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हरित अर्थव्यवस्था पर सराहनीय कार्य के लिए पवन सुखदेव को 'टायलर सम्मान'

पर्यावरण अर्थशास्त्री और यूएन पर्यावरण एजेंसी के सदभावना दूत पवन सुखदेव को वर्ष 2020 का टायलर प्राइज़ दिया जाएगा.
Leonardo Druscovich
पर्यावरण अर्थशास्त्री और यूएन पर्यावरण एजेंसी के सदभावना दूत पवन सुखदेव को वर्ष 2020 का टायलर प्राइज़ दिया जाएगा.

हरित अर्थव्यवस्था पर सराहनीय कार्य के लिए पवन सुखदेव को 'टायलर सम्मान'

एसडीजी

प्रख्यात पर्यावरण अर्थशास्त्री और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के सदभावना दूत पवन सुखदेव को पर्यावरण क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए वर्ष 2020 का 'टायलर सम्मान' देने की घोषणा हुई है. पर्यावरण क्षरण के आर्थिक दुष्परिणामों और हरित अर्थव्यवस्था पर उनके अभूतपूर्व कार्य को पहचानते हुए उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया है.

वर्ष 2020 के लिए 'टायलर सम्मान' पवन सुखदेव, स्टैनफ़र्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर ग्रेचेन सी. डेली के साथ ग्रहण करेंगे  जो नैचुरल कैपिटल प्रोजेक्ट की संस्थापक और जीव-वैज्ञानिक हैं.

पर्यावरण के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए दिया जाने वाला ‘टायलर सम्मान’ सबसे पुराने पुरस्कारों में से एक है जिसे वैश्विक पर्यावरण के संरक्षण और उसे बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है.

पवन सुखदेव ने वर्ष 2008 में ‘पर्यावरण और जैव-विविधता का अर्थशास्त्र’ या The Economics of Environment and Biodiversity (TEEB) नामक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिससे विश्व में हरित अर्थव्यवस्था की नींव तैयार करने में मदद मिली.

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इसके बाद यूएन पर्यावरण एजेंसी ने उन्हें ‘Green Economy Initiative’ का नेतृत्व करने के लिए चुना जिसका उद्देश्य यह दर्शाना था कि अर्थव्यवस्थाओं को हरित बनाकर किस तरह आर्थिक विकास और रोज़गार के अवसरों में बढ़ोत्तरी हो सकती है और ग़रीबी कम की जा सकती है.

वर्ष 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान पहली बार TEEB रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी. इसके बाद वनों की कटाई से वैश्विक अर्थव्यवस्था को होने वाला नुक़सान दुनिया भर में मीडिया की सुर्ख़ी बन गया.

इसी उपलब्धि के लिए पवन सुखदेव को वर्ष 2020 के टायलर पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है.

पवन सुखदेव ने कहा है कि यह सम्मान यूएन पर्यावरण कार्यक्रम के साथ-साथ सक्रिय और जीवंत TEEB समुदाय की भी पहचान है.

उनका मानना है कि “पर्यावरण की रक्षा और उसके प्रति चिंता करने के लिए आपको पर्यावरणवादी होना ज़रूरी नहीं है. उस किसान से पूछिए जिसे अपनी फ़सलो में परागीकरण के लिए अब मधुमक्खियों को किराए पर लेना पड़ रहा है क्योंकि जंगली प्रकृति में और पर्याप्त संख्या में मधुमक्खियां नहीं बची हैं. लेकिन मधुमक्खियां रसीद नहीं भेजती हैं इसलिए उनकी सेवाओं के सही मूल्य की पहचान नहीं हो पाती.”

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के पूर्व प्रमुख और यूएन विकास कार्यक्रम के प्रशासक एख़िम श्टाइनर ने बताया, “पवन सुखदेव और डॉक्टर ग्रेचेन ने हमारे प्राकृतिक पर्यावरण के आर्थिक मूल्यों के प्रति अभूतपूर्व जानकारी को सामने रखा है – इससे निर्णय-निर्धारकों को पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्रों और जैव-विविधता के संरक्षण के लिए नए क़दम उठाने में मदद मिली है.”

एख़िम श्टाइनर कई वर्षों तक पवन सुखदेव के साथ काम कर चुके हैं और उनके मुताबिक़ TEEB के क्षेत्र में उनका काम वास्तव में कायपलट कर देने वाला है. इससे प्रकृति प्रदत्त सेवाओं की आर्थिक व सामाजिक अहमियत के प्रति जागरूकता के प्रसार में मदद मिली है और इस दिशा में प्रयासरत लोगों का एक समुदाय बना है.

पवन सुखदेव मौजूदा समय में 'वर्ल्ड वाइल्डलाइफ़ फंड' के अध्यक्ष और बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर कार्यरत हैं. साथ ही वह TEEB के सलाहकार बोर्ड, स्टॉकहोम रेज़िलियंस सेंटर और कैंब्रिज कंज़र्वेशन इनिशिएटिव के बोर्ड सदस्य भी हैं.

इस पुरस्कार की ज़िम्मेदारी दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी के पास है और इसे अक्सर पर्यावरण के क्षेत्र में दिया जाने वाला नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है.

न्यूयॉर्क के एक एक होटल में 1 मई 2020 को आयोजित होने वाले एक निजी समारोह में टायलर पुरस्कार कार्यकारी समिति और अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण समुदाय के सदस्य भी शिरकत करेंगे.