जलवायु कार्रवाई तेज़ करने पर बल, शरणार्थियों की मदद के लिए पाकिस्तान की सराहना

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने लंबे समय तक भारी संख्या में शरणार्थियों को अपने यहाँ पनाह देने में असाधारण दरिया-दिली और मज़बूती दिखाने व जलवायु परिवर्तन की चुनौती का मुक़ाबला करने में अहम भूमिका के लिए पाकिस्तान की सराहना की है. महासचिव ने रविवार को पाकिस्तान की तीन दिन की यात्रा शुरू करते हुए इस्लामाबाद में ये बात कही.
रविवार को राजधानी इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत में यूएन महासचिव ने कहा, “मेरी यात्रा का एक प्रमुख मक़सद पाकिस्तान को इसकी मौजूद संभावनाओं और क्षमताओं के साथ प्रकाश में लाना है.”
I am closely following vital peace efforts in Afghanistan to reduce violence, especially against civilians.By building regional consensus, Pakistan’s role in this process remains crucial.https://t.co/fAlIPJb9vA pic.twitter.com/RyT2E0excI
antonioguterres
इस मौक़े पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी भी मौजूद थे.
यूएन प्रमुख ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ये सही समय है जब दुनिया को अपने क़दमों को कुछ ठहराव देकर पाकिस्तान को एक व्यापक दायरे वाली नज़र से देखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले 40 वर्षों से अफ़ग़ान शरणार्थियों को अपने यहाँ पनाह देकर जो उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई है, वो असाधारण है, और वो भी सीमित अंतरराष्ट्रीय सहायता के साथ.
इसके अलावा पाकिस्तान ने यूएन शांति रक्षा अभियानों में भी महत्वपूर्ण योगदान किया है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने की दिशा में अन्य योजनाओं के साथ-साथ दस अरब के पेड़ लगाने का जो अभियान चलाया है, वो बेशक सराहनीय क़दम है.
ये क़दम पाकिस्तान की तरफ़ से ना केवल दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए, बल्कि व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी सराहनीय योगदान हैं.
यूएन महासचिव ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान को समर्थन व सहायता देता रहेगा. मैं अन्य देशों से भी पाकिस्तान को समर्थन व सहायता देने का आहवान करता हूँ. इसके अलावा दक्षिण एशिया क्षेत्र और दुनिया भर में अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने के लिए इसी तरह का नेतृत्व अन्य देशों में भी नज़र आना चाहिए.”
टिकाऊ विकास और जलवायु परिवर्तन विषय पर आयोजित विशेष वार्ता में महासचिव ने कहा, “अन्य विकासशील देशों की ही तरह पाकिस्तान समस्या के लिए बहुत कम ज़िम्मेदार है मगर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कहीं ज़्यादा प्रभावों को झेलने को मजबूर है.”
यूएन प्रमुख ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान द्वारा सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र के दौरान जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाने के लिए उनकी सराहना की. साथ ही उन्होंने हरित जलवायु कोष का सहअध्यक्ष बनने पर भी पाकिस्तान को बधाई दी.
ये एक ऐसी परियोजना है जिसके ज़रिए विकासशील देशों को अपने यहाँ ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम करने के उपायों और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने में अपनी क्षमताएँ बढ़ाने में मदद देने का प्रावधान है.
पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे ‘10 अरब वृक्ष सूनामी’ अभियान और ‘स्वच्छ व हरित पाकिस्तान’ नामक आंदोलन का ज़िक्र करते हुए महासचिव ने राजधानी इस्लामाबाद और देश के अन्य इलाक़ों में प्लास्टिक बैगों का इस्तेमाल बंद करने के फ़ैसले की भी सराहना की.
“प्लास्टिक प्रदूषण आज हमारे सामने मौजूद प्रमुख चिंताओं में से एक है, विशेष रूप में हमारे समुद्रों की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करने के मामले में.”
यूएन प्रमुख ने इस अवसर पर कपड़े का बना हुआ एक थैला प्रदर्शित करते हुए इस विशेष वार्ता में मौजूद सभी जनों से भी ख़रीदारी के लिए कपड़े के बने इसी तरह के थैले इस्तेमाल करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि जलवायु संकट से निपटने का रास्ता वैश्विक एकजुटता और वैश्विक कार्रवाई के ज़रिए ही निकल सकता है. “हम अपनी ज़िन्दगियाँ बचाने के लिए युद्धरत हैं. लेकिन मेरा ये भी पक्का विश्वास है कि ये एक ऐसा युद्ध है जिसे हम जीत सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि दरअसल: “टैक्नोलॉजी हमारे पक्ष में है. हमारे पास ऐसा ज्ञान और ऐसे साधन उपलब्ध हैं जिनकी हमें ‘धूसर अर्थव्यवस्था से’ आगे बढ़कर ‘हरित अर्थव्यवस्था’ तक पहुँचने की ज़रूरत है. हमारे पास पेरिस जलवायु समझौता है और हमारे पास टिकाऊ विकास लक्ष्य हैं.”
यूएन प्रमुख ने 2030 का टिकाऊ विकास एजेंडा के लक्ष्य हासिल करने का आग्रह करते हुए ये भी दर्ज किया कि आज के दौर में टिकाऊ विकास और मानव प्रगति के रास्तों की चुनौतियाँ दरअसल राष्ट्रीय सीमाओं से अनजान हैं.
“ये चुनौतियाँ सिर्फ़ किन्हीं राष्ट्रों की सीमाओं के भीतर ही सीमित नहीं हैं.”
उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि पाकिस्तान ऐसे देशों में शामिल रहा है जिन्होंने सबसे पहले टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रयास शुरू किए.
इनमें ग़रीबी दूर करने के राष्ट्रीय कार्यक्रम – अहसास शामिल है जो सामाजिक संरक्षा व सुरक्षा का दायरा बढ़ाने और और मानव विकास में सहायता मुहैया कराने के लिए शुरू किया गया.
इसके अलावा कामयाब जवान नामक एक राष्ट्रीय युवा विकास कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है जिसका मक़सद पाँच वर्षों के दौरान युवाओं के लिए कामकाज (नौकरियाँ) के एक करोड़ अवसर मुहैया कराना है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि लेकिन हम वैश्विक स्तर पर सही रफ़्तार से नहीं चल रहे हैं, ख़ासतौर से भुखमरी व असमानता दूर करने, जैव विविधता और जलवायु कार्रवाई के मामले में.
“पूरी दुनिया में कारोबारों, घरों, स्कूलों, सरकारों और टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में लिंग असमानता के कारण महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों और अवसरों से वंचित किया जा रहा है.”
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि प्रवासी, युवजन और विकलांगजन जैसी नाज़ुक हालात वाली आबादी पीछे छोड़ दिए जाने के ख़तरे का सामना कर रही है.
“हमें टिकाऊ विकास लक्ष्य 2030 तक हासिल करने के लिए जो सामूहिक प्रयास करने की ज़रूरत है, वो उस रफ़्तार और सामूहिकता के साथ नहीं किए जा रहे हैं.”
साथ ही उन्होंने ज़ोर दिया कि हाल ही में शुरू किए गए कार्रवाई दशक में दुनिया भर में सरकारों, कारोबारों, सिविल सोसायटी और आम लोगों का आहवान किया गया है कि वो ये लक्ष्य हासिल करने के एक ऐसा जोशीला रुख़ अपनाएँ जो रुक ही ना सके.
यूएन प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैन्डी ने रविवार को अफ़ग़ान शरणार्थियों की तीन पीढ़ियों से भी मुलाक़ात करके उनकी आपबीती सुनी और उनकी परिस्थितियों से हमदर्दी जताई.
यूएन प्रमुख के रूप में तो एंतोनियो गुटेरेश की ये पहली पाकिस्तान यात्रा है, मगर उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस पद पर नियुक्त होने से पहले संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त के रूप में वह पाकिस्तान की कई बार यात्रा कर चुके हैं.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “अफ़ग़ान शरणार्थियों की मज़बूती, लचीलापन, साहस, संकल्प, दरिया-दिली और एकजुटता के लिए मेरे दिल में बहुत सम्मान है. अफ़ग़ान शरणार्थियों के साहस से मैं बहुत प्रेरित भी महसूस करता हूँ.”
अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान महासचिव सोमवार को एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी अपने विचार रखेंगे.
ये सम्मेलन अफ़ग़ान शरणार्थियों को पाकिस्तान और ईरान में रखने के 40 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया है.
शरणार्थियों की ये संख्या विश्व भर में शरणार्थी आबादी की सबसे बड़ी संख्याओं में से एक है जिसे इतने लंबे समय तक पाकिस्तान व ईरान में रहना पड़ा है.
इस सम्मेलन का आयोजन पाकिसातन सरकार और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने मिलकर किया है. यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैन्डी भी इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
ऐसी भी संभावना है कि यूएन प्रमुख इस यात्रा के दौरान शरणार्थियों और पाकिस्तान सरकार के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी मुलाक़ात करेंगे.