आतंकवाद का मुक़ाबला, खेलों के ज़रिए

विश्व में खेल-कूद प्रतियोगिताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हिंसक चरमपंथ व आतंकवाद से लड़ाई में खेलों की भूमिका व उनके सकारात्मक मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक वैश्विक कार्यक्रम शुरू किया गया है. टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा में खेलों को सहिष्णुता व पारस्परिक सम्मान के नज़रिए से महत्वपूर्ण क़रार दिया गया है.
नए कार्यक्रम के ज़रिए ऐसी अभिनव नीतियाँ और तरीक़े विकसित करने का प्रयास किया जाएगा जिनसे महत्वपूर्ण खेल-कूद आयोजनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सार्वजनिक-निजी साझेदारियों और टिकाऊ सुरक्षा पद्धतियों के ज़रिए सुरक्षा को पुख़्ता बनाया जा सके.
Preventing & securing are the 2 pillars of our #SportsAgainstTerrorism programme. The 1st Expert mtg will focus on vulnerability of sport venues to terrorist attacks, the 2nd on strengthening youth resilience through sport & its values - USG Voronkov👁https://t.co/Ahoi7to3RO pic.twitter.com/cWW4golxLX
UN_OCT
न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में आतंकवाद विरोधी कार्यालय के प्रमुख व्लादीमीर वोरोन्कोफ़ ने कहा कि खेल-कूद में हिस्सा लेने के ज़रिए लोगों को बेहतर बनाने, सहिष्णुता, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और समुदायों को मज़बूत बनाने में मदद मिलती है.
उन्होंने खेल आयोजनों के दौरान सुरक्षा के लिए कई स्तरों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग व समन्वय को आवश्यक बताया और कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ इस कार्यक्रम के दो प्रमुख स्तंभ रोकथाम व सुरक्षा हैं.
हाल के दशकों में सार्वजनिक स्थलों पर कई आतंकवादी हमले हुए हैं जिनमें मासूम लोगों को निशाना बनाया गया.
खेल-कूद प्रतियोगिताएँ सभ्यताओं, संस्कृतियों व युवाओं में सकारात्मक मूल्यों के प्रसार में अहम भूमिका निभाते रहे हैं और इसी वजह से ऐसे आयोजनों के दौरान होने वाले हमलों को विशेष रूप से घिनौना माना जाता है.
संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) यह कार्यक्रम यूएन इंटर-रीजनल क्राइम रिसर्च इंस्टीट्यूट (UNICRI), यूनाइटेड नेशन्स एलायंस ऑफ़ सिविलाइज़ेशन्स (UNAOC) और इंटरनेशनल सेन्टर फ़ॉर स्पोर्ट सिक्योरिटी (ICSS) के सहयोग से शुरु कर रहा है.
टिकाऊ विकास का 2030 एजेंडा और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2419 में शांति व विकास और सहिष्णुता व आदर के प्रसार में खेल-कूद व संस्कृति के महत्व को रेखांकित किया गया है.
खेल आयोजनों पर मंडराते आतंकी ख़तरों को दूर करने के लिए जटिल सुरक्षा व पुलिस इंतज़ामों की ज़रूरत होती है.
इनके तहत सुरक्षित स्थलों की तलाश, साइबर सुरक्षा का इंतज़ाम, संचार, भीड़ प्रबंधन व आपात हालात की पूर्ण रूप से तैयारी अहम है जिसके लिए अन्य देशों के साथ बेहतर समन्वय व तालमेल की आवश्यकता होती है.
हिंसक चरमपंथ व आतंकवाद का मुक़ाबला करने में खेल के मूल्यों के प्रसार को शक्तिशाली ज़रिया क़रार दिया गया है.
इस कार्यक्रम को क़तर, यूनाइटेड नेशन्स पीस एंड डवेलपमेंट फंड और कोरिया गणराज्य का समर्थन प्राप्त है.
इससे खेल आयोजनों की देखरेख में लगी क़ानून एजेंसियों, पुलिस, सार्वजनिक व निजी कंपनियों, खेल संघों और एथलीटों के साथ तालमेल बनाया जाएगा.
इस कार्यक्रम के चार प्रमुख उद्देश्य बताए गए हैं: