कोरोनावायरस का इलाज ढूंढने में जुटी यूएन स्वास्थ्य एजेंसी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक ऐसे मास्टर प्लान पर काम कर रहा है जिसके तहत कोरोनावयरस (COVID-19) से संक्रमित मरीज़ों के लिए संभावित उपचार का पता लगाया जाएगा. सही इलाज की शिनाख़्त के लिए 'क्लिनिकल ट्रायल' में बेहतर समन्वय को अहम बताया गया है. चीन में अब तक संक्रमण के 44 हज़ार से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हुई है और 1,114 मौतें हो चुकी हैं जबकि अन्य देशों में 441 मामले सामने आए हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है.
बुधवार को जिनीवा में दो दिवसीय ‘रिसर्च एंड इनोवेशन फ़ॉरम’ समाप्त हो गई जिसमें विविध पृष्ठभूमि से आए 300 से ज़्यादा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने बीमारी के विभिन्न पहलुओं और उस पर क़ाबू पाने पर चर्चा की.
इस फ़ोरम का आयोजन विश्व स्वास्थ्य संगठन के ‘आर एंड डी ब्लूप्रिंट’ के तहत किया गया था जोकि महामारी फैलने से पहले दवाई व वैक्सीन विकसित करने और महामारी फैलने के दौरान शोध प्रक्रिया की रफ़्तार बढ़ाने की रणनीति है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रोस एडेहनॉम घेबरेयेसस ने बताया कि “यह महामारी राजनैतिक, वित्तीय और वैज्ञानिक परीक्षा है. यह हमारा साझा दुश्मन है जो सीमाओं की परवाह नहीं करता है और हमें लड़ने के लिए हमें एक साथ आना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इस महामारी का अंत करने के लिए हमारे पास संसाधन हैं.”
Press conference on #Ebola in #DRC & #COVID19 with @DrTedros https://t.co/iJy6Ny4zql
WHO
इस फ़ोरम के बाद एक प्रैस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए महानिदेशक टैड्रोस एडेहनॉम घेबरेयेसस ने बताया कि यूएन एजेंसी वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच को बढ़ा रही है और ज़रूरतमंद देशों को परीक्षण किटों, निजी इस्तेमाल के लिए बचाव सामग्री और अन्य उपकरणों की मदद जारी रखेगी.
फ़ोरम में इन प्रमुख बिंदुओं पर विचार-विमर्श हुआ:
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि चीन में संक्रमण के नए मामलों के स्तर में स्थिरता आ रही है लेकिन सतर्कता बरती जानी ज़रूरी है क्योंकि बीमारी फैलने की रफ़्तार किसी भी दिशा में जा सकती है.
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की अपनी अपील को दोहराते हुए कंबोडिया सरकार के उस फ़ैसले की सराहना की है जिसमें एक क्रूज़ जहाज़ को देश में लंगर डालने की अनुमति दी गई है. यह जहाज़ कई दिनों से फंसा हुआ था.
लेकिन अन्य जहाज़ अब भी प्रभावित हैं. चीन से बाहर वायरस संक्रमण के अधिकतर नए मामले (48 में से 40) डायमंड प्रिन्सेस क्रूज़ शिप से हैं जिसे फ़िलहाल जापान के योकोहामा में अलग रखा गया है. तीन अन्य क्रूज़ जहाज़ों को बंदरगाह से अनुमति मिलने में देरी हो रही है या फिर उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी जहाजरानी सैक्टर में नियामक यूएन एजेंसी (IMO) सहित अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि सभी देशों को वायरस से संबंधित सटीक जानकारी और परामर्श उपलब्ध कराया जा सके. साथ ही उन्होंने नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं जिनसे जहाज़ों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी घटनाओं से निपटने में मदद मिलेगी.
इस विषय में जल्द ही दोनों एजेंसी एक साझा बिज्ञप्ति जारी कर सभी देशों से उस सिद्धांत का आदर करने की अपील जारी करेंगी जिसमें जहाज के कप्तान के इस आश्वासन के बाद बंदरगाह पर प्रवेश की अनुमति मिल जाती है कि जहाज़ संक्रामक बीमारी से प्रभावित नहीं है.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि बीमारियों का फैलना मानवता के सर्वश्रेष्ठ और सबसे ख़राब पहलुओं को उजागर कर सकता है. “व्यक्तियों या देशों को कंलकित करने से हमारा ध्यान भटकता है और लोग एक दूसरे के ख़िलाफ़ हो जाते हैं.”
अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की महासचिव फ़ैन्ग ल्यू ने यूएन न्यूज़ के साथ एक इंटरव्यू में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एमरजेंसी के समय हवाई यात्रियों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा को सर्वोपरि बताया है.
लेकिन उन्होंने आगाह किया है कि कोरोनावायरस (COVID-19) संक्रमण से निपटने के लिए सदस्य देशों और विमान कंपनियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताए गए स्वास्थ्य जोखिमों के हिसाब से ही क़दम उठाने चाहिए.
ग़ौरतलब है कि कुछ विमान कंपनियों ने चीन जाने वाली अपनी सीधी उड़ानों पर आंशिक या पूर्ण रूप से थोड़े समय के लिए रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संक्रामक बीमारी के फैसले से जुड़ी ग़लत जानकारी के कारण कुछ बड़ी कंपनियों ने ज़रूरत से ज़्यादा प्रतिक्रिया का परिचय दिया.
उनके मुताबिक ग़ैरवाजिब पाबंदियों से भय और आशंका पनपती है जबकि सार्वजनिक स्वास्थ्य को कोई ख़ास लाभ नहीं होता.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने बताया कि निर्माता कंपनियां, एयरलाइन और हवाई अड्डे एहतियात बरत रहे हैं और विशेष सावधानी के ज़रिए हवाई यात्रियों को संक्रमित होने के जोखिम को दूर करने में जुटे हैं.
नागरिक उड्डयन संगठन की प्रमुख भूमिका सरकारों की दुनिया से जुड़ने में मदद करना है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य चिंताओं के ऐसे लम्हों में यात्रियों का स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सबसे अहम हो जाती है.
अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और यात्रा संबंधी दो परामर्श जारी किए हैं और कहा है कि हालात की निगरानी जारी रहेगी.
इसके अलावा, यूएन संस्था जल्द ही एक ख़त जारी कर सकती है जिसमें सदस्य देशों को राष्ट्रीय विमानन योजनाओं (national aviation plans) को तैयार करने के प्रति आगाह किया गया जाएगा.
किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एमरजेंसी जैसे हालात पैदा होने पर ऐसी स्पष्ट योजनाओं का होना बेहद ज़रूरी बताया गया है ताकि उनसे असरदार ढंग से निपटा जा सके.