यूएन-75 संवाद शुरू: सभी हैं शिरकत के लिए आमंत्रित

संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 75वें वर्ष में वैश्विक चुनौतियों के समाधान की तलाश करने के लिए लोगों की आवाज़ सुने जाने के प्रयासों के तहत बुधवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में युवा प्रतिनिधियों ने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के साथ एक संवाद में हिस्सा लिया. इस सभा में युवा प्रतिनिधियों ने भविष्य के लिए अपनी महत्वाकांक्षी रूपरेखा के बारे में बात की जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग व सभी की बात सुना जाना अहम बताया गया.
इस कार्यक्रम के साथ ही यूएन स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर वैश्विक संवाद की औपचारिक शुरुआत हो गई है जिसके समानांतर अन्य गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी.
From the streets to the web, young people are demanding a say in the decisions that affect their present and their future.Today I heard from some of them, as part of our #UN75 conversations.You too can make your voice heard. Here’s how: https://t.co/k0n9dXo0Jt pic.twitter.com/IoGqEGv8Mh
antonioguterres
इस संवाद का उद्देश्य यह जानना है कि सभी के लिए बेहतर दुनिया के निर्माण में संगठन किस तरह और ज़्यादा काम कर सकता है.
महासचिव ने कहा कि वह चाहते हैं कि युवाओं के पास आधुनिक युग में वो भूमिका निभाने का अवसर हो, जो उन्हें निभानी चाहिए, “हम बदलना चाहते हैं, हम बेहतर होना चाहते हैं, हम आपकी आकांक्षाओं व चिताओं पर काम करना चाहते हैं.”
संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में आमतौर पर मंच से भाषण दिए जाते हैं लेकिन इस परिपाटी में बदलाव लाते हुए यूएन प्रमुख युवाओं के बीच में बैठे और उन्होंने स्पष्ट किया कि वह सवालों के जवाब देने नहीं, बल्कि उनकी बात सुनने आए हैं.
जॉर्डन की एक युवा प्रतिनिधि जहॉं रिफ़ाई ने बताया कि उनके लिए एक बेहतर दुनिया का अर्थ उन सभी क़रीब सात करोड़ 10 लाख लोगों की घर वापसी है जिन्हें युद्ध और यातना के कारण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
“मैं साथ ही दुनिया में मौजूदा व अतीत से जारी हिंसक संघर्षों का निपटारा होते देखना चाहूंगी जिनके ख़त्म होने की संभावना अभी नज़र नहीं आ रही.”
“इसे बेहद आशावादी होना कहा जा सकता है या फिर यह बार-बार कही जाने वाली बात भी हो सकती है, लेकिन मैं ऐसी दुनिया देखना चाहूंगी जहां कोई डर ना हो, जहाँ नफ़रत ना हो और जहां लोग पुरउम्मीद हों.”
यूएन प्रमुख ने सभागार में मौजूद पैनल प्रतिभागियों व युवाओं से पूछा कि क्या उन्हें महसूस होता है कि अगले 25 वर्ष में दुनिया बेहतर होगी – जब संयुक्त राष्ट्र 100 वर्ष का हो जाएगा.
युवाओं ने हाथ उठाकर इस सवाल का जवाब दिया जिसके बाद महासचिव ने कहा कि ऐसा लगता है कि युवा भविष्य के प्रति आशावान हैं.
अर्जेंटीना की नतालिया हर्बस्ट भविष्य के प्रति आशान्वित होने के साथ-साथ आशंकित भी हैं. वह सामाजिक समावेशन के लिए प्रयासरत हैं और उन्होंने बताया कि टिकाऊ विकास लक्ष्य एक न्यायोचित विश्व के निर्माण का रोडमैप है लेकिन तभी जब सभी उसमें शामिल हों.
बेल्जियम की एलेनोर पॉवेल्स आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) सहित अन्य टैक्नॉलजी की सुरक्षा व संचालन मामलों पर रिसर्च में जुटी हैं.
उन्होंने बताया कि राजनैतिक व टैक्नोलॉजी सैक्टर में खाई को पाटने में यूएन की अहम भूमिका है ताकि शक्तिशाली नई टैक्नोलॉजी के लाभ सभी को हासिल हो सकें.
एलेनोर पॉवेल्स के मुताबिक आर्टिफ़िशियल इंटैलीजेंस और सायबर सुरक्षा से नफ़रत भरे भाषणों व संदेशों की रोकथाम करने, मानव तस्करी को कम करने, चुनावों में धांधली पर लगाम कसने और साइबर अपराध रोकने में मदद मिल सकती है लेकिन फिर भी टैक्नॉलॉजी के इस्तेमाल में निहित जोखिमों को अनदेखा नहीं किया जा सकता.
“आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस और डीएनए टैक्नॉलॉजी की मदद से हम सटीक दवाईयाँ विकसित कर सकते हैं, हम ज़्यादा शक्तिशाली बायोटेक हथियार भी बना सकते हैं.”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगली पीढ़ी को इन चुनौतियों के मद्देनज़र सही प्रशिक्षण दिया जाना ज़रूरी है.
नेपाल के नागरिक व संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत अमित जोशी ने आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस के ग़लत इस्तेमाल को रोकने व लोगों की निजता की सुरक्षा के लिए कार्रवाई किए जाने की उम्मीद जताई.
‘यंग यूएन नेटवर्क’ के सदस्य अमित जोशी ने बताया कि “डेटा को कॉरपोरेशन व सरकारें दोनों एकत्र कर सकती हैं.”
“कॉरपोरेशन मुनाफ़े के नाम पर बिना आपकी अनुमति लिए डेटा एकत्र करते हैं.
सरकारें सप्ताह के सातों दिन, 24 घंटे, आपकी निगरानी कर डेटा जुटाती हैं ताकि आपकी आवाज़ को दबाया जा सके. इसलिए हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं? यहां बोलने की आज़ादी नहीं है.”
'यूएन-75' नाम से शुरू हुई इस पहल को वैश्विक स्तर पर वास्तविकता को जानने-समझने (Global reality check) का एक अवसर बताया गया है जिसमें एक बेहतर भविष्य के निर्माण से संबंधित बातचीत को बढ़ावा दिया जाएगा और समाधान सुने जाएंगे.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश इस प्रक्रिया से जुटाए गए राय-मशविरों को विश्व नेताओं और यूएन के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष 21 सितंबर 2020 को होने वाले एक उच्च-स्तरीय आयोजन के दौरान पेश करेंगे.
यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाएगा.