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लीबिया: जनता की भलाई व स्थिरता की ख़ातिर, राजनैतिक हल ज़रूरी

जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने लीबिया स्थिति पर आयोजित बर्लिन सम्मेलन को संबोधित किया. यूएन महासचिव (दाईं ओर) ने भी सम्मेलन को संबोधित किया.
Federal Government/Guido Bergmann
जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने लीबिया स्थिति पर आयोजित बर्लिन सम्मेलन को संबोधित किया. यूएन महासचिव (दाईं ओर) ने भी सम्मेलन को संबोधित किया.

लीबिया: जनता की भलाई व स्थिरता की ख़ातिर, राजनैतिक हल ज़रूरी

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि लीबिया में अनेक वर्षों से जारी संघर्ष के कारण मानवीय स्थिति ख़तरनाक हो गई है, लाखों आम लोगों को भारी तकलीफ़ों का सामना करना पड़ रहा है और वहाँ संघर्ष और भीषण होने के साथ-साथ तबाही भी बढ़ती जा रही है. 

महासचिव ने लीबिया की स्थिति का कोई समाधान निकालने के मुद्दे पर जर्मनी के बर्लिन में रविवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में ये बात कही.

उत्तर अफ्रीकी देश लीबिया में जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार के नेतृत्व वाली लीबियन नेशनल आर्मी (एलएनए) के लड़ाकों और त्रिपोली में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार के बीच लड़ी चल रह है.

लीबिया की गंभीर स्थिति का कोई समाधान तलाश करने की कोशिशों के तहत जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित सम्मेलन में शिरकत करने वाले नेता.

देश के काफ़ी बड़े इलाक़े पर एलएनए का नियंत्रण है जबकि राजधानी त्रिपोली के आसपास सरकार का नियंत्रण है.

बर्लिन सम्मेलन में विश्व नेता इस उम्मीद के साथ इकट्ठा हुए थे कि लीबिया के संकट का कोई राजनैतिक समाधान निकाल लिया जाएगा.  

जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार की सेनाओं ने अप्रैल 2019 से ही राजधानीं त्रिपोली के आसपास घेरा डाल रखा है और विदेशी हस्तक्षेप के बाद वहाँ लड़ाई और तेज़ व भीषण होती जा रही है.

जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार को रूस और मध्य पूर्व के कुछ देशों का समर्थन हासिल है. 

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बर्लिन सम्मेलन में कहा कि लीबिया संकट में लोगों पर भीषण असर पड़ रहा है क्योंकि अनेक मौक़ों पर अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून की अनदेखी की गई है. 

उन्होंने कहा, “राजधानी त्रिपोली में 220 से ज़्यादा स्कूल बन्द हो गए हैं जिससे लगभग एक लाख 16 बच्चे स्कूली शिक्षा हासिल करने के अपने बुनियादी मानवाधिकार से वंचित हो गए हैं.”

“प्रवासियों व शरणार्थियों को भारी तकलीफ़ों को सामना करना पड़ रहा है और उनमें से बहुत से लोग बंदीगृहों में सीमित हैं. ये भयंकर स्थिति जारी नहीं रहने दी जा सकती.”

लीबिया से क्षेत्र को ख़तरा!

यूएन प्रमुख ने दोहराते हुए कहा कि कि लीबिया संकट का कोई हल सैनिक तरीक़े से नहीं निकाला जा सकता.

साथ ही उन्होंने ये भी याद दिलाया कि जल्दी कोई हल नहीं निकाला गया तो गृहयुद्ध पूरे देश में फैल सकता. अगर ऐसा हुआ तो इसके बहुत गंभीर परिणाम होंगे जिससे

भीषण मानवीय संकट पैदा हो सकता है और देश में स्थाई क़िस्म के विभाजन का ख़तरा पैदा हो जाएगा.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि लीबिया में गृहयुद्ध से भूमध्य सागर के दक्षिण हिस्से और सहेल क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होने का ख़तरा है और आतंकवाद, मानव तस्करी, मादक पदार्थों व हथियारों की तस्करी भी भड़कने का डर है.

एंतोनियो गुटेरेश ने लीबिया के दोनों पक्षों से हाल ही में हुए युद्धविराम का स्वागत किया और सभी पक्षों से राजनैतिक, आर्थिक व सैन्य मुद्दों पर खुले दिल से बातचीत शुरू करने का आहवान किया.

उन्होंने ये भी आग्रह किया कि सभी को शामिल करने वाला कोई समाधान तलाश करने की प्रक्रिया लीबियाई लोगों द्वारा ही शुरू होनी चाहिए जिसे संयुक्त राष्ट्र भी समर्थन भी देगा.

यूएन महासचिव ने कहा कि लीबिया के लोग सदभावना के लिए बातचीत व समझौतों के ज़रिए अपने मतभेद भुलाने व एक शांतिपूर्ण भविष्य का रास्ता साफ़ करने के लिए प्रयासरत हैं और संयुक्त राष्ट्र इन कोशिशों में लीबियाई लोगों के साथ खड़ा.