कोरोनावायरस: फ़िलहाल अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एमरजेंसी जैसे हालात नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आपात समिति ने कहा है कि चीन में कोरोनावायरस फैलने को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित करने जैसे हालात अभी नहीं बने हैं. हालांकि समिति के सदस्यों ने माना है कि चीन में इस वायरस के फैलने से हालात गंभीर हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की आपात समिति में दो दिन तक गहन चर्चा के बाद भी इस विषय में एक राय नहीं बन पाई.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने जिनीवा में एक प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि चीन में यह एक बड़े जोखिम वाली एमरजेंसी है लेकिन अभी यह वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी नहीं है.
महानिदेशक ने कहा कि इस फ़ैसले को ऐसा संकेत नहीं माना जाना चाहिए कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी कुछ कार्रवाी नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन हर दिन मिनट-दर-मिनट नज़र रखे हुए है और व्यक्तियों के ज़रिए आपस में होने वाले संक्रमण रोकने के प्रयासों में जुटा है.
यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने अब तक 584 मामलों का पता चलने की पुष्टि की है जिनमें 575 मामले चीन में हैं.
इस वायरस से अभी तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है.
अन्य मामले जापान (1), दक्षिण कोरिया (1), अमेरिका (1), वियतनाम (1) और थाईलैंड (4) में सामने आए हैं.
सभी मरीज़ वूहान शहर से यात्रा कर रहे थे जिसे कोरोनावायरस का केंद्र माना गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि अब तक ये पुष्टि हो चुकी है इस वायरस से गंभीर बीमारी हो सकती है और कुछ मामलों में यह घातक भी साबित हो सकता है लेकिन अधिकतर इसके लक्षण सामान्य ही रहते हैं.
“संक्रमित लोगों में क़रीब एक चौथाई पीड़ितों में गंभीर लक्षण देखने को मिले हैं. जिन लोगों की मौत हुई है वे अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज़, हृदयरोग से पीड़ित थे.”
उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यह संक्रमण फैला है लेकिन अभी ऐसे मामले परिवार के सदस्यों या पीड़ित व्यक्तियों की देखभाल में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों तक ही सीमित हैं.
चीन से बाहर अन्य देशों में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसके फैलने का फ़िलहाल कोई साक्ष्य नहीं है लेकिन इसकी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
वायरस संबंधी जानकारी की ज़रूरत
कोरोनावायरस उस वायरस समहू का एक हिस्सा है जिससे सामान्य सर्दी-खांसी से लेकर घातक बीमारियां तक हो सकते हैं.
इसके लक्षणों में बुख़ार, खांसी, सांस फूलना और सांस लेने में दिक़्कतें जैसे लक्षण शामिल हैं.
हालत बिगड़ने पर संक्रमण न्यूमोनिया की वजह बन सकता है जिससे किडनी ख़राब होने के अलावा मौत तक हो सकती है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने कहा है कि कोरोनावायरस के बारे में जितनी जानकारी मिल पाई है उससे कहीं अधिक जानने की ज़रूरत है.
उनके मुताबिक़ अभी इसके स्रोत के बारे में कह पाना मुश्किल है या फिर यह बता पाना कि यह कितनी आसानी से फैलता है और कितना गंभीर है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोनावायरस से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने और सूचना के अभाव को दूर करने के लिए चीन और अन्य प्रभावित देशों में सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
आपात समिति के सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपात स्थिति की घोषणा तो नहीं की है लेकिन हालात की गंभीरता पर सहमति जताई है.
बताया गया है कि आवश्यकता हुई तो समिति की बैठक कुछ दिनों में फिर बुलाई जा सकती है.
बुधवार, 22 जनवरी, को जिनीवा में देर शाम तक चली बैठक में नॉवल कोरोनावायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित करने पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी जिसके बाद गुरुवार को भी चर्चा जारी रही.
चीन सरकार की ओर से वायरस के फैलने पर जानकारी उपलब्ध कराई गई है जिस पर इस बैठक में विचार-विमर्श हुआ.
समिति ने कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की है.
चीन सरकार ने हालात पर क़ाबू पाने के लिए वूहान और आसपास के इलाक़ों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएँ बंद कर दी हैं और लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.