गहन मुलाक़ात की है...और राष्ट्रपति स्तर पर भी संपर्क हुआ है. लेकिन ज़्यादा जानकारी सामने नहीं आ पाई है. इसके विपरीत, सीरिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों से सार्वजनिक बयानबाज़ी हिंसा तेज़ होने के आसन्न जोखिम का संकेत देती है.”

सिमटता दायरा

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय राहत समन्वयक मार्क लोकॉक ने सुरक्षा परिषद को बताया कि पश्चिमोत्तर में इस महीने ज़मीनी और हवाई हमलों में कम से कम 100 आम नागरिक मारे गए हैं जिनमें 35 बच्चे हैं.  

उन्होंने कहा कि लोग वैसे तो भीड़भाड़ वाले इलाक़ों में शरण लेने की कोशिशें कर रहे हैं लेकिन कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है.

“50 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने पेड़ों के नीचे या अन्य खुले स्थानों पर शरण ली हुई है.”

“मुझे नवजात शिशुओं और युवा बच्चों की ठंड में मौत होने की प्रतिदिन रिपोर्टें मिल रही हैं. उस अभिभावक के दुख की कल्पना कीजिए जिसने युद्धक्षेत्र से अपने बच्चे के साथ पलायन किया लेकिन फिर उसी बच्चे की सर्दी से ठिठुरते मौत को देखा.”

इससे पहले, मानवीय राहत संगठनों ने 33 करोड़ 60 लाख डॉलर की धनराशि जुटाने की अपील जारी की थी जिससे सीमापार तुर्की से अभियान चलाकर क़रीब आठ लाख लोगों को मदद मुहैया कराई जाएगी.

लेकिन मार्क लोकॉक ने कहा है कि लगातार ज़रूरतों का दायरा बढ़ने के कारण 50 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने का अनुरोध किया जाएगा.

इदलिब प्रांत से भागकर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए एक ट्रक में सवार बच्चे.
© UNICEF/Forat Abdoullah
इदलिब प्रांत से भागकर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए एक ट्रक में सवार बच्चे.

“पश्चिमोत्तर इलाक़े में सहायता का दायरा बढ़ाने के लिए हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. हम बाब अल-हावा सीमा क्रॉसिंग को हफ़्ते में सातों दिन खुला रखने के लिए तुर्की सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि राहत ट्रकों की संख्या बढ़ाई जा सके.”

“हमने दामस्कस के एक मिशन के लिए उन इलाक़ों में जाने के लिए सीरिया सरकार से अनुमति मांगी है जिन पर हाल ही में नियंत्रण किया गया है ताकि यह देखा जा सके कि वहां कौन लोग हैं और उनकी ज़रूरतों का आकलन हो सके.”

विशेष दूत ने पश्चिमोत्तर इलाक़ों में संकट के अलावा सीरिया के अन्य स्थानों पर चिंताजनक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए बताया कि अलेप्पो के ग्रामीण इलाक़ों में फिर से तनाव बढ़ा है और पूर्वोत्तर में भी तनाव पूरी तरह दूर नहीं हो पाया है.

“आईसिल का फिर उभरना बेहद चिंताजनक है, पूर्वोत्तर इलाक़ों, होम्स और अन्य इलाक़ों के पास रेगिस्तानी क्षेत्र में लगातार हमले हो रहे हैं.”

विशेष दूत ने सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र के रुख़ को दोहराते हुए कहा कि हिंसक संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है और समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक राजनैतिक प्रक्रिया का होना आवश्यक है.

हालाँकि उन्होंने माना कि पिछले वर्ष जिस संवैधानिक समिति ने काम शुरू किया था उस मामले में प्रगति रुक गई है.

इस समिति में सरकार, विपक्ष और नागरिक संगठन के प्रतिनिधि शामिल हैं और उनकी संख्या बराबर है. उनकी ज़िम्मेदारी युद्धोपरान्त सीरिया में नया राजनैतिक रोडमैप तैयार करना है.

सदस्यों की पहली मुलाक़ात वर्ष अक्टूबर 2019 में जिनीवा में हुई थी लेकिन उसके बाद दूसरे सत्र के लिए एजेंडा तय नहीं हो पाया था.

गेयर पेडरसन ने जल्द ही तीसरे सत्र का आयोजन होने की उम्मीद जताई है और ऐसा होने तक उन्होंने सभी पक्षों के साथ संवाद को जारी रखने की बात कही है.