वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कोरोनावायरस: संक्रमितों की संख्या में मामूली कमी, मगर अभी अंधेरे में तीर

चीन के शेंगडु शुआंकलियू हवाई अड्डे का एक दृश्य. लोग कोरोनावायरस से बचाव के लिए एहतियात बरत रहे हैं.
UN News/Jing Zhang
चीन के शेंगडु शुआंकलियू हवाई अड्डे का एक दृश्य. लोग कोरोनावायरस से बचाव के लिए एहतियात बरत रहे हैं.

कोरोनावायरस: संक्रमितों की संख्या में मामूली कमी, मगर अभी अंधेरे में तीर

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र ने कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में मामूली सी गिरावट आने की ख़बरों का स्वागत किया है, मगर साथ ही ये भी कहा है कि इसमें बहुत ज़्यादा ख़ुशियाँ मनाने की बात नहीं है क्योंकि ख़तरा अभी कम नहीं हुआ है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन में स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉक्टर माइकल रयान ने गुरूवार को जिनीवा में बताया कि चीन में कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 28 हज़ार 60 होने की ख़बरे हैं.

चीन में इस वायरस के संक्रमण से अभी तक 564 लोगों की मौत हो चुकी है. इस वायरस के संक्रमण के 225 मरीज़ 24 अन्य देशों में भी पाए गए हैं और फ़िलिपीन्स में एक व्यक्ति की मौत दर्ज की गई है.

Tweet URL

डॉक्टर माइकल रयान ने कहा, “बेशक हम इन ख़बरों पर प्रसन्न हैं कि चीन में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या में पहली बार कमी देखी गई है. इसलिए हम शुक्रगुज़ार हैं. साथ ही मुझे उम्मीद है कि चीन में घटनास्थलों पर जो हमारे सहयोगी अथक काम कर रहे हैं, उन्हें भी इस प्रगति से ख़ुशी हुई होगी.”

“लेकिन स्थिति के बारे में अभी कुछ भी अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है. हम अब भी एक भीषण बीमारी फैलने के गंभीर मुक़ाम पर हैं और किसी भी तरह का अंदाज़ा लगाने में बहुत सतर्कता बरतनी होगी.”

अभी कम जानकारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि नए कोरोनावायरस के बारे में अभी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है. ये अवश्य मालूम है कि ये वायरस उमरदराज़ और उन लोगों के लिए बहुत घातक है जो पहले से ही डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन जैसी स्वास्थ्य दशाओं से जूझ रहे हैं.

ग़ौरतलब है कि कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि 31 दिसंबर 2019 को चीन के वूहांग शहर में की गई थी.

महानिदेशक ने कहा कि ये श्वसन प्रणाली पर आघात करने वाला वायरस है.

उन्होंने कहा कि लोगों को बुनियादी स्वच्छता रखने की सख़्त ज़रूरत है जिसमें हाथ लगातार धोकर साफ़ रखना और छींकते या खाँसते समय या तो मुँह पर कोई पेपर या रूमाल वग़ैरा ढकना या अपनी कोहनी से ढक लेना बेहतर होगा जिससे वायरस के आगे फैलने का ख़तरा कुछ कम होगा.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा, “हम अभी इस वायरस से स्रोत के बारे में ठोस तरीक़े से नहीं जानते हैं, हम ये भी नहीं जानते कि इसका प्राकृतिक ठिकाना क्या है और हम सही तरह से ये भी नहीं जानते कि ये किस तरह फैलता है और इसकी गंभीरता क्या है. हमें इन सभी सवालों के सटीक जवाब तलाश करने हैं.”

अभी कोई दवा या इलाज नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया ने पत्रकारों को बताया कि वैसे तो इस वायरस का जैविक ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है लेकिन इसके संक्रमण को रोकने के लिए अभी कोई दवा उपलब्ध नहीं है और ना ही अभी कोई इलाज प्रक्रिया मौजूद है.

उन्होंने कहा, “अगर स्पष्ट शब्दों में कहें तो हम अभी केवल अंधेरे में तीर चला रहे हैं, हमें इस वायरस को उजाले में सामने लाना होगा ताकि हम इस पर सटीक तरीक़े से हमला कर सकें.”

इस वायरस के बारे में और ज़्यादा समझ विकसित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिनीवा स्थित अपने मुख्यालय में 11 और 12 फ़रवरी को एक वैश्विक शोध और नवाचार फ़ोरम बुलाया है.

संगठन ने पुष्टि की है कि इस फ़ोरम में चीन सहित दुनिया भर से विशेषज्ञों के शिरकत करने की उम्मीद है जिनमें से कुछ निजी रूप में और दूरसंचार माध्यमों के ज़रिए शामिल होंगे.

इस फ़ोरम के प्रतिभागी कोरोनावायरस के संबंध में शोध व अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, इसमें इस वायरस के स्रोत का पता लगाने की भी कोशिश की जाएगी.

स्वास्थ्य एजेंसी ने एक वक्तव्य जारी करके कहा कि ये विशेषज्ञ इस वायरकस के जैविक नमूने और जेनेटिक संदर्भों पर भी बातचीत करेंगे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनथन का कहना है, “इस बीमारी को पूरी तरह समझने, इसके ठिकाने, इससे फैलने वाले संक्रमण और चिकित्सीय गंभीरता को अच्छी तरह समझकर उसका मुक़ाबला करने के लिए असरदार तरीक़े अपनाना इस बीमारी को नियंत्रण में करने के लिए बहुत ज़रूरी है. तभी इस बीमारी से होने वाली मौतें और आर्थिक नुक़सान कम किए जा सकेंगे.”