कोरोनावायरस: अफ़वाहों से सावधान रहने की ज़रूरत
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस के बारे में अफ़वाहों और ऑनलाइन माध्यमों पर दुष्प्रचार व झूठी सूचनाओं को रोकने के लिए कुछ अहतियाती उपाय किये हैं. ध्यान रहे कि मध्य चीन में कोरोनावायरस के कारण अभी तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने ग़लत जानकारी फैलाने की कोशिशों को ‘इन्फ़ोडेमिक’ क़रार दिया है.
ऐसी भी ख़बरें मिल रही हैं कि जैसे-जैसे कोरोनावायरस का संक्रमण फैल रहा है, वैसे-वैसे ही चीनी मूल के व्यक्तियों के ख़िलाफ़ भेदभाव भी बढ़ रहा है.
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इन ख़बरों के बीच यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस बीमारियों से प्रभावित होने वाले लोगों के विरुद्ध किसी भी तरह का भेदभाव बन्द करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का आहवान किया है.
संक्रमित ‘बादल’ की अफ़वाहें
विश्व स्वास्थ्य संगठन में वैश्विक संक्रमण आपदा की तैयारियों संबंधी विभाग के निदेशक सिलवी ब्रियांड ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि एजेंसी ने इन अफ़वाहों को रद्दे करने के लिए पहले ही अहतियाती क़दम उठाए हैं जिनमें कहा जा रहा था कि कोरोनावायरस संक्रमित बादल से भी फैल सकता है.
उन्होंने कहा, “लोगों को अचानक लगने लगा कि कोरोनावायरस हवा में मौजूद है... और ये भी कि वायरस का कोई बादल भी है” जिससे संक्रमण फैल सकता है.
“ऐसा कुछ भी नहीं है. स्थिति ये है कि ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के बहुत नज़दीक से संपर्क में आने पर फैलने का ख़तरा होता है... इसलिए हम ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि हम विज्ञान समझते हैं – और इस वायरस के पीछे के विज्ञान केबारे में अभी पूरी तरह जानकारी उपलब्ध नहीं है. हमने ऐसी सिफ़ारिशें भी पेश की हैं जिनके ज़रिए लोगों को ख़ुद और अपने परिवारों को इस संक्रमण से महफ़ूज़ रखने में मददम मिल सकती है.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने भी सोमवार को कहा था कि दुनिया भर की प्रमुख इंटरनेट कंपनियों के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि ऑनलाइन खोज में कोरोनावायरस के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तैयार की गई जानकारी सबसे पहले उपलब्ध रहे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये समाचार लिखने तक कोरोनावायरस के संक्रमण से 425 लोगों की मौत हो चुकी है. चीन में ही इसके संक्रमण के 20 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और चीन के अलावा अन्य देशों में 158 मामले सामने आए हैं.
डॉक्टर सिलवी ब्रियांड ने इस चुनौती का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता की अपील करते हुए कहा कि ये भी बहुत ज़रूरी है कि सूचना पर अंकुश लगाने के बजाय वायरस के बारे में उपलब्ध सही जानकारी फैलाई जाए, और जो नहीं मालूम है, उसके बारे में भी जानकारी मुहैया कराई जाए.
उन्होंने कहा कि जो लोग भी तक कोरोनावायरस के संक्रमण के शिकार हुए हैं उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता पहले से ही कमज़ोर थी और उनमें से ज़्यादातर कैंसर और अन्य क्रोनिक बीमारियों के मरीज़ थे. साथ ही इसके संक्रमण का शिकार होने वाले काफ़ी लोग वृद्ध हैं.
कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण विश्व स्तर वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित होने के बाद अभी ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि इस वायरस ने किसी तेज़ी से ख़ुद को फैलने की क्षमता हासिल की हो.
अभी जोखिम का अंदाज़ा मुश्किल
डॉक्टर सिलवी ब्रियांड ने कहा कि ये आकलन करना अभी जल्दबाज़ी होगी कि ये वायरस कितना ख़तरनाक है. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफ़ारिश दोहराते हुए कहा कि संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से पहले अच्छी तरह हाथ धोएँ और मुँह व नाक पर मास्क लगाएँ.
इस स्वास्थ्य चुनौती का सामनी करने में मुस्तैदी दिखाने की चीन सरकार की इच्छाशक्ति का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक उन लोगों के बारे में ज़्यादा जानकारी जुटाने के इच्छुक हैं जो लोग इस संक्रमण के कारण मौत का शिकार हो चुके हैं. इससे उन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परिस्थितियों को समझने में मदद मिलेगी जिनके कारण लोगों की ज़िन्दगियों के लिए इतना बड़ा जोखिम पैदा हो गया है.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस समय शोधकर्ता गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों पर ये देखने के लिए ज़्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि कहीं इन्फ्लूएंज़ा जैसे ही लक्षणों का सिलसिला तो नज़र नहीं आ रहा है.
एकजुटता की पुकार
इस बीच यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी कोरोनावायरस की चुनौती का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का आहवान किया है. न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता में एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सही समय पर अंतरराष्ट्रीय स्तर वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित कर दिया है और चीन सहित उन देशों को भी मदद दी जा रही है जहाँ इस संक्रमण के मामले सामने आए हैं.
यूएन प्रमुख ने पत्रकारों को बताया, “हम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताएँ और संसाधन लगाने की कोशिश कर रहे हैं.”
उन्होंने ये भी बताया कि अभी किसी यूएन कर्मचारी के इस वायरस से संक्रमित होने के समाचार नहीं हैं.