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कोरोनावायरस: अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम पहुंची चीन

जापान के टोक्यो एयरपोर्ट पर यात्री फ़ेस मास्क लगाकर एहतियात बरत रहे हैं.
UN News/Li Zhang
जापान के टोक्यो एयरपोर्ट पर यात्री फ़ेस मास्क लगाकर एहतियात बरत रहे हैं.

कोरोनावायरस: अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम पहुंची चीन

स्वास्थ्य

नॉवल कोरोनावायरस (COVID-19) संक्रमण से संबंधी जानकारी जुटाने और महामारी के प्रति समझ को पुख़्ता करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम चीन पहुंच गई है. इस वायरस के संक्रमण के अब तक 70 हज़ार से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 1 हज़ार 700 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.  यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि अब तक के ऑंकड़े दर्शाते हैं कि यह वायरस अतीत के वायरसों - सार्स (SARS) और मर्स (MERS) - जितना घातक नहीं है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि समय बीतने के साथ और महामारी फैलने से संबंधित जानकारी का दायरा बढ़ने से यह समझने में मदद मिल रही है कि कोरोनावायरस संक्रमण किस तरह फैल रहा है और आने वाले दिनों में यह किस दिशा में आगे बढ़ सकता है.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि अपनी तैयारी करने का अवसर अभी है. हमें संसाधनों की ज़रूरत अभी है ताकि देशों की तैयारी अभी सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने स्पष्टता से कहा, “हमें मालूम नहीं है कि हमारे पास कितना समय बचा है. इसलिए आइए समय बर्बाद ना करें.”

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स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने भरोसा दिलाया कि इस बीमारी के ख़तरे के मद्देनज़र सदस्य देशों को कई मोर्चों पर तैयार किया जा रहा है.

इन प्रयासों के तहत दुनिया के अनेक देशों में लैब परीक्षण के लिए टेस्ट किट्स भेजी गई हैं, स्वास्थ्यकर्मियों के निजी इस्तेमाल के लिए  फ़ेस मास्क, दस्ताने और अन्य उपकरण रक्षात्मक सामग्री मुहैया कराई गई है.

यूएन एजेंसी ने स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने के अलावा देशों को स्क्रीनिंग, परीक्षण, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उपचार जैसे विषयों पर सलाह भी उपलब्ध कराई है.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि मज़बूती से तैयारी के लिए क़रीब 67 करोड़ डॉलर की रक़म की ज़रूरत होगी. अब तक कुछ दानदाता मदद के लिए आगे आए हैं लेकिन ज़रूरत के अनुरूप धनराशि का इंतज़ाम अभी होता नहीं नज़र आ रहा है.

नए मामले

17 फ़रवरी को चीन ने COVID-19 वायरस से संक्रमण के 70 हज़ार 635 मामलों की पुष्टि की है और 1 हज़ार 772 लोगों की मौत होने की ख़बरें हैं.

पिछले 24 घंटों में इस वायरस से संक्रमण के 2 हज़ार 51 नए मामले सामने आए जिनमें क्लीनिक (सीटी स्कैन) और लैब परीक्षण, दोनों जाँच तरीक़े शामिल हैं.

नए मामलों में 94 फ़ीसदी चीन के हुबेई प्रांत से ही हैं जबकि चीन से बाहर 25 देशों में अब तक संक्रमण के 694 मामले सामने आ चुके हैं और तीन मौतें हुई हैं.

ऑंकड़े दर्शाते हैं कि संक्रमण के नए मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन अभी पक्के तौर कुछ कह पाना मुश्किल है. यूएन एजेंसी के मुताबिकअगर ये संक्रमण अन्य देशों में फैलता है तो यह रुझान बदल सकता है.

संक्रमण की गंभीरता

चीन ने सोमवार को एक रीसर्च पेपर जारी किया जो COVID-19 के 44 हज़ार मामलों के ऑंकड़ों पर आधारित है. इस अध्ययन से मरीज़ों की आयु, बीमारी की गंभीरता और मृत्यु दर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है जिससे यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को अन्य देशों के लिए तथ्यों पर आधारित परामर्श देने में सहायता मिलेगी.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रोस एडेहनॉम घेबरेयेसस ने बताया कि नॉवल कोरोनावायरस (COVID-19) सार्स (SARS) और मर्स (MERS) जितना घातक नहीं है.

80 फ़ीसदी से ज़्यादा मरीज़ों में आरंभिक लक्षण ही देखने को मिले हैं और उनके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद है.

14 प्रतिशत मामलों में लक्षण गंभीर साबित हुए हैं और मरीज़ों को न्यूमोनिया व साँस लेने में तकलीफ़ का सामना करना पड़ा है.

क़रीब पाँच फ़ीसदी मामले बेहद गंभीर हैं जिनमें मरीज़ों के श्वसन तंत्र या शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया.

दो प्रतिशत मामलों में यह संक्रमण घातक है और उम्र बढ़ने के साथ मरीज़ की जान पर जोखिम भी बढ़ जाता है.

बच्चों में इस संक्रमण के ज़्यादा मामले नहीं सामने आए हैं और इसके कारणों को समझने के लिए ज़्यादा रिसर्च की आवश्यकता रेखांकित की गई है.