कोरोनावायरस: संक्रमण खाड़ी क्षेत्र में भी, विश्व भर में कुल 6000 मामले

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को पुष्टि की है कि कोरोनावायरस का संक्रमण अब खाड़ी क्षेत्र के देश संयुक्त अरब अमीरात तक भी पहुँच गया है. इस वायरस के संक्रमण के अधिकतर मामले अभी चीन में भी फैले हुए हैं और वहाँ 6 हज़ार से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से 68 मामले अन्य देशों में पाए गए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जानकारी दी है कि चीन के वूहान शहर के एक परिवार के जो 4 सदस्य जनवरी के आरंभ में संयुक्त अरब अमीरात पहुँचे थे उन्हें कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हो जाने के बाद 25 और 27 जनवरी को वहाँ अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस पुष्टि के बाद अब कोरोनावायरस 15 देशों में फैल चुका है. संयुक्त अरब अमीरात पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र का पहला ऐसा देश है जहाँ कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस घेबरेयेसस ने बुधवार को पुष्टि करते हुए हबताया कि कोरोनावायरस 68 मामले चीन के बाहर पाए गए हैं.
वैसे तो ये संख्या कुल मामलों की केवल एक प्रतिशत के लगभग है मगर इस संक्रमण का भौगोलिक दायरा बहुत बड़ा है.
इस वायरस के संक्रमण के मरीज़ उत्तर अमरीका, योरोप, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के अनेक देशों में पाए गए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को घोषणा की कि चीन में अभी तक पुष्ट हुए मामलों में से 1239 को गंभीर पाया गया है और अभी तक इस वायरस के कारण 132 लोगों की मौत होने की पुष्टि की गई है.
चीन में कोरोनावायर के संक्रमण के कुल लगभग 9239 संदिग्ध मामले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन के लिए इस संदर्भ में जोखिम को “बहुत उच्च श्रेणी” में रखा है जबकि क्षेत्रीय और वैश्विक जोखिम “उच्च श्रेणी” में रखा गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक व अन्य वरिष्ठ विशेषज्ञों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मंगलवार को मुलाक़ात करके इस संक्रमण के बारे में विचार-विमर्श किया.
एजेंसी के पदाधिकारियों ने इस संक्रमण को जल्द से जल्द क़ाबू में लाने के लिए संकल्प भी दोहराया.
स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि वूहान में इस संक्रमण पर नियंत्रण उपायों में बेहतरी लाई जा रही और चीन के अन्य शहरों में भी सार्वजनिक स्वास्थ्य के उपाय और ज़्यादा मज़बूत किए जा रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीनी अधिकारियों ने इस वायरस के संक्रमण के बारे में तमाम जानकारी एक दूसरे के साथ साझा करने का संकल्प व्यक्त किया है.
चीन बायोलॉजिकल सामग्री विश्व स्वास्थ्य संगठन को देगा जिसके ज़रिए इस वायरस का असरदार इलाज तलाश करने और प्रभावशाली दवाई तैयार करने में मदद मिल सकेगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया ने घोषणा की कि संगठन की आपदा समिति कोरोनावायरस के संक्रमण के ख़तरे का आकलन करने के लिए गुरूवार को दूसरी बार बैठक करेगी.
इस बैठक में इसी मुद्दे पर विचार किया जाएगा कि क्या कोरोनावायरस से सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली आपदा की स्थिति उत्पन्न होती है.
इस बैठक के लिए चीन की तरफ़ से विश्व स्वास्थ्य संगठन को अनुरोध प्राप्त हुआ था.
इसी तरह की पहली बैठक 23 जनवरी को समाप्त हुआ था जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली आपातस्थिति घोषणा नहीं करने का निर्णय लिया गया था, हालाँकि इस मुद्दे पर समिति के सदस्यों में भिन्न राय थी.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र बालकोष – यूनीसेफ़ ने बुधवार को बताया कि उसने चीन में कोरोनावायरस के संक्रमण से निपट रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए लगभग 6 टन ऐहतियाती सामग्री भेजी है जिसमें साँस मास्क और सुरक्षित परिधान भी शामिल हैं.
यूनीसेफ़ द्वारा भेजी गई ये सामग्री शंघाई में पहुँच गई है. वहाँ से इस सामग्री को वूहान शहर भेजा जाएगा जहाँ इस संक्रमण के ज़्यादातर मामले दर्ज किए गए हैं.
यूनीसेफ़ आने वाले दिनों और सप्ताहों में इस तरह की और ज़्यादा सामग्री चीन भेजने की तैयारी कर रहा है.
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हेनरिएटा फ़ोर ने कहा है, “कोरोनावायरस का संक्रमण बहुत तेज़ रफ़्तार से फैल रहा है और इसे रोकने के लिए सभी ज़रूरी उपाय करना बहुत महत्वपूर्ण है.”
“अभी शायद बच्चों पर इस वायरस के प्रभाव के बारे में समुचित जानकारी उपलब्ध ना हो, या कितने बच्चे इससे अभी तक संक्रमित हो चुके हैं, मगर हम ये अवश्य जानते हैं कि कड़ी निगरानी करना और ऐहतियात बरतना बहुत अहम है. इस मामले में हमारे पास समय बहुत कम है.”