कोरोनावायरस: 'पुख़्ता तैयारी में धन निवेश ज़रूरी'

चीन के शेन्दू शुआनग्लीयू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फ़ेस मास्क पहने लोग.
UN News/Jing Zhang
चीन के शेन्दू शुआनग्लीयू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फ़ेस मास्क पहने लोग.

कोरोनावायरस: 'पुख़्ता तैयारी में धन निवेश ज़रूरी'

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भरोसा जताया है कि  कोरोनावायरस और अन्य बीमारियों के ख़तरे से निपटने का सर्वश्रेष्ठ तरीक़ा महामारियों की जल्द पहचान करके उन्हें फैलने से रोकना है.  संगठन के मुताबिक दुनिया कोरोनावायरस के ख़तरे से निपटने के लिए पहले से कहीं बेहतर ढंग से तैयार है . यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ज़रूरतमंद देशों में लैब परीक्षण की क्षमता पुख़्ता करने के लिए मदद दे रही है और इस संबंध में पिछले एक हफ़्ते में हालात बेहतर हुए हैं.

इस वायरस का आधिकारिक नाम (COVID-19) है. इस वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित चीन के हुबेई प्रांत में जाँच का तरीक़ा बदला गया है.

लैब में परीक्षण के बाद लगभग 47 हज़ार 500 मामलों की पुष्टि की गई है जबकि क्लीनिक में सीटी स्कैन के ज़रिए 16 हज़ार 426 मामलों का पता लगाया गया है.

चीन में वायरस संक्रमण से अब तक 1 हज़ार 381 मौतें हो चुकी हैं जबकि 24 अन्य देशों में 505 मामलों का पता चला है और दो लोगों की मौत हुई है.

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चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने आँकड़े जारी करके बताया कि 1 हज़ार 716 स्वास्थ्यकर्मी इस वायरस से संक्रमित हुए हैं और छह की मौत हो गई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य में किन्शासा से वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के ज़रिए बताया, “यह स्पष्ट है कि तस्वीर लगातार बदल रही है. चीन में स्वास्थ्यकर्मी और अन्य कर्मचारी बिना आराम किए कठिन हालात में काम कर रहे हैं."

"लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना है कि जितनी जल्दी हो सके, हमारे पास सटीक आँकड़े उपलब्ध हों, ताकि वैश्विक स्तर पर इस वायरस से निपटने की कार्रवाई को समर्थन दिया जा सके.”

उन्होंने कहा, “यह समय एकजुटता का है, कलंक लगाने की सोच रखने का नहीं. कुछ चिंताजनक संकेत दर्शाते हैं कि विश्व में एकता और उन लोगों के साथ खड़े होने की पुकार को अनसुना किया जा रहा है जो प्रभावित लोगों के जीवन को बचाने और पीड़ा को दूर करने में जुटे हैं.”

स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका अहम

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख के मुताबिक स्वास्थ्यकर्मी ही वो कड़ी हैं जो स्वास्थ्य प्रणाली व महामारी से निटने के प्रयासों को जोड़ती है, इसलिए यह जानना बेहद अहम होगा कि किन हालात में ये स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हुए.

साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अस्पताल में मरीज़ों की देखभाल में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए नए दिशानिर्देश बनाए हैं जिन्हें सभी देशों को मुहैया कराया गया है.

यूएन एजेंसी ज़रूरी सामग्री की आपूर्ति करने वाले कई सप्लायर्स के संपर्क में है और उनसे आग्रह किया गया है कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा निजी इस्तेमाल के लिए फ़ेसमास्क सहित अन्य बचाव सामग्री व उपकरणों के उत्पादन व वितरण को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.

इससे पहले गुरुवार को एक यूएन विशेषज्ञ ने कहा था कि चीन से बाहर संक्रमण फैलने के मामले उतनी बड़ी संख्या में नहीं हैं जिनकी पहले आशंका जताई गई थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन में स्वास्थ्य एमरजेंसी कार्यक्रम के प्रमुख डॉक्टर माइकल रायन ने स्पष्ट किया था कि भले ही वायरस संक्रमण का दायरा फ़िलहाल उतना विशाल ना हो लेकिन जल्दबाज़ी में निष्कर्ष निकालने से भी बचना होगा.

यूएन मिशन

COVID-19 से मुक़ाबला करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में साझा मिशन का काम आगे बढ़ रहा है और इस सप्ताहांत तक पूरी टीम के मोर्चा संभालने की उम्मीद है.

इस मिशन में 13 अंतरराष्ट्रीय व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ हैं और उतनी ही संख्या में चीन के राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हैं.  

साझा मिशन गहराई तक जाकर जानकारी मुहैया कराने वाली वर्कशॉप आयोजित करेगा, प्रमुख मंत्रालयों के साथ आँकड़ों की समीक्षा की जाएगी, राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के साथ बैठकें होंगी और तीन प्रांतों का दौरा किया जाएगा. यह जानने का प्रयास भी होगा कि जवाबी कार्रवाई कितनी प्रभावी साबित हो रही है.

इस साझा मिशन का उद्देश्य COVID-19 से जल्द से जल्द निपटने के लिए अगले क़दमों की जानकारी हासिल करना है ताकि चीन और बाक़ी दुनिया में उसके अनुरूप तैयारी की जा सके.

वायरस के फैलने, उसकी घातकता और उससे निपटने के लिए उठाए जा रहे क़दमों पर ख़ास तौर से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि स्वास्थ्य प्रणालियों को किसी भी संभावित ख़तरे के लिए तैयार किया जा सके.

इससे पहले कंबोडिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैस्टरडैम क्रूज़ जहाज़ पर सवार 20 यात्रियों को COVID-19 वायरस के लिए नैगेटिव पाया है.

यूएन एजेंसी ने मानवता व एकजुटता का परिचय देने के लिए कंबोडिया सरकार को धन्यवाद दिया है.