कोरोनावायरस: फ़ेस मास्क व अन्य एहतियाती सामग्री की मांग में आसमानी उछाल

चीन के अलावा अन्य देशों में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज़ों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ फ़ेस मास्क सहित अन्य एहतियाती सामग्री की मांग में भारी इज़ाफ़ा हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इससे उन लोगों के लिए ख़ासतौर पर ऐसी सामग्री की कमी का जोखिम बढ़ गया है जिन्हें उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है. इनमें मुख्यतः स्वास्थ्यकर्मी और मरीज़ शामिल हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में एक प्रैस वार्ता में आगाह किया कि ज़रूरत से ज़्यादा सामग्री इकठ्ठा करने के बजाय यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वास्थ्यकर्मियों और संक्रमित मरीज़ों के लिए ये सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके.
We call on countries and companies to work with WHO to ensure fair and rational use of supplies, and a rebalancing of the market.The first priority is #healthworkers. The second priority is those who are sick or caring for someone who is sick.https://t.co/czQNY8hnNy
DrTedros
उन्होंने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि कई देशों में यूएन एजेंसी परीक्षण किट, मास्क, दस्ताने, गाउन और अन्य ज़रूरी सामग्री भेजने में जुटी है लेकिन इस समय दुनिया में बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फ़ेस मास्क सहित अन्य उपकरणों की भारी कमी महसूस की जा रही है.
इस कमी के कारण स्वास्थ्यकर्मियों व मरीज़ों को मुश्किल का सामना करना पड़ा है. सामान्य दिनों की तुलना में मांग 100 गुना बढ़ी है और एहतियाती सामग्री की क़ीमतों में 20 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है.
यूएन एजेंसी के प्रमुख टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बताया कि वह जल्द ही इस बारे में निजी इस्तेमाल के लिए एहतियाती सामग्री के निर्माताओं (Personal Protective Equipment) से बात करेंगे ताकि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष तौर पर सर्जिकल मास्क की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
शुक्रवार को जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक चीन में नॉवल कोरोनावायरस के 31 हज़ार 211 मामलों की पुष्टि हुई है और 637 लोगों की मौत हो चुकी है.
चीन से बाहर 24 अन्य देशों में इसके 270 मामले सामने आए हैं और फ़िलिपीन्स में एक व्यक्ति की मौत हुई है.
पिछले दो दिनों में चीन में नए संक्रमणों की संख्या में थोड़ी कमी आई लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने सतर्कता बनाए रखने की ज़रूरत को रेखांकित किया है.
यूएन एजेंसी को चीनी प्रशासन से कोरोनावायरस के 17 हज़ार मामलों पर रिपोर्ट एक मिली है, जिसके मुताबिक 82 फ़ीसदी मामलों में संक्रमित व्यक्तियों में सामान्य लक्षण देखने को मिले हैं, लेकिन 15 फ़ीसदी मरीज़ों में लक्षण गंभीर और तीन प्रतिशत में बेहद गंभीर थे.
इससे पहले गुरुवार को यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने बताया था कि कोरोनावायरस से निपटने के उपायों के तहत एक फ़ोरम आयोजन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, “बिना लाग-लपेट के कहूं तो हम अंधेरे में तीर मार रहे हैं. हमें इस वायरस को रौशनी में लाना होगा ताकि इससे सही ढंग से निपटा जा सके."
"इसीलिए हम 11 और 12 फ़रवरी को एक ग्लोबल रिसर्च एंड इनोवेशन फ़ोरम आयोजित कर रहे हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रिसर्च में बेहतर समन्वय सुनिश्चित कर वैक्सीन और उपचार का इंतज़ाम हो सके.”
नए कोरोनावायरस के बारे में अभी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है लेकिन ये वायरस उमरदराज़ और उन लोगों के लिए बहुत घातक है जो पहले से ही डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन जैसी स्वास्थ्य दशाओं से जूझ रहे हैं.
कोरोनावायरस के पहले संक्रमण मामलों की पुष्टि 31 दिसंबर 2019 को चीन के वूहान शहर में की गई थी.
अगले तीन महीनों में इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए 67 करोड़ डॉलर के निवेश की आवश्यकता बताई गई है और अभी तक 11 करोड़ डॉलर का संकल्प लिया जा चुका है.