रेडियो: संवाद व विविधता को प्रोत्साहन देने का सशक्त माध्यम

तेज़ी से अपना स्वरूप बदल रही मीडिया में रेडियो अब भी एक ऐसा माध्यम है जिसमें लोगों को एकजुट करने और समुदायों के लिए महत्वपूर्ण ख़बरें व जानकारी उपलब्ध कराने की ताक़त है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘विश्व रेडियो दिवस’ पर अपने संदेश में रेडियो को एक ऐसा पथ-प्रदर्शक माध्यम बताया है जो विविधता को बढ़ावा और विश्व शांति में योगदान देता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2012 में यूनेस्को की उदघोषणा के अनुमोदन के बाद एक प्रस्ताव को पारित किया था जिसमें हर साल 13 फ़रवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की बात कही गई थी.
"As we strive to achieve the #GlobalGoals & tackle the climate crisis, radio has a key role to play as a source of information & inspiration alike."-- @antonioguterres on #WorldRadioDay. https://t.co/ET1ddjq6dZ pic.twitter.com/vwWzTeTtK3
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वर्ष 1946 में इसी दिन (13 फ़रवरी) को संयुक्त राष्ट्र रेडियो की स्थापना की हुई थी.
यूएन प्रमुख ने कहा कि, “अपने सभी प्रारूपों, भाषाओं और पेशेवर कर्मचारियों के ज़रिए रेडियो विविधता का बेहतरीन प्रदर्शन करता है, यह दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है.”
“एक ऐसे समय जब हम टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने और जलवायु संकट से निपटने का प्रयास कर रहे हैं, सूचना और प्रेरणा के स्रोत के रूप में रेडियो की अहम भूमिका है.”
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के मुताबिक रेडियो सामग्री और कार्यक्रम की विविधता के साथ-साथ विचारों की बहुलता के अनुरूप रेडियो प्रसारण चैनलों में भी विविधता के दर्शन होते हैं.
चाहें लोग ए.एम., एफ़.एम. या डिजिटल रेडियो को अपनी कार में सुनें, रेडियो स्टेशन को वेब पर स्ट्रीमिंग के ज़रिए सुनें या फिर फ़ोन पर पॉडकास्ट को डाउनलोड करें, वे एक ऐसे माध्यम का अनुभव कर रहे होते हैं जो विश्व में व्यापक रूप से इस्तेमाल में लाया जाता है.
यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ोले ने अपने संदेश में ध्यान दिलाया कि रेडियो आज़ादी प्रदान करता है और इसलिए यह सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने का एक अनूठा माध्यम है.
आदिवासी समुदायों के लिए यह विशेष रूप से मान्य है जिनके लिए रेडियो अपने अनुभवों को साझा करने, संस्कृति को बढ़ावा देने और अपनी भाषाओं में विचारों को अभिव्यक्त करने का माध्यम है.
“यही बात सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए भी कही जा सकती है, जो कई सामाजिक समूहों की चिंता को प्रकट करने का ज़रिया बनते हैं. सार्वजनिक विमर्श में उनकी आवाज़ें रेडियो के बग़ैर उतनी प्रभावी नहीं होंगी.”
डिजिटल मीडिया के इस दौर में संयुक्त राष्ट्र के ऑडियो कार्यक्रम अब भी जारी हैं और प्रतिदिन न्यूज़ बुलेटिन, साप्ताहिक मैगज़ीन कार्यक्रम, और मासिक पॉडकास्ट यूएन की 6 आधिकारिक भाषाओं – अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रेंच, रूसी व स्पेनिश – के अलावा हिंदी, किस्वाहिली और पोर्तुगीज़ भाषा में सुने जा सकते हैं
वर्ष 2020 में रेडियो दिवस पर यूनेस्को ने रेडियो स्टेशनों से न्यूज़रूम और रेडियो तंरगों तक विविधता को बनाए रखने की अपील की है.
रेडियो को एक ऐसा ताक़तवर माध्यम बताया गया है जिससे विभिन्न समुदायों को एकसाथ लाने और बदलाव के लिए सकारात्मक संवाद को प्रोत्साहन देने में मदद मिलती है.
संयुक्त राष्ट्र के फ़ील्ड अभियानों का यह एक महत्वपूर्ण घटक है जिनके ज़रिए देशों को हिंसक संघर्ष से शांति तक के मुश्किल सफ़र को पूरा करने में मदद मिलती है.
दक्षिण सूडान में यूएन मिशन (UNMISS) के रेडियो मिराया सहित संयुक्त राष्ट्र के कुछ शांतिरक्षा मिशनों में रेडियो स्टेशनों का भी सहारा लिया जाता है.
महासचिव ने कहा कि, “इस विश्व रेडियो दिवस पर, आइए हम विविधता को बढ़ावा देने और एक शांतिपूर्व व समावेशी दुनिया के निर्माण में रेडियो की चिरस्थाई ताक़त को पहचानें.”