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'विश्व नगरीय मंच' में भविष्य के शहरों पर चर्चा

टिकाऊ व समावेशी शहरों के निर्माण के रास्ते तलाश करने पर विमर्श.
UN-Habitat/Waseem Ali
टिकाऊ व समावेशी शहरों के निर्माण के रास्ते तलाश करने पर विमर्श.

'विश्व नगरीय मंच' में भविष्य के शहरों पर चर्चा

एसडीजी

शहरों के भविष्य पर चर्चा के लिए संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी आबू धाबी में शनिवार को ‘विश्व नगरीय मंच’ की शुरुआत हुई है जिसमें टिकाऊ व समावेशी शहरों के निर्माण में युवाओं, महिलाओं, ज़मीनी समुदायों, स्थानीय व क्षेत्रीय सरकारों और व्यवसायों की भूमिका पर विचार-विमर्श होगा. छह दिनों तक चलने वाली यह बैठक पहली बार अरब क्षेत्र में आयोजित की गई है. 

यूएन एजेंसी की कार्यकारी निदेशक मैमूना मोहम्मद शरीफ़ ने फ़ोरम में हिस्सा ले रहे लोगों से ठोस नतीजों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है. 

“मैं जानती हूं कि टिकाऊ और सुरक्षित शहरों के लिए हमारी साझा दृष्टि है. आज हम इससे आगे जाएंगे. हम जानते हैं कि शहरीकरण को रोका नहीं जा सकता.”

यूथ असेम्बली के साझा उदघाटन सत्र में युगांडा की 15 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता और यूथ क्लाइमेट एक्शन ग्रुप की संस्थापक ली नामूगेरवा ने प्रतिभागियों को बताया कि वे योजना बनाने में पारंगत हैं लेकिन उन्हें सही मायनों में लागू करने में सफलता से अभी दूर हैं. 

“मैं यहां कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए हूं ताकि बच्चों और युवाओं की निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदारी हो सके. हमें कार्रवाई करनी होगी. अब ज़्यादा समय नहीं बचा...गंभीर जलवायु कार्रवाई की तत्काल ज़रूरत है.”

एचएसबीसी अमाना मलेशिया बैंक के मुख्य कार्यकारी अरसलान अहमद ने बताया कि सार्वजनिक सैक्टर सामर्थ्यवान बनने में मदद करता है, लेकिन टिकाऊपन सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय पूंजी उपलब्ध कराने के लिए निजी सैक्टर को आगे आना चाहिए. 

उदघाटन सत्र के बाद प्रतिनिधियों ने वहां एक साथ हो रहे कई सत्रों में हिस्सा लिया. स्थानीय एवं क्षेत्रीय सरकारों के विषय पर वर्ल्ड असेम्बली में सभी स्तरों पर सरकार के साथ काम करने की अहमियत पर बल दिया गया. 

दक्षिण अफ़्रीका में ‘लोकल गवर्नमेंट एसोसिएशन’ के अध्यक्ष थेम्बिसिली न्कादिमेन्ग ने ‘वर्ल्ड अरबन फ़ोरम 10’ की थीम का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्व भर में सृजनात्मकता को प्रभावित करने और टिकाऊ व समावेशी विकास के लिए योगदान में संस्कृति की भूमिका महत्वपूर्ण है. 

उदाहरण के तौर पर मुर्झाते शहरी इलाक़ों को फिर से फलने-फूलने देने में जोहानेसबर्ग ने संस्कृति का सहारा लिया है. 

युवाओं की बड़ी भूमिका

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की उपकार्यकारी निदेशक जॉएस म्सूया ने यूथ असेम्बली को संबोधित करते हुए कहा कि, “राजनैतिक इच्छाशक्ति को दिशा देने में युवाओं की एक बड़ी भूमिका है. हमारे लिए यह समय युवाओं पर भरोसा करने का है. वे सुनने, जोड़ने, सीखने और नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं.”

केनया के युवा सामुदायिक नेता आईज़ैक मुआसा ने बताया कि मौजूदा समय में सबसे बड़ी चुनौती बेरोज़गारी और अवसरों का अभाव है. 

बिज़नेस असेम्बली में यूएन हैबिटाट के उपकार्यकारी निदेशक विक्टर किसोब ने कहा कि सही ढंग से काम करने वाले, टिकाऊ शहर बनाने के लिए ज़बरदस्त फ़ंडिंग की ज़रूरत है और इसे निवेशकों के लिए एक अवसर में तब्दील कर देना चाहिए. 

उन्होंने बताया कि टिकाऊ शहरीकरण के वैश्विक प्रयासों में अग्रणी यूएन हैबिटाट एजेंसी अपने विविध साझेदारों के साथ काम कर रही है ताकि भविष्य के अभिनव शहरों को विकसित किया जा सके.

महिलाओं की असेम्बली में महिलाओं के लिए एमीरैट्स डिजिटल एसोसिएशन की प्रमुख होडा अल्ख़ाजाएमी ने नियमों को पुर्नभाषित किए जाने, सीमाओं से परे जाकर काम करने और ग़लत धारणाओं को दूर करने को अहम बताया. 

गाम्बिया में बान्जुल की मेयर रोहेयाटु लोवे ने उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता महिलाओं को सशक्त बनाना और अवरोधों को तोड़ना है ताकि लैंगिक दृष्टि से संवेदनशील और स्मार्ट शहरों का निर्माण संभव हो सके.