मैक्सिको में फँसे प्रवासी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने मैक्सिको सरकार को याद दिलाते हुए कहा है कि जो भी शरणार्थी बच्चे देश की सीमा में दाख़िल होते हैं उनके अधिकारों की रक्षा करना वहाँ के अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है.
यूनीसेफ़ ने शनिवार को कहा कि मैक्सिको के सीमावर्ती शहर मतामोरोस में लगभग दो हज़ार लोग एकत्र हैं जिनमें लगभग 700 बच्चे हैं.
यूनीसेफ़ ने वहाँ मौजूद परिवारों और विशेष रूप से बच्चों के लिए अपनी सेवाएँ दी हैं. इनमें से कुछ परिवार और बच्चे तो कई सप्ताहों और कुछ अनेक महीनों से वहाँ प्रतीक्षा कर रहे हैं.
यूनीसेफ़ ने इसके साथ ही प्रवासी बच्चों की हिफ़ाज़त के लिए बनाए गए प्रोटोकोल को तेज़ी से लागू करने का भी आहवान किया है.
मैक्सिको सरकार द्वारा तैयार किए गए इस प्रोटोकोल में बताया गया है कि अगर कोई शरणार्थी बच्चे मैक्सिको के सीमा क्षेत्र में दाख़िल होते हैं तो संस्थानों को उन बच्चों के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए क्या ज़रूरी क़दम उठाने होंगे.
मैक्सिको में यूनीसेफ़ की उप प्रतिनिधि प्रेसिया आरिफ़िन-काबो ने कहा है, “ये बहुत महत्वपूर्ण है कि मैक्सिको सरकार प्रवासी बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रोटोकोल को जल्द से जल्द लागू किया जाए.”
उप प्रतिनिधि ने कहा, “हम फिलहाल मातामोरास में प्रवासी बच्चों और किशोरों की स्थिति पर नज़दीकी नज़र रखे हुए हैं और हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि ये सभी अपने मूल स्थान से रवाना होने के बाद, रास्ते में और अपनी मंज़िल तक पहुँचने के दौरान सभी स्तरों पर पूरी तरह से सुरक्षित रहें."
"और हमें ये सुरक्षा बिना देरी किए सुनिश्चित करनी होगी क्योंकि बच्चे ज़्यादा इंतज़ार नहीं कर सकते.”
यूनीसेफ़ इस स्थिति का सामना कर रहे बच्चों के लिए बाल सुलभ स्थान बनाकर परिवारों की मदद कर रहा है.
साथ ही यूनीसेफ़ उन्हें मनोवैज्ञानिक चिकित्सा सहायता मुहैया कराने के अलावा पानी, स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई सेवाओं के तालमेल में भी मदद दे रहा है.
यूनीसेफ़ के कर्मचारी प्रवासी बच्चों और उनके परिवारों को एक साथ रखने में भी उनकी मदद कर रहे हैं.