योरोप में शरणार्थी संरक्षण के लिए नई सिफ़ारिशें
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने योरोपीय संघ से वर्ष 2020 को शरणार्थी संरक्षण की दृष्टि से बदलाव भरा साल बनाने की अपील की है. एजेंसी ने इस संबंध में गुरुवार को नई सिफ़ारिशें जारी की हैं. अगले 12 महीनों के लिए योरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता क्रोएशिया और जर्मनी के पास रहेगी और योरोपीय संघ ने दोनों देशों से नई अनुशंसाओं को अमल में लाने का अनुरोध किया है.
पिछले कई सालों में नीतियों में लगातार बदलाव और ज़ोरदार बहस के बाद, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि इन महत्वाकांक्षी और हासिल करने योग्य सिफ़ारिशों से योरोपीय संघ में एक साझा और व्यावहारिक शरण प्रणाली उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.
सतत सुधारों और मेज़बान देशों के लिए वित्तीय समर्थन के ज़रिए ये संभव बनाया जा सकता है.
यूएन एजेंसी के क्षेत्रीय प्रतिनिधि गोन्ज़ालो वर्गास ल्लोसा ने पिछले दशक को विस्थापन से भरा क़रार दिया और कहा कि नए दशक को समाधानों से भरा होना चाहिए और कि इसकी शुरुआत अभी वर्ष 2020 में होगी.
“एक नए दशक में प्रवेश करते समय और ग्लोबल रैफ़्यूजी फ़ोरम की सफलता के बाद, योरोपीय संघ के पास नई अध्यक्षता के साथ वर्ष 2020 को शरणार्थी संरक्षण में बदलाव का साल बनाने का एक अवसर है.”
उन्होंने प्रवासन और शरण पर हुए नए समझौते के मज़बूत पहलुओं की चर्चा करते हुए कहा, “योरोपीय संघ योरोप के बाहर बड़ी संख्या में शरणार्थियों की मेज़बानी कर रहे देशों को मदद प्रदान करके शरणार्थियों को यूं ही जीवन काटने के बजाय उन्हें पूरी तरह फलने-फूलने में मदद कर सकता है.”
संरक्षण के लिए व्यापक अवसर
यूएन शरणार्थी एजेंसी का दस्तावेज़ नेतृत्व प्रदर्शित करने के लिए अति महत्वपूर्ण अवसरों को दर्शाता है – शरण प्रक्रिया में सतत सुधार लाना और शरणार्थियों को स्वीकार करने वाले देशों के लिए समर्थन सुनिश्चित करना.
एजेंसी के प्रस्ताव के मुताबिक़ “शरण प्रक्रिया के लिए निष्पक्ष और त्वरित प्रक्रियाओं को स्थापित किए जाने की ज़रूरत है ताकि जल्द से यह निर्धारित किया जा सके कि किसे अंतरराष्ट्रीय संरक्षण की आवश्यकता है और किसे नहीं.”
क़ानून और दस्तावेज़ों के आधार पर जिनकी पात्रता संरक्षण के लिए साबित हो जाए उन्हें तत्काल शरणार्थी का दर्जा मिलना चाहिए और सामाजिक एकीकरण में समर्थन मिलना चाहिए. जो लोग संरक्षण के लिए निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरे उन्हें लौटने में मदद दी जानी चाहिए.
क्रोएशिया और जर्मनी छह-छह महीनों के लिए योरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता संभालेंगे.
यूएन एजेंसी ने नए तंत्र पर तेज़ी से काम आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों को प्रोत्साहित किया है और नए स्थान पर बसने में मदद और परिवारों को मिलाने पर ख़ासतौर से ध्यान केंद्रित करने की बात कही है.
विश्व के 85 फ़ीसदी शरणार्थी पड़ोसी और विकासशील देशों में रह रहे हैं. व्यापक पैमाने पर ज़रूरतों का ध्यान रखते हुए वित्तीय समर्थन में नए सिरे से प्राण फूंकने की आवश्यकता है.
यूएन एजेंसी ने कहा है कि इस काम के लिए निर्धारित धनराशि को बढ़ाते हुए विविध स्रोतों से उसका इंतज़ाम करना होगा.
इससे मेज़बान देशों को मदद देना संभव होगा, साथ ही जबरन विस्थापित हुए लोग अपना जीवन फिर से संवार पाएंगे.